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बच्चेदानी में सूजन (Bachedani Me Sujan) के लक्षण, कारण और उपचार

Reviewed by Indira IVF Fertility Experts
Last updated: November 05, 2025

Overview

एंडोमेट्रैटिस (बच्चेदानी में सूजन), गर्भाशय की एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के भीतरी अस्तर में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है। यह लेख बच्चेदानी में सूजन की समस्या पर प्रकाश डालता है तथा इसके कारण, लक्षण, निदान, तथा उपचार के बारे में जानकारी साझा करता है।

 

बच्चेदानी में सूजन क्या है? (What is Bulky Uterus in Hindi)

बच्चेदानी में सूजन, जिसे "बुल्की यूटेरस" कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय सामान्य आकार से बड़ा हो जाता है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि फाइब्रॉइड्स (गांठें), एडिनोमायोसिस (गर्भाशय की भीतरी परत का फैलाव), हार्मोनल असंतुलन या गर्भावस्था के बाद के बदलाव। इसके लक्षणों में भारी मासिक धर्म, पेट में दर्द, पीठ दर्द, पेशाब में दिक्कत और थकान शामिल हो सकते हैं। सही निदान के लिए अल्ट्रासाउंड या अन्य जांच की आवश्यकता होती है। इसका इलाज कारण पर निर्भर करता है और दवाओं या सर्जरी से किया जा सकता है।

बच्चेदानी में सूजन के लक्षण (Symptoms of Bulky Uterus in Hindi)

एंडोमेट्रैटिस में आमतौर पर निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं:

• पेट में सूजन
• पैल्विक या पेट दर्द
• योनि से असामान्य रक्तस्राव
• असामान्य योनि स्राव
• मल त्याग करते समय असुविधा
• कब्ज़
• बुखार या ठंड लगना
• बीमारी का सामान्य एहसास
• अस्वस्थ या अत्यधिक थकान महसूस करना

बच्चेदानी में सूजन के कारण (Causes of Bulky Uterus in Hindi)

गर्भाशय ग्रीवा, जो गर्भाशय के सबसे निचला हिस्सा है तथा गर्भाशय का प्रवेश द्वार है, आमतौर पर बैक्टीरिया को गर्भाशय से बहार रखता है। परन्तु प्रसव तथा सर्जरी के दौरान जब गर्भाशय ग्रीवा खुली होती है, बैक्टीरिया गर्भ में प्रवेश कर सकते हैं। यही बैक्टीरिया एंडोमेट्रैटिस का कारण बनता है। आइये एक नज़र डालते हैं एंडोमेट्रैटिस के संभावित जोखिम कारकों तथा कारणों पर।

• यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) और अन्य बैक्टीरिया
• प्रसव या गर्भपात
• सिजेरियन डिलीवरी
• पैल्विक प्रक्रियाएं
• गर्भाशय में बैक्टीरिया
• श्रोणि सूजन की बीमारी

बच्चेदानी में सूजन का निदान

एंडोमेट्रैटिस के निदान के लिए डॉक्टर महिला की चिकित्सा इतिहास को जानने के साथ-साथ कुछ शारीरिक परीक्षा के साथ शुरू करते हैं जिसमें आंतरिक प्रजनन अंगों का मूल्यांकन करना शामिल है। इसके साथ-साथ डॉक्टर लक्षणों के पीछे के कारणों को समझने के लिए निम्नलिखित परीक्षणों का सुझाव दे सकता है:

• रक्त परीक्षण
• सरवाइकल कल्चर
• गर्भाशय ग्रीवा से स्खलन का परीक्षण
• एंडोमेट्रियल बायोप्सी
• लैप्रोस्कोपी या हिस्टेरोस्कोपी

 

बच्चेदानी में सूजन के उपचार (Bulky Uterus Treatment in Hindi )

बच्चेदानी में सूजन का इलाज में डॉक्टर का उद्देश्य गर्भाशय से संक्रमण और सूजन को दूर करना होता है जिसमें निम्नलिखित उपचार विकल्प शामिल हो सकते हैं:

• एंटीबायोटिक्स
• आगे के उच्च परिक्षण
• संक्रमित ऊतक को निकालना
• फोड़े का इलाज करना

यदि संक्रमण यौन संचारित है, तो महिला के पुरुष साथी को भी इलाज की आवश्यकता हो सकती है।

बच्चेदानी में सूजन होने पर गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है?

  • बच्चेदानी में सूजन होने पर गर्भाशय की दीवारें मोटी या असामान्य हो सकती हैं, जिससे भ्रूण का आरोपण कठिन हो जाता है।
  • सूजन के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो ओवुलेशन को प्रभावित करता है।
  • यदि सूजन फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियोसिस के कारण है, तो यह गर्भधारण की प्रक्रिया में बाधा बन सकती है।
  • बढ़ा हुआ यूट्रस आस-पास के अंगों पर दबाव डालता है, जिससे गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
  • सही समय पर इलाज और डॉक्टर की निगरानी से गर्भधारण संभव है, लेकिन नियमित जांच आवश्यक होती है।

बल्कि यूटेरस होने पर महिला गर्भधारण कैसे कर सकती है?

