इस बारे में इन्दिरा आईवीएफ, कोलकाता की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. आकांक्षा जांगिड का कहना है
गर्भाशय और अंडाशय के बीच पेट में स्थित फैलोपियन ट्यूबों को गर्भाशय ट्यूब भी कहा जाता है। गर्भाशय के दोनों तरफ दो फैलोपियन ट्यूब हैं। ये ओव्यूलेशन के दौरान अंडाशय से फुटे हुए अण्डे को निषेचन में एवं तत्पश्चात् भ्रूण को गर्भाशय तक पहुँचाने में मदद करती है। यदि गर्भाशय और अंडाशय के बीच के कनेक्शन में रुकावट है, तो इसे अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के रूप में जाना जाता है। ऐसी स्थिति वाली महिलाओं में एक या दोनों ट्यूब अवरुद्ध हो सकती है।
महिलाओं में बांझपन का एक आम कारण फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक हो जाना है, लेकिन इसका भी इलाज संभव है। चिकित्सा विज्ञान में प्रगति के साथ अब उन महिलाओं के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं जिनकी समस्या जटिल है।
क्या ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब निःसंतानता का कारण बनता है?
-दुनिया भर में लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं में ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब बांझपन के सबसे आम कारणों में से एक हैं। यदि आपकी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक है, तो इसका मतलब है कि शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पा रहा है, इस समस्या से पीड़ित कई महिलाएं बांझपन से जुझ रही हैं। इसके लिए फैलोपियन ट्यूब की जांच करवाना और समय पर सही उपचार लेने से बांझपन से मुक्ति मिल सकती है।
क्या अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूबों के साथ गर्भवती होना संभव है?
इन्दिरा आईवीएफ, चैन्नई की निःसंतानता एवं आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. नन्दिनी बताती हैं कि
-अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूबों के साथ गर्भवती होना मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। इस जटिलता का इलाज करने के कई तरीके हैं, और आपका डॉक्टर आपको आपकी आवश्यकताओं के अनुसार श्रेष्ठ उपचार की सलाह भी देता है।
फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज को निम्न प्रकारों में बांटा जा सकता है।
1-पीआईडी या श्रोणि (पेल्विक) सूजन की बीमारी
– यह एक ऐसी स्थिति है जहां संक्रमण के कारण पेल्विक क्षेत्र में सूजन हो जाती है। यह एक संक्रमित बीमारी है जो आपके फैलोपियन ट्यूबों को ब्लॉक कर देती है।
2-एसटीडी
-क्लैमिडिया और गोनोरिया जैसी अन्य यौन संक्रमित बीमारियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं। कभी-कभी, भले ही आप इन यौन संक्रमित बीमारियों से ठीक हो गए हों, फिर भी इसकी हिस्ट्री आपके फैलोपियन ट्यूबों को अवरुद्ध करने के लिए पर्याप्त है।
3-एंडोमेट्रोसिस
-यह ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब के सबसे आम कारणों में से एक है। पीरियड के दौरान हर महीने गर्भाशय की लाइनिंग बनती है, जो पीरियड की अवधि के दौरान झड़ जाती है।एंडोमेट्रोयोसिस से पीड़ित महिलाओं के लिए गर्भाशय के बाहर गर्भाशय की अस्तर बनती है, और अत्यधिक मामलों में फैलोपियन ट्यूबों, योनि यहां तक कि मलद्वार में भी बन सकती है। दुर्भाग्यवश, मुसीबत तब और बढ़ जाती है जब पीरियड्स में गर्भाशय का अस्तर झड़ता नहीं है और जमा हो जाता है। यह स्थिति फैलोपियन ट्यूबों में ब्लॉकेज का कारण बनती है।
