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डोनर एग आईवीएफ: प्रक्रिया, सफलता दर और क्या उम्मीद रखें

Last updated: December 02, 2025

Overview

डोनर एग प्रेगनेंसी में कब और कैसे दिखते हैं लक्षण? जानिए क्या ये सामान्य गर्भावस्था से अलग होते हैं? डोनर एग आईवीएफ (Donor Egg IVF) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गर्भधारण यानी प्रेगनेंसी के लिए किसी स्वस्थ महिला द्वारा दान (डोनेट) किए गए एग्स (oocytes) का उपयोग किया जाता है। डोनर एग आईवीएफ उन महिलाओं के लिए उपयोगी होता है जिनके अपने एग (अंडाणु) उम्र, कम ओवरी रिज़र्व या लगातार असफल आईवीएफ साइकिल की वजह से ठीक से मैच्योर नहीं हो पाते।
इस प्रक्रिया में डोनर के एग्स को पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में फ़र्टिलाइज़ किया जाता है और फिर बनने वाले एम्ब्रीओ (Embryo) को महिला के गर्भाशय यानी यूट्रस (Uterus) में ट्रांसफर किया जाता है। डोनर एग क्या होता है, डोनर कैसे चुना जाता है और पूरी डोनर एग आईवीएफ प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है, समझते हैं donor egg pregnancy symptoms in hindi के इस आर्टिकल में।

डोनर एग आईवीएफ क्या है? (What is Donor Egg IVF)

सबसे पहले आसान भाषा में समझते हैं कि यह प्रोसेस क्या है। जब किसी महिला के अंडाशय यानी ओवरीज़ (Ovaries) अंडे नहीं बना पाते या अंडों की क्वालिटी अच्छी नहीं होती, तो एक स्वस्थ और युवा महिला (डोनर) से एग्स लिए जाते हैं। इन एग्स को पुरुष के स्पर्म (Sperm) के साथ लैब में फ़र्टिलाइज़ किया जाता है। जब भ्रूण यानी एम्ब्रीओ तैयार हो जाता है, तो उसे यूट्रस (Uterus) में ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। यानी, इसको ऐसे समझते हैं कि भले ही एग किसी और का हो, लेकिन उसे 'गर्भ' और 'पोषण' (Womb & Nutrition) आपका ही मिलता है।

डोनर एग प्रेगनेंसी के लक्षण (Donor Egg Pregnancy Symptoms in Hindi)

अब आते हैं सबसे जरूरी मुद्दे पर कि क्या इसके लक्षण सामान्य प्रेगनेंसी से अलग होते हैं? जवाब है बिल्कुल नहीं। चाहे एग आपका हो या डोनर का, एक बार फ़र्टिलाइज़ होने के बाद जब एम्ब्रीओ यूट्रस में इम्प्लांट हो जाता है, तो शरीर उसे महिला की अपने ही एग से हुयी प्रेगनेंसी (Pregnancy) मानता है और वैसे ही रिएक्ट करता है।

आपको भी ये लक्षण महसूस हो रहे हैं?

  • पीरियड्स का रुकना (Missed Period) : पीरियड्स (Menstruation) सबसे पहला और पक्का संकेत है। अगर एम्ब्रीओ ट्रांसफर के बाद पीरियड्स की डेट निकल गई है, तो यह खुशी की बात हो सकती है।
  • इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Spotting) : ट्रांसफर के कुछ दिनों बाद अगर आपको हल्का गुलाबी या ब्राउन डिस्चार्ज दिखे, तो घबराएं नहीं। यह संकेत है कि नन्हा भ्रूण आपकी बच्चेदानी की परत में अपनी जगह बना रहा है।
  • जी मिचलाना या मतली (Nausea/Morning Sickness) : डोनर एग प्रेगनेंसी में भी आपको सुबह उठते ही कमजोरी या उल्टी जैसा महसूस हो सकता है।
  • स्तनों यानी ब्रेस्ट में बदलाव (Breast Changes) : स्तनों का भारी होना, निप्पल्स का रंग गहरा होना या छूने पर दर्द होना। यह हार्मोनल बदलाव का नतीजा है।
  • थकान और नींद आना यानि फटीग (Fatigue) : बिना ज्यादा काम किए भी अगर आपको हर समय सोने का मन करे, तो यह शरीर में प्रेगनेंसी को टिकाए रखने वाला हार्मोन यानि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Progesterone Hormone) बढ़ने का संकेत है।

क्या डोनर एग प्रेगनेंसी के लक्षण ज्यादा महसूस होते हैं? (Are Symptoms Stronger?)

मेडिकल इनसाइट (Medical Insight) : यह एक बहुत ही दिलचस्प फैक्ट है। डोनर एग आईवीएफ में सफलता दर (Success Rate) आमतौर पर ज्यादा होती है, क्योंकि डोनर कम उम्र (युवा) की होती है और अंडे बहुत अच्छी क्वालिटी के होते हैं।

अच्छी क्वालिटी का भ्रूण जब इम्प्लांट होता है, तो वह hCG (Human Chorionic Gonadotropin) हार्मोन का उत्पादन बहुत तेजी से और अच्छी मात्रा में करता है। इसलिए, कुछ महिलाओं को डोनर एग प्रेगनेंसी में लक्षण (जैसे उल्टी या थकान) सामान्य आईवीएफ की तुलना में थोड़े ज्यादा या जल्दी महसूस हो सकते हैं। लेकिन यह हर किसी के साथ हो, यह जरूरी नहीं।