बल्कि यूटेरस होने पर महिला गर्भधारण कर सकती है, लेकिन इसके लिए विशेष देखभाल और चिकित्सकीय मार्गदर्शन आवश्यक होता है। यह स्थिति आमतौर पर फाइब्रॉइड्स, एडिनोमायोसिस या हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है, जिससे गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। यदि सूजन अधिक है, तो भ्रूण का आरोपण कठिन हो सकता है और गर्भपात या असमय प्रसव का खतरा बढ़ सकता है। गर्भधारण से पहले डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड या अन्य जांच से सूजन का कारण जानना जरूरी है। उपचार में दवाएं, हार्मोनल थेरेपी या सर्जरी शामिल हो सकती है। IVF जैसी तकनीकें भी सहायक हो सकती हैं यदि प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव न हो। संतुलित आहार, तनावमुक्त जीवनशैली और नियमित व्यायाम से प्रजनन क्षमता बेहतर होती है। सही समय पर निदान और उपचार से महिला स्वस्थ गर्भावस्था की ओर बढ़ सकती है।

बच्चेदानी में सूजन: डॉक्टर से कब परामर्श लें

बच्चेदानी में सूजन (Bulky Uterus) गर्भावस्था को कई तरह से प्रभावित कर सकती है।

यदि महिला को अधिक पेल्विक दर्द या बेचैनी महसूस होती है या असामान्य स्खलन या रक्तस्राव हो रहा है, तो बिना किसी देरी के अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। कुछ मामलों में देरी करने से, संक्रमण में बहुत गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। इसीलिए यह आवशयक है की समय से उपचार शुरू हो जाए क्योंकि यदि सही समय पर उपचार शुरू नहीं किया तो तो निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं:

बांझपन
• पैल्विक पेरिटोनिटिस (सामान्य श्रोणि संक्रमण)
• श्रोणि या गर्भाशय में फोड़ा
• सेप्टिसीमिया (रक्तप्रवाह में बैक्टीरिया)
• सेप्टिक सदमे

निष्कर्ष

बच्चेदानी में सूजन (Bulky Uterus) एक आम लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली स्त्री रोग संबंधी समस्या है, जो कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है जैसे फाइब्रॉइड्स, हार्मोनल असंतुलन या संक्रमण। इसके लक्षणों में भारी मासिक धर्म, पेट दर्द, थकान और प्रजनन संबंधी कठिनाइयाँ शामिल हैं। समय पर निदान और उचित उपचार से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि महिला गर्भधारण की योजना बना रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना और सूजन का इलाज करवाना आवश्यक है। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित जांच और जागरूकता से महिलाएं इस समस्या से निपट सकती हैं और बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य सुनिश्चित कर सकती हैं।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बच्चेदानी में सूजन (Bulky Uterus) क्यों होती है?

 

बच्चेदानी में सूजन कई कारणों से हो सकती है, जैसे हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय में फाइब्रॉएड (गांठें), एंडोमेट्रियोसिस, संक्रमण या प्रसव के बाद होने वाले शारीरिक बदलाव। कभी-कभी उम्र बढ़ने के साथ भी इसका आकार सामान्य से बड़ा हो सकता है।

बच्चेदानी में सूजन के लक्षण क्या हैं?

 

इस स्थिति में महिला को पेट के निचले हिस्से में भारीपन या दर्द महसूस हो सकता है, मासिक धर्म अनियमित हो सकता है, अत्यधिक या लंबे समय तक ब्लीडिंग हो सकती है, और पेशाब बार-बार आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ महिलाओं को थकान या कमजोरी भी महसूस होती है।

बच्चेदानी में सूजन का इलाज कैसे किया जाता है?

 

इलाज का तरीका सूजन के कारण पर निर्भर करता है। अगर कारण फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियोसिस है, तो डॉक्टर हार्मोनल दवाएं या सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। साथ ही, जीवनशैली में बदलाव जैसे वजन नियंत्रित करना और संतुलित आहार लेना भी मददगार हो सकता है।

यूट्रस बढ़ने से क्या होता है?

 

जब यूट्रस सामान्य से बड़ा हो जाता है, तो यह आस-पास के अंगों पर दबाव डाल सकता है, जिससे पेशाब की समस्या, कब्ज, या पीठ दर्द हो सकता है। साथ ही, मासिक धर्म में गड़बड़ी और गर्भधारण में कठिनाई भी हो सकती है।

यूट्रस का नार्मल साइज कितना होना चाहिए?

 

एक स्वस्थ महिला का यूट्रस आमतौर पर लगभग 7.6 सेंटीमीटर लंबा, 4.5 सेंटीमीटर चौड़ा और 3 सेंटीमीटर मोटा होता है। हालांकि यह साइज उम्र, प्रसव इतिहास और हार्मोनल स्थिति के अनुसार थोड़ा बदल सकता है।

क्या गर्भाशय फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय होना सामान्य है?

 

हां, अगर गर्भाशय में फाइब्रॉएड हैं तो उसका आकार बढ़ना सामान्य है। लेकिन अगर ये गांठें बड़ी हैं या लक्षण गंभीर हैं, तो इलाज की जरूरत होती है ताकि आगे कोई जटिलता न हो।

यूट्रस में गांठ होने से क्या होता है?

 

गांठें, जिन्हें फाइब्रॉएड या सिस्ट कहा जाता है, मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती हैं, दर्द और अत्यधिक रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं, और कभी-कभी गर्भधारण में बाधा भी बनती हैं। इनका आकार और स्थान गर्भाशय की कार्यक्षमता पर असर डाल सकता है।

बच्चेदानी में सूजन गर्भधारण को कैसे प्रभावित करती है?

 

अगर सूजन के कारण गर्भाशय की परत असामान्य हो जाती है, तो भ्रूण का आरोपण कठिन हो सकता है। साथ ही, फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थितियां गर्भधारण की प्रक्रिया को जटिल बना सकती हैं।

क्या बच्चेदानी में सूजन होने पर महिला प्रेग्नेंट हो सकती है?

 

बच्चेदानी में सूजन होने के बावजूद महिला गर्भधारण कर सकती है, लेकिन इसके लिए सही समय पर इलाज और डॉक्टर की निगरानी जरूरी होती है। कई महिलाएं इलाज के बाद सफलतापूर्वक गर्भवती हुई हैं।

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