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Ovarian Cyst Meaning in Hindi: ओवरी में गांठ कैसे बनती है और सिस्ट होने के कारण, लक्षण

Reviewed by Indira IVF Fertility Experts
Last updated: October 16, 2025

Overview

ओवेरियन सिस्ट ओवरी में लिक्विड से भरी थैली होती है। इसके प्रमुख कारण हार्मोनल असंतुलन, पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस या प्रेगनेंसी हो सकते हैं। सिस्ट के लक्षणों में पेट दर्द, अनियमित पीरियड्स, सूजन, पेशाब में दिक्कत आदि शामिल हैं। इसके टेस्ट के लिए अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन किया जाता है। बचाव के लिए संतुलित आहार, नियमित एक्सरसाइज और स्ट्रेस कन्ट्रोल जरूरी है। जब सिस्ट बड़ी या दर्दनाक हो तो इलाज में दवाएं, हार्मोन थेरेपी या सर्जरी शामिल हो सकती हैं।

 

ओवेरियन सिस्ट क्या है? (Ovarian Cyst In Hindi)

क्या होती है ओवेरियन सिस्ट :जिस प्रकार गांठ तरल पदार्थ से भरी एक थैलीनुमा आकृति होती है, उसी के समान अंडाशय में विकसित होने वाली गांठ भी तरल से भरी एक थैली होती है जो आपके दोनों में से एक या दोनों अंडाशयों में विकसित होती है। राजमा के आकार में बने आपके दोनों अंडाशय, शरीर के वे अंग होते है जिनमें गर्भाशय में पहुँचने से पूर्व, आपके अंडे संग्रहीत रहते हैं और जिससे उसमें प्रजनन उर्वरता उत्पन्न होती है। ये गर्भाशय की दोनों ओर पेट के नीचे के स्थान पर स्थित होते हैं। महिलाओं के शरीर में ये दोनों अंडाशय, अंडे के साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन की रचना करते हैं।

ओवेरियन सिस्ट अर्थात् अंडाशय में गांठ होने का सरल अर्थ- ओवरी एक तरल पदार्थ से भरी थैली होती है जबकि सिस्ट का मतलब गांठ होता है। जब तक सिस्ट या गांठ एक बड़ा आकार ना ले लें, तब तक अंडाशय में गांठ बनने के कोई विदित लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

 

ओवरियन सिस्ट के लक्षण

ओवरियन सिस्ट या अंडाशय में गांठ महिला के षरीर में कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों तक भी बनी रह सकती है और स्वयं ही बढ़ती चली जा सकती है। इस बात की भी अधिकतम संभावना होती है कि शायद आप अपने अंडाशय में उपज रही गांठ से बिल्कुल अवगत नहीं हो। लेकिन कई बार इसके विभिन्न ल़क्षण महिलाओं का शरीर महसूस करता है। ओवरियन सिस्ट के लक्षण निम्नांकित हैः
  • कमर का आकार बढ़ना
  • पेट अथवा श्रोणि में दर्द
  • कम भूख लगना
  • पेट में अत्यधिक फुलावट या सूजन
  • बार-बार पेशाब आना
  • मलाशय या मूत्राशय पर दबाव
  • मलत्याग में असहजता व अत्यधिक दर्द
  • संभोग के दौरान अधिक दर्द हो

ओवरियन सिस्ट के कारण और ज़रूरी प्रकार

एक क्रियात्मक (फंक्शनल) आवेरियन गांठ जो एक महिला के अंदर गर्भावस्था के दौरान पाई जाती है, वह आमतौर पर आपके या आपके बच्चे के लिए कोई परेशानी नहीं पैदा करती है। क्रियात्मक ओवेरियन सिस्ट दो प्रकार की होती है- फॉलिक्युलर सिस्ट और ल्युटियम सिस्ट।
ओवेरियन सिस्ट के कारण और ज़रूर प्रकार निम्नलिखित है-

1. फॉलिकुलर सिस्ट-

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान तरल पदार्थ युक्त थैलीनुमा आकृति अर्थात् ओवरी में उत्पन्न होने वाले अंडों को फॉलिकल कहा जाता है। अमूमन हर माह ये थैली फट जाती है और अंडे इससे बाहर निकल जाते हैं लेकिन जब यह थैली फटने में असमर्थ रहती है, उस समय अंडाशय में मौजूद तरल पदार्थ सिस्ट या गांठ का रूप ले लेता है।

2. कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट

ये सिस्ट आमतौर पर फॉलिकल निकलने के बाद स्वयं ही नश्ट हो जाते हैं, किंतु किसी कारण यदि ये नश्ट नहीं हो पाते हैं तो इसमें जगह से अधिक तरल एकत्रित हो जाता है जो कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट में तब्दील होने का कारण बन जाता है।

3. पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लिए महिलाओं को सावाधनीपूर्वक मूल्यांकन, उचित उपचार और समय पर हस्तक्षेप की अत्यधिक ज़रूरत होती है। सही समय पर उपचार न होने पर पीसोओएस ग्रस्त महिलाओं को अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रोल, चिंता और अवसाद, दिल का दौरा आदि बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
इससे ओवरी के भीतर कई छोटी-छोटी गांठे या सिस्ट पैदा हो जाते है जिसके बढ़ने पर महिलाओं को बांझपन की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।

ओवरी सिस्ट का नॉर्मल साइज क्या होता है?

ओवरी सिस्ट की साइज सामान्यतया 2 से 5 सेंटीमीटर तक होती है। ज्यादातर महिलाओं में यह बिना किसी उपचार के ठीक हो जाती है। अगर सिस्ट का आकार 5 सेंटीमीटर से ज्यादा हो या उसमें दर्द या सूजन की शिकायत हो तो एक्सपर्ट डॉक्टर से कन्सल्ट करना चाहिए । कुछ सिस्ट डरमॉइड या सिस्टएडेनोमा की साइज 10 से 20 सेंटीमीटर तक हो सकती है, इस स्थिति में उपचार की जरूरत हो सकती है।

ओवरियन सिस्ट (अंडाशय में गांठ) के उपचार

ओवेरियन सिस्ट या अंडाशय में गांठों के विभिन्न उपचार है। हालांकि, इनका उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि ये गांठे शरीर के लिए कितनी और किस रूप में हानिकारक है या कितनी सौम्य हैं और कहां से विकसित हुई हैं। यदि ये गांठे सौम्य है तो कई बार ये स्वयं ही खत्म हो जाती है किंतु यदि ये गांठे हानिकारक है तो इन्हें तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है।
यदि आपके अंडाशय में गांठ होगी तो आपके रूटीन अल्ट्रासाउंड स्कैन में ज़रूर दिखाई देगी। लेकिन यदि आप उपरोक्त किसी भी लक्षण का सामना कर रहीं हैं तो डॉक्टर से एक बार इस संदर्भ में ज़रूर परामर्ष लें। उनके द्वारा गर्भावस्था में सिस्ट पर नज़र रखने के लिए अतिरिक्त स्कैन कर गांठ की पुश्टि करवाई जा सकती है।

क्या ओवेरियन सिस्ट में प्रेगनेंसी संभव है?

एक साधारण गांठ आमतौर पर आपके गर्भवती होने की क्षमता पर असर नहीं डालती मगर यदि सिस्ट अन्तर्गर्भाशय अस्थानता (एंडोमेट्रिओसिस) या बहुपुटीय डिम्बाषयी सिंड्रोम (पोलिसिस्टि ओवेरियन सिंड्रोम) की वजह से हो तो गर्भधारण में जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।

1. 20 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद ही ऑपरेषन

यदि आपका ओवेरियन सिस्ट लगातार बढ़ रहा है और इसके कारण आप बहुत ज़्यादा दर्द का सामना कर रहीं हैं तो डॉक्टर इसे ऑपरेशन के माध्यम से हटाने की सलाह भी दे सकते हैं। हालांकि महिला के शरीर से गांठ निकालने के लिए ऑपरेशन केवल 20 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद ही किया जा सकता है। इस अवस्था की शुरुआत में ही सिस्ट हटाने का ऑपरेशन करने के कारण गर्भपात की संभावना व खतरा बढ़ सकता है।

