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एचसीजी हार्मोन (HCG Hormone in Hindi): जानिए एचसीजी स्तर से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

Last updated: November 17, 2025

Overview

hCG प्लेसेंटा द्वारा बनाया जाने एक हार्मोन है, जिसका फुल फॉर्म है ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin)। यह एक ऐसा हार्मोन है जो गर्भावस्था की शुरुआत में बनता है और गर्भ को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। जब निषेचित अंडा (एम्ब्रीओ) गर्भाशय की दीवार (यूटेरिन लाइनिंग), जिसे एंडोमेट्रियम कहते हैं, पर जाकर चिपकता है, तो शरीर इस हार्मोन का स्राव शुरू कर देता है।
एचसीजी ही वह हार्मोन है जो प्रेगनेंसी टेस्ट में पॉजिटिव रिज़ल्ट देता है।
डॉक्टर hCG की रीडिंग देखकर तय करते हैं कि गर्भधारण हुआ है या नहीं और भ्रूण का विकास सामान्य है या नहीं।
आईवीएफ या IUI जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में भी एचसीजी टेस्ट बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इससे इम्प्लांटेशन (implantation) की सफलता का सटीक पता चलता है।

एचसीजी हार्मोन बढ़ने के लक्षण क्या हैं (HCG Hormone Badhne Ke Lakshan)

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में जब एचसीजी हार्मोन (hCG Hormone) बढ़ता है, तो शरीर में कुछ स्पष्ट बदलाव दिखायी देते हैं, जैसे

  • पीरियड्स का रुक जाना : यह सबसे पहला संकेत होता है।
  • थकान और कमजोरी : शरीर में ऊर्जा कम महसूस होती है।
  • मॉर्निंग सिकनेस : मतली, उल्टी या भूख में बदलाव।
  • स्तनों में भारीपन या दर्द : हार्मोनल बदलाव से स्तनों में संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
  • बार-बार पेशाब आना : hCG और प्रोजेस्टेरोन के असर से महिला को बार बार पेशाब आती है।

ये सारे लक्षण इस बात का संकेत हैं कि शरीर में गर्भधारण और उसके सपोर्ट के लिए हार्मोनल बदलाव हो रहे हैं।

एचसीजी हार्मोन कैसे बढ़ायें? (hCG ka level naturally kaise badhayein?)

हमारे शरीर में एचसीजी हार्मोन शरीर जरुरत के हिसाब से बनाता है, लेकिन कुछ तरीकों से इसके लेवल को संतुलित किया जा सकता है और कम होने पर उसे बढ़ाया भी जा सकता है ।

डाइट और पोषण:

  • प्रोटीन से भरपूर भोजन जैसे अंडे, दालें, दूध आदि से युक्त अपनी डाइट में शामिल करें।
  • विटामिन B12, फोलिक एसिड और आयरन वाली चीज़ें शामिल करें।
  • हाइड्रेटेड रहें मतलब ज्यादा पानी पिएं
  • जंक फूड से परहेज करें।

मेडिकल गाइडेंस:

आपका अगर IVF या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट चल रहा है, तो डॉक्टर एचसीजी इंजेक्शन या सपोर्टिव दवाएं दे सकते हैं, जिससे hCG का लेवल जरुरत के हिसाब से बना रहे और गर्भाशय (यूट्रस) गर्भ को बनाये रखने के साथ साथ होने वाली संतान के समुचित विकास को सुनिश्चित कर सके।

IVF ट्रीटमेंट और HCG का क्या महत्व है? (IVF me hCF kyon important hai?)

IVF ट्रीटमेंट में hCG हार्मोन की गर्भधारण की शुरुआत से लेकर उसकी पुष्टि तक बहुत अहम भूमिका होती है । यह हार्मोन सिर्फ “प्रेगनेंसी टेस्ट” का हिस्सा नहीं है, बल्कि IVF ट्रीटमेंट की पूरी प्रक्रिया में इसका इम्पॉर्टन्ट रोल होता है।

1. एग मैच्योर होने में मदद :

IVF ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर एग रिलीज़ (ovulation) कराने के लिए HCG इंजेक्शन देते हैं। इससे अंडे पूरी तरह परिपक्व होकर निकालने (egg retrieval) के लिए तैयार होते हैं।

2. इम्प्लांटेशन की सफलता :

एम्ब्रीओ ट्रांसफर के बाद शरीर में HCG बनना यह बताता है कि भ्रूण ने गर्भाशय में अपनी जगह बना ली है। अगर यह स्तर हर दो दिन में बढ़ता है, तो यह इम्प्लांटेशन के सफल होने का संकेत है।

IVF की प्रोग्रेस को समझने में मदद :

HCG के लेवल की नियमित जांच से डॉक्टर को यह पता चलता है कि गर्भ सही दिशा में बढ़ रहा है या नहीं। अगर hCG की वृद्धि धीमी हो या लेवल स्थिर रहे, तो डॉक्टर उसी आधार पर आगे का इलाज तय करते हैं। इसलिए IVF के बाद HCG मॉनिटरिंग को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। hCG हार्मोन पूरी IVF journey की सफलता का पहला संकेत होता।

10 महत्वपूर्ण बातें एचसीजी स्तर से जुड़ी (10 Important Facts about HCG Levels)

1. क्या एचसीजी का स्तर हर गर्भवती महिला में जाँचा जाना चाहिए?

हाँ, शुरुआती हफ्तों में hCG टेस्ट से गर्भ की पुष्टि और एम्ब्रीओ की हैल्थ का अंदाजा लगाया जाता है।

2. आईवीएफ पेशेंट्स में एचसीजी का क्या लेवल होता है?