4-सर्जरी
-शल्य चिकित्सा की हिस्ट्री जिसमें फैलोपियन ट्यूब शामिल होती है।
5-अपेंडिसाइटिस
– कुछ मामलों में, क्षतिग्रस्त अपेंडिक्स भी अवरुद्ध फलोपियन ट्यूबों का कारण बन सकता है।
6-हार्मोनल विसंगतियां
-हार्मोनल असंतुलन भी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने का कारण है
-ऐसे कोई संकेत नहीं हैं जो यह बताएं कि आपको यह समस्या है। यहां कुछ लक्षण दिए गए हैं जो ट्यूब ब्लॉक का कारण हो सकते हैं।
-गर्भवती होने में असमर्थता
-पेट में दर्द
-संभोग के दौरान दर्द।
-अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग
-पेल्विक क्षेत्र में दर्द और सूजन का अनुभव अगर एंडोमेट्रीयोसिस ने आपकी फैलोपियन ट्यूबों को ब्लॉक्ड कर दिया है।
ट्यूब ब्लॉकेज का निदान के बारे में इन्दिरा आईवीएफ लखनऊ की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. तनया में कहती हैं
आपका डॉक्टर निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण कर सकता है
गर्भाशय के माध्यम से डाई लगाने के लिए यहां एक छोटी ट्यूब का उपयोग किया जाता है। पेल्विक क्षेत्र की एक्स-रे दिखाती है कि डाई अंडाशय में पेल्विक रीजन में फैल गया है या नहीं। अगर नहीं फैलती है तो ट्यूब ब्लॉक है और आगे परीक्षण की जरूरत है।
फैलोपियन ट्यूबों की जांच करने और असामान्यता का पता लगाने के लिए एक ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है
गर्भाशय की जांच करने के लिए यहां एक कैमरे को पेट में डालकर ट्यूबों को देखा जाता है।
यह मदद क्लैमिडिया एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है।
ब्लॉक ट्यूब की जटिलताएं
– फैलोपियन ट्यूब में रुकावट से अक्सर जो जटिलताएं सामने आती है, उसमें एक एक्टोपिक गर्भावस्था है। इस स्थिति में निषेचित अंडा गर्भाशय के अलावा किसी अन्य जगह ठहर जाता है, ब्लॉक ट्यूब में भी। इस प्रकार की गर्भावस्था अच्छी नहीं मानी जाती है और मां को नुकसान पहुंचा सकती है । ब्लॉक ट्यूब को आंशिक रूप से हटाने के लिए अगर सर्जरी की जाती है, तो एक्टोपिक गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाती है। आमतौर पर ऐसी महिलाओं को आईवीएफ की सिफारिश की जाती है।
ब्लॉक ट्यूब की वजह से निःसंतानता से जुझ रहे दम्पतियों के लिए भी ईलाज मौजूद है। अतः उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है बस जरूरत है सही समय पर सही उपचार । ब्लाक ट्यूब का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूब कहां से ब्लॉक है, एक तरफ की बंद है या दोनों ही ट्यूब्स बंद हैं। यदि किसी मरीज की ट्यूब यूट्रस के पास से अर्थात् कोरनोल एंड से ब्लॉक है तो इस तरह के मरीजों को हिस्ट्रोस्कॉपी रीकेनेलाईजेशन की सलाह दी जाती है। यदि मरीज की ट्यूब बीच से या ओवरी के पास से मतलब फेरीबेरियल एंड से बंद है तो इस तरह के मरीजों को लेप्रोस्कॉपी ट्यूबल रिकंस्ट्रक्शन की सलाह दी जाती है। यदि मरीज की सिर्फ एक ही तरफ की ट्यूब खराब है लेकिन दूसरी तरफ की खुली तो इस तरह के मरीज में नोर्मल प्रेगनेंसी की संभावना रहती है लेकिन इसके लिए डॉक्टर से लगातार सम्पर्क में रहना होगा एवं जब खुली ट्यूब की साथ वाली ओवरी में एग डवलप हो तभी कोशिश करनी होगी।