डोनर एग प्रेगनेंसी और भावनात्मक लक्षण (Emotional Symptoms)

शारीरिक लक्षणों के अलावा, डोनर एग प्रेगनेंसी में महिलाएं कुछ अलग तरह के 'इमोशनल' सिम्पटम्स भी महसूस करती हैं, जो जानना जरुरी है :

  • चिंता और डर (Anxiety) : मन में यह डर बना रहता है कि क्या मेरा शरीर इस बाहरी अंडे को स्वीकार करेगा?
  • अपनापन (Bonding) : जैसे-जैसे प्रेगनेंसी आगे बढ़ती है और बच्चा आपके पेट में हलचल करता है, वह पूरी तरह से 'आपका' बन जाता है। विज्ञान जिसे 'एपिजेनेटिक्स' (Epigenetics) कहता है, उसके अनुसार आपके गर्भ का माहौल ही तय करता है कि बच्चे के कौन से जीन्स (Genes) एक्टिव होंगे। यानी बच्चा भले ही डोनर के अंडे से हो, उसकी सेहत और विकास की नींव आप ही रखती हैं।

लक्षण कब दिखाई देते हैं? (When Do Symptoms Start)

  • एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद 'टू-वीक वेट' (2 Week Wait) का समय होता है।
  • शुरुआती 5-6 दिन : इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया होती है। आपको हल्का पेट दर्द या मरोड़ महसूस हो सकती है।
  • 7-10 दिन बाद : थकान, मूड स्विंग्स और ब्रेस्ट में भारीपन जैसे लक्षण आ सकते हैं।
  • 12-14 दिन बाद : प्रेगनेंसी टेस्ट का यह सही समय होता है।

प्रेगनेंसी की पक्की पुष्टि कैसे करें? (How to Confirm Pregnancy)

सिम्पटम्स का होना या न होना केवल एक अंदाजा है। आईवीएफ में (चाहे खुद का एग हो या डोनर का) हम दवाइयां भी लेते हैं, जिनके साइड इफेक्ट्स प्रेगनेंसी जैसे ही लगते हैं।

  • Beta hCG टेस्ट : 14 दिन बाद डॉक्टर खून की जांच (Blood Test) करेंगे। यही एकमात्र तरीका है जो 100% कन्फर्म करता है।
  • यूरिन टेस्ट से बचें : जल्दबाजी में घर पर किट से टेस्ट न करें, क्योंकि हार्मोनल इंजेक्शन की वजह से रिजल्ट गलत भी आ सकता है।

डोनर एग प्रेगनेंसी में ध्यान रखने वाली बातें (Precautions)

क्योंकि ये खुशखबरी कड़ी मेहनत के बाद मिलती है तो इसलिए इसमें थोड़ा ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है।:

  • दवाइयां न छोड़ें : डोनर एग आईवीएफ में, आपके शरीर को बाहर से हार्मोन सपोर्ट (प्रोजेस्टेरोन/एस्ट्रोजन) की सख्त जरूरत होती है, जब तक कि प्लेसेंटा पूरी तरह काम न करने लगे (लगभग 10-12 हफ्ते तक), इसलिए एक भी डोज मिस न करें।
  • तनाव न लें : यह न सोचें कि यह 'डोनर' एग है। सोचें कि यह 'आपका' बच्चा है। आपका तनाव बच्चे पर असर डाल सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

डोनर एग आईवीएफ उन महिलाओं के लिए वरदान है जिनके अपने अंडे उम्र, कम ओवरी रिज़र्व या कई असफल प्रयासों की वजह से ठीक से विकसित नहीं हो पा रहे हों। सही क्लिनिक, सही डोनर और सही मेडिकल गाइडेंस के साथ डोनर एग आईवीएफ की सक्सेस रेट सामान्य आईवीएफ की तुलना में ज्यादा होती है। अगर आप डोनर एग आईवीएफ के बारे में सोच रही हैं, तो किसी अनुभवी फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट (fertility specialist) या किसी प्रतिष्ठित IVF सेंटर (Reputed IVF Center) से पूरे प्रोसेस को समझें और अपनी जर्नी शुरू करें।

डोनर एग आईवीएफ के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या मेरा शरीर डोनर एग को रिजेक्ट कर सकता है?

 

नहीं, यह एक बहुत बड़ा मिथक (Myth) है। यूट्रस एक 'इम्यून-प्रिविलेज्ड' अंग है, यानी यह किसी बाहरी भ्रूण को दुश्मन मानकर हमला नहीं करता। दवाइयों की मदद से आपका शरीर उसे आसानी से अपना लेता है।

क्या डोनर एग वाली प्रेगनेंसी 'हाई रिस्क' होती है?

 

जरूरी नहीं। अक्सर डोनर एग लेने वाली महिलाएं थोड़ी ज्यादा उम्र (35-40+) की होती हैं, इसलिए ब्लड प्रेशर (BP) या शुगर जैसी समस्याओं पर नज़र रखनी पड़ती है।

क्या बच्चे को पता चलेगा कि वह डोनर एग से है?

 

यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। लेकिन शारीरिक रूप से, वह आपके गर्भ में पला है, आपका खून उसे मिला है, इसलिए वह आपका ही बच्चा है।

क्या डोनर एग से जुड़वां बच्चे होने के चांस ज्यादा होते हैं?

 

यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितने एम्ब्रीओ ट्रांसफर किए गए हैं। क्योंकि डोनर एग्स की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है, इसलिए उनके सक्सेसफुल इम्प्लांट होने के चांस ज्यादा होते हैं।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
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