2. किसी भी चरण में अंडाशय को क्षति से बचाना

कई गर्भवती महिलाओं में गांठ अंडाशय के स्टेम में विकसित हो जाती है और टेढ़ा-मेढ़ा आकार ले लेती है। ऐसे प्रकरण में, गर्भवती महिला बहुत अधिक बीमार हो सकती है और उसके अंडाशय को क्षति भी पहुँच सकती है। यदि ऐसी समस्या हो जाती है तो गर्भवती महिला चाहे किसी भी चरण में क्यों ना हो, डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन कर इस गांठ को निकालना ज़रूरी हो जाता है।

3. लेप्रोस्कोपी सर्जरी

गर्भावस्था की शुरुआत में की होल सर्जरी अर्थात् लैप्रोस्कॉपी सर्जरी के जरिये गांठ को बाहर निकाला जा सकता है। यह सर्जरी तब करवाई जाती है जब आपकी गांठ छोटी हो। इस थैरेपी में डॉक्टर्स द्वारा नाभि के पास एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है, जिसके पष्चात् गांठ अर्थात् सिस्ट को बाहर निकाला जाता है।

4. लेपरोटॉमी सर्जरी

यदि आपकी सिस्ट साधारण होने के विपरित बड़ी है तो डॉक्टर्स द्वारा उसे इस सर्जरी के माध्यम से नाभि के पास एक बढ़ा चीरा लगाकर बाहर निकाल दिया जाता है। यदि सिस्ट के चलते गर्भाशय या अंडाशय में कैंसर फैलने का खतरा हो तो डॉक्टरों द्वारा गर्भाशय और अंडाशय की सर्जरी कर इन्हें भी निकाल दिया जाता है। उपरोक्त सभी ओवरियन सिस्ट के उपचार है।

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Conclusion

जब महिला गर्भधारण का प्रयास करती है और कंसीव नहीं होने का कारण आवेरियन सिस्ट होती है तो उन्हें लगता है ये कोई गंभीर बीमारी है लेकिन इसका उपचार संभव है। आमतौर पर ओवेरियन सिस्ट ओवरी में लिक्विड भरी गांठ होती है जिसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। जब तक इसमें दर्द या किसी तरह की असुविधा नहीं हो चिंता की आवश्यकता नहीं है लेकिन असहज होने पर डॉक्टर से कन्सल्ट करना चाहिए, इसका उपचार संभव है। गर्भधारण में कठिनाई से बचने के लिए समय पर करवाना चाहिए।


Common Questions Asked

ओवरी सिस्ट (Ovarian Cyst) क्या होता है?

 

ओवेरियन सिस्टअंडाशय में तरल से भरी थैली होती है। यह अक्सर बिना लक्षणों की और सामान्य होती है।

महिलाओं में ओवरी सिस्ट होने का कारण क्या है?

 

हार्मोनल असंतुलन, पीसीओएस, मासिक धर्म के दौरान फॉलिकल न फटना इसके प्रमुख कारण हैं।

ओवरी सिस्ट का नार्मल साइज कितना होता है?

 

सामान्य सिस्ट का आकार 2 से 5 सेंटीमीटर तक होता है ।

किस साइज का सिस्ट हानिकारक माना जाता है?

 

5 सेंटीमीटर से बड़ा सिस्ट या जो दर्दनाक हो, वह हानिकारक माना जाता है और जांच की जरूरत होती है।

क्या बिना सर्जरी के ओवरी सिस्ट को हटाया जा सकता है?

 

हाँ, कई सिस्ट खुद ही खत्म हो जाते हैं; लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी जरूरी हो सकती है।

ओवरी सिस्ट का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

 

लेप्रोस्कोपी या लेपरोटॉमी सर्जरी गंभीर सिस्ट के लिए उपयुक्त है; हल्के मामलों में निगरानी पर्याप्त है।

ओवरी सिस्ट में क्या नहीं खाना चाहिए?

 

प्रोसेस्ड फूड, अधिक शक्कर और वसा युक्त चीज़ें सिस्ट को बढ़ा सकती हैं; संतुलित आहार बेहतर है।

ओवरी में गांठ क्यों बनती है?

 

अंडाशय में फॉलिकल न फटने या हार्मोनल गड़बड़ी से तरल जमा होकर गांठ बनती है।

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