कुछ आर्टिकल्स में लिखा गया है कि कुछ प्राकृतिक उपचार या मालिश करवाने से भी ट्यूब खुल सकती हैं लेकिन यह सही नहीं हैं सभी तरह के उपचार के बाद यदि प्रेगनेंसी नहीं लग पाये तो आईवीएफ ब्लॉक ट्यूब के लिए सबसे कारगर उपचार है इसमें जिसमें प्रेगनेंसी होने प्रबल संभावनाएं होती हैं। ब्लॉक ट्यूब से परेशान मरीजों को अपना अधिक समय व्यर्थ नहीं करते हुए समय रहते आईवीएफ के बारे में विचार करना चाहिए ।
क्या होता है आईवीएफ में आईवीएफ प्रक्रिया में महिला के फैलोपियन ट्यूब में होने वाली निषेचन की प्रक्रिया को लैब में किया जाता है, और बाद में महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है, जिससे गर्भधारण हो जाता है, इसलिए महिला की ट्यूब ब्लॉक होने पर सर्वाधिक लाभकारी तकनीक साबित हुई है । आईवीएफ का आविष्कार भी 1978 में ब्लॉक ट्यूब वाली महिलाओं को संतान सुख देने के लिए हुआ था।
ब्लॉक्ड फॉलोपियन ट्यूब महिलाओं में निःसंतानता का एक मुख्य कारण है। ट्यूब ब्लॉक होने के कारण अंडे और शुक्राणु का मिलन नहीं हो पाता है जिससे फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता है। ट्यूब ब्लॉक होने के कुछ कारण एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज़, यौन संचारित रोग (एसटीडी) और सर्जरी के बाद की जटिलताएं आदि हो सकती हैं। ट्यूब खुलवाने के इलाज में लैप्रोस्कोपी और अन्य सर्जिकल ऑप्शन उपलब्ध हैं। ब्लॉक ट्यूब में भी आईवीएफ तकनीक के माध्यम से गर्भधारण किया जा सकता है।
डॉक्टर्स फैलोपियन ट्यूब ओपन करने के लिए आमतौर पर लैप्रोस्कोपी या हिस्टेरोस्कोपी जैसी सर्जरी का ऑप्शन सेजस्ट करते हैं। कुछ केसेज में हाइड्रोट्यूबेशन या ट्यूबल कैन्युलेशन जैसी प्रक्रियाओं की सलाह दी जाती है। ट्यूबल ब्लॉकेज के कारण निःसंतानता होने पर ट्यूब खुलवाने का ऑपरेशन करवाने पर भी गर्भधारण होने के चांसेज कम ही होते हैं।
भारत में फैलोपियन ट्यूब खोलने की सर्जरी की लागत अस्पताल, शहर और डॉक्टर के अनुभव और इलाज की विधि पर निर्भर करती है। आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब खोलने की सर्जरी में लगभग ₹25,000 से ₹1,00,000 तक का खर्च हो सकता है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक यानि बंद होने का पीरियड्स पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है। पीरियड्स अण्डाशय और यूट्रस के हार्मोन से नियंत्रित होते हैं, न कि ट्यूब से। अगर ब्लॉकेज इंफेक्शन या एंडोमेट्रियोसिस के कारण हुआ है तो पीरियड्स असामान्यता देखी जा सकती है।
फैलोपियन ट्यूब खोलने के लिए कुछ लोग देशी उपचार लेते हैं हालांकि इनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। कुल लोग आयुर्वेदिक उपचार भी अपनाते हैं । किसी भी तरह का उपचार अपनाने से पहले डॉक्टर से कन्सल्ट जरूर करना चाहिए ताकि कोई नुकसान नहीं हो।
फैलोपियन ट्यूब में सूजन को “सैल्पिंजाइटिस“ कहते हैं। सामान्यतया यह बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, जैसे क्लैमाइडिया या गोनोरिया। सूजन के कारण ट्यूब में ब्लॉकेज हो सकता है, जिससे निःसंतानता की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में पीरियड में असामान्यता, पेट दर्द, असामान्य डिस्चार्ज और बुखार महसूस हो सकते हैं।
हाँ, बिल्कुल यदि आपकी एक फैलोपियन ट्यूब बंद है और दूसरी खुली है और सामान्य रूप से काम कर रही है, तो आप गर्भधारण कर सकती हैं। अण्डाशय से अंडा उस ट्यूब से निकल सकता है जो सही से काम कर रही है तो फर्टिलाइजेशन हो सकता है। एक ट्यूब खुली होने पर गर्भधारण के चांसेस कम हो सकते हैं।