November 29, 2018
आजकल हर जोड़ा परिवार को पूरा करने से पहले करियर में ऊंचाईयों को छुना चाहता है | काम की भाग दौड़ में दम्पती की संतान प्राप्ति की उम्र पीछे रह जाती है | दम्पती कंसीव नहीं होने पर शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहते हैं | नि: संतानता के मेडिकल कारणों के साथ आधुनिक जीवन शैली भी इसका प्रमुख कारण बन रही है | बांझपन की समस्या भारतीय युवा लड़के-लड़कियों में तेजी से फैल रही है | नि: संतानता से परेशान दम्पतियों के लिए आईवीएफ ने संतान प्राप्ति की नयी रह खोल दी है | दुनियाभर में 80 लाख से ज्यादा नि:संतान जोड़ो के घर आईवीएफ से किलकारियां गूंज रही हैं लेकिन आईवीएफ तकनीक अपनाने से पहले दम्पती के मन में सबसे बड़ा सवाल इसके खर्चे को लेकर रहता है | टेस्ट ट्यूब बेबी (IVF) प्रक्रिया शुरुआती दौर में काफी महंगी थी | जैसे-जैसे तकनीक में नए विकास होते गए, इसके खर्चे में भी काफी कमी होती गयी |
ज्यादातर दम्पतियों को यह लगता है कि आईवीएफ इलाज काफी महंगा है, इसके लिए वित्तीय रूप से मजबूत होने की जरुरत होती है जबकि ऐसा नहीं है तकनीकी विकास के साथ आईवीएफ का खर्चा कम हो गया है अब मिडिल क्लास के दम्पती आईवीएफ इलाज़ अपना कर संतान प्राप्ति की ओर अग्रसर हो सकते हैं |
मरीज के लिए आईवीइफ (टेस्ट ट्यूब बेबी) का खर्चा 2 भागो में होता है|
पहला – डॉक्टर फीस 27,000 रूपए
डॉक्टर फीस जिसमे पुरानी रिपोर्ट्स देखना यानि केस स्टडी के साथ परामर्श, आईवीएफ प्रक्रिया शुरू करने से पहले पति – पत्नी दोनों की जांचे ,ऑपरेशन थिएटर, एम्ब्रियोलोजी लैब, भ्रूण वैज्ञानिक, गाइनेकॉलोजिस्ट, अल्ट्रासाउंड, वार्ड आदि का शुल्क शामिल हैं |
बाँझपन झेल रहा दम्पती अपनी समस्या को लेकर काफी डरा हुआ होता है ऐसे में पहले उनका कंसल्टेशन जरुरी है | डॉ. उनसे बात करके समस्या को समझते है, हर नि: संतान दम्पति में नि: संतानता के कारण अलग – अलग होते हैं | इसलिए पति – पत्नी दोनों की फर्टिलिटी की जांचे की जाती है ताकि कारणों का पता लगाकर इलाज शुरू किया जा सके |
दूसरा भाग – मेडिसिन एवं इंजेक्शन का खर्च
आई वी एफ प्रक्रिया में महिला के अंडाशय में सामान्य से अधिक अंडे बनाने के लिए कुछ दिनों तक उसे करीब 10-12 इंजेक्शन लगाये जाते है जिससे अंडे विकसित हो सकें | इसके बाद इन अंडो को महिला के शरीर से बाहर निकल कर लैब में पति के शुक्राणुओं से निषेचित करवाया जाता है जिससे भ्रूण बन जाता है| भ्रूण को बाद में महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है जिससे गर्भधारण हो सके |
मुख्यतः आईवीएफ में 3 प्रकार के इंजेक्शन काम में लिए जाते हैं, तीनो प्रकार के इंजेक्शन के खर्च अलग – अलग होते है जिनका विवरण इस प्रकार है –
यूरिनरी इंजेक्शन का खर्चा करीब – 20 से 25 हजार रुपये तक आता है
हाइली प्यूरीफाइड इंजेक्शन में 40 से 50 हजार रुपये होते हैं
रीकॉम्बीनेंट इंजेक्शन में 80 से 90 हजार रुपये होते हैं इसे सबसे अच्छा माना जाता है क्योकि
रीकॉम्बीनेंट इंजेक्शन शरीर की जीन संरचना के अनुसार तैयार किये जाते है | इन इंजेक्शन से तैयार अंडो की संख्या अच्छी और गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होती है इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है | इन सभी को मिलकर देखा जाए तो एक सामान्य आईवीएफ प्रक्रिया में लगभग 1 से 1.5 लाख रुपये तक का खर्चा होता है | कुछ वर्षों पूर्व आई वी एफ का खर्चा 2 से 5 लाख तक था, अब इसमें काफी कमी आई है कहा जा सकता है आईवीएफ आम दम्पतियों के बजट में है |
You may also link with us on Facebook, Instagram, Twitter, Linkedin, Youtube & Pinterest
Talk to the best team of fertility experts in the country today for all your pregnancy and fertility-related queries.
Call now +91-7665009014