IVF के बाद डॉक्टर आमतौर पर 12 से 14 दिन बाद hCG टेस्ट करवाते हैं। अगर स्तर 50 mIU/ml या उससे अधिक हो तो इसे पॉजिटिव माना जाता है।

3. आईवीएफ चक्र में एचसीजी ट्रिगर दिए जाने पर सावधानी

कभी-कभी एचसीजी इंजेक्शन IVF में एग्स मैच्योर करने के लिए दिया जाता है। ऐसे में शुरुआती टेस्ट से गलत पॉजिटिव रिज़ल्ट मिल सकता है, इसलिए टेस्ट 12 से 14 दिन बाद करना चाहिए।

4. एचसीजी दोगुना होने का समय क्या है?

सामान्य प्रेगनेंसी में hCG का लेवल हर 48–72 घंटे में दोगुना होता है।अगर यह पैटर्न सही है तो भ्रूण का विकास सामान्य हो रहा है।

5. एचसीजी के स्तर में वृद्धि या गिरावट किस बात का इशारा है?

एचसीजी का स्तर बहुत धीरे बढ़ना या गिरना गर्भपात (मिसकैरिज़) या एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) का संकेत हो सकता है। डॉक्टर इसकी निगरानी करके अगला कदम तय करते हैं।

6. बहुत कम या बहुत ज्यादा एचसीजी से क्या फर्क पड़ता है?

एचसीजी का स्तर कम होना भ्रूण के कमजोर होने या इम्प्लांटेशन फेलियर (implantation failure) का संकेत है। बहुत अधिक स्तर जुड़वां (मल्टीपल प्रेग्नेन्सीज़) या मोलर प्रेगनेंसी (molar pregnancy) की ओर इशारा कर सकता है।

7. मेरी संतान में ठीक से वृद्धि हो रही है या नहीं, यह देखने के लिए मैं कितनी जल्दी अल्ट्रासाउंड करवा सकती हूं?

आमतौर पर बीटा hCG पॉजिटिव आने के 2 हफ्ते बाद पहला अल्ट्रासाउंड किया जाता है। छठवें हफ्ते के आसपास भ्रूण की धड़कन सुनायी देती है।

8. क्या मॉर्निंग सिकनेस का कारण एचसीजी होता है?

हाँ, hCG के बढ़ने से ही मॉर्निंग सिकनेस ( morning sickness) होती है। जैसे-जैसे यह हार्मोन बढ़ता है, मतली और उल्टी की शिकायत होती है, जो दूसरे तिमाही में कम हो जाती है।

9. गर्भवती नहीं होने पर भी एचसीजी में वृद्धि

कुछ दुर्लभ परिस्थितियों में जैसे ओवेरियन सिस्ट (ovarian cyst), पिट्यूटरी डिसऑर्डर (pituitary disorder) या कैंसर (trophoblastic disease) में भी hCG बढ़ सकता है। इसलिए हर पॉजिटिव रिपोर्ट गर्भ का संकेत नहीं होती।

10. प्रसव या गर्भपात के बाद भी प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आना

डिलीवरी या मिसकैरिज़ के बाद कुछ हफ्तों तक शरीर में hCG बना रहता है। इसलिए प्रेगनेंसी टेस्ट कुछ समय तक पॉजिटिव आ सकता है, जो धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर आ जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

एचसीजी हार्मोन गर्भावस्था की सबसे शुरुआती पहचान है। यह हार्मोन भ्रूण को गर्भाशय में बनाए रखने और प्लेसेंटा को विकसित करने में मदद करता है। सही समय पर किया गया hCG टेस्ट गर्भधारण की पुष्टि के साथ-साथ उसके स्वस्थ विकास का भी संकेत देता है। अगर रिपोर्ट में कोई असामान्यता दिखे तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। समय पर जांच और सही मार्गदर्शन से हर महिला सुरक्षित मातृत्व का अनुभव कर सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

एचसीजी हार्मोन क्या है?

 

यह एक गर्भावस्था हार्मोन है जो भ्रूण के गर्भाशय में इम्प्लांटेशन के बाद बनता है।

HCG Hormone का स्तर कब और क्यों मापा जाता है?

 

गर्भ की पुष्टि, IVF मॉनिटरिंग और भ्रूण की सेहत जानने के लिए शुरुआती हफ्तों में hCG हॉर्मोन का टेस्ट किया जाता है।

HCG हार्मोन बढ़ने के लक्षण क्या हैं?

 

मतली, थकान, स्तनों में भारीपन और पीरियड्स का रुकना।

गर्भवती न होने पर भी HCG क्यों बढ़ सकता है?

 

कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे सिस्ट या ट्यूमर में भी hCG हॉर्मोन बढ़ जाता है।

एचसीजी हार्मोन कैसे बढ़ाया जा सकता है?

 

संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और IVF के दौरान डॉक्टर की सलाह से इंजेक्शन या दवाओं से।

गर्भावस्था की पुष्टि के लिए किस हार्मोन को जाना जाता है?

 

एचसीजी (HCG) हार्मोन।

प्रेगनेंसी में hCG कितना होना चाहिए?

 

14वें दिन 50 mIU/ml या उससे अधिक और हर 2–3 दिन में इसका दोगुना होना।

कैसे पता करें कि आपका एचसीजी स्तर बढ़ रहा है?

 

लगातार मॉनिटरिंग से अगर रिपोर्ट में hCG हर दो दिन में बढ़ रहा है, तो गर्भ सामान्य है।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
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