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आखिर क्या है एंडोमेट्रियोसिस, जो चुपके से बढ़ा रहा है महिलाओं में निःसंतानता का ख़तरा?

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Last updated: November 28, 2025

Overview

एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं को होने वाली एक आम समस्या है। Endometriosis meaning in hindi को समझने के लिए पहले महिला के गर्भाशय की बनावट पड़ेगा। महिलाओं के गर्भाशय यानि यूट्रस (uterus) के अंदर वाली परत यानी वॉल (wall) पर लाइनिंग होती हैं, जिसे 'एंडोमेट्रियम' कहते हैं। लेकिन जब ‘एंडोमेट्रियम’ यानी लाइनिंग, यूट्रस के ऊपर वाली परत पर बनने लगती है, जैसे अंडाशय यानी ओवरी (Ovaries) ट्यूब्स या आंतों पर, तो इसे 'एंडोमेट्रियोसिस' कहते हैं। 'एंडोमेट्रियोसिस' होने की स्थिति में तेज दर्द होता है, पीरियड्स की साइकिल पर असर पड़ता है, और यहां तक कि मां बनने यानि फ़र्टिलिटी (Fertility) में भी मुश्किलें आ सकती हैं। तो आखिर Endometriosis kya hota hai, इस आर्टिकल के जरिए हम आसान भाषा में समझेंगे कि ये होता क्यों है और इससे कैसे छुटकारा पा सकते हैं, ताकि आप वक़्त रहते इस बीमारी पर काबू पा सकें।

एंडोमेट्रियोसिस को कैसे पहचानें? (Symptoms of Endometriosis)

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण हर हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ में हल्के लक्षण, जबकि कुछ लोगों के लिए इसका दर्द बर्दाश्त से बाहर हो सकता है।

अगर दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सतर्क!

  • पीरियड्स में असहनीय दर्द यानी डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea) : पीरियड्स (Periods) शुरू होने से कई दिन पहले और बाद तक असहनीय दर्द होना। यह दर्द कमर और पेट के निचले हिस्से तक महसूस किया जा सकता है।
  • हैवी ब्लीडिंग (Heavy Menstrual Bleeding) : पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग (सामान्य से ज्यादा खून आना) होना या पीरियड्स के दौरान धब्बे या स्पॉट्स (Spotting) दिखना।
  • संबंध बनाते यानी सेक्सुअल इंटरकोर्स के समय दर्द : पार्टनर के साथ संबंध बनाते वक्त या बाद में गहरा दर्द महसूस होना एंडोमेट्रियोसिस का एक आम लक्षण है।
  • टॉयलेट में दिक्कत : पीरियड्स के दौरान डिसुरिया (Dysuria) यानी पेशाब करते समय दर्द और जलन एवं डिसकेज़िया (Dyschezia) मल त्याग करते समय दर्द और कठिनाई होना।
  • अन्य समस्याएं : पीरियड के टाइम पर लगातार थकान की शिकायत, पेट फूलना यानी ब्लोटिंग (Bloating), कब्ज या दस्त की समस्या हो सकती है।

अगर आपको भी ऐसा कुछ महसूस हो रहा है, तो इसको आम समस्या मानकर नजरअंदाज ना करें। डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

एंडोमेट्रियोसिस क्यों होता है? (Causes of Endometriosis)

अभी इस बात का कोई सटीक जवाब नहीं है कि endometriosis kyo hota hai? लेकिन डॉक्टर्स एंडोमेट्रियोसिस के लिए कुछ कारणों को जिम्मेदार मानते हैं।

  • उल्टा बहाव यानी रेट्रोग्रेड मेंस्ट्रुएशन (Retrograde Menstruation) : इसको एंडोमेट्रियोसिस के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार समझा जाता है। क्योंकि पीरियड्स का खून, जिसे आमतौर पर शरीर से बाहर निकलना होता है, वो फैलोपियन ट्यूब के जरिए वापस पेट की तरफ (पेल्विक कैविटी में) चला जाता है और अंगों से चिपक जाता है।
  • हार्मोनल बदलाव : अगर शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन यानी महिलाओं का मुख्य हार्मोन ज्यादा होता है तो ये तकलीफों को बढ़ सकता है। हार्मोनल बदलाव के चलते भ्रूण कोशिकाएं (Cells) एंडोमेट्रियल जैसी कोशिकाओं में बदल सकती हैं।
  • परिवार में किसी को यह समस्या है यानी फ़ैमिली हिस्ट्री (Family History) : अगर ये बीमारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही है यानि आपकी मां, बहन या नानी को ये समस्या रही है तो आपको भी एंडोमेट्रियोसिस होने का खतरा होता है।
  • इम्यून सिस्टम की कमजोरी : कभी-कभी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम (Immune system) इन टिश्यू (Tissues) को पहचान नहीं पाता और उन्हें खत्म नहीं कर पाता, जिससे वो बिना किसी रोक टोक के बढ़ते रहते हैं।
  • पुराने ऑपरेशन के निशान : अगर आपकी सिजेरियन सेक्शन या हिस्टेरेक्टॉमी जैसी सर्जरी हुई है या बच्चेदानी से जुड़ा कोई और ऑपरेशन हुआ है, तो कभी-कभी वहां लगे टांकों या कट के निशानों पर भी ये टिश्यू जमा होकर बढ़ने लगते हैं।

एंडोमेट्रियोसिस का सही इलाज क्या है? (Treatment of Endometriosis)

एंडोमेट्रियोसिस का सही इलाज क्या है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी तकलीफ कितनी ज्यादा है, और दूसरा, क्या आप भविष्य में मां बनना चाहती हैं? शुरुआत में डॉक्टर सीधा ऑपरेशन करने से बचते हैं। पहले दर्द कम करने वाली दवाएं और हॉर्मोनल पिल्स (गर्भनिरोधक गोलियां) से बीमारी पर काबू पाने की कोशिश की जाती है। अगर आराम नहीं मिलता तो फिर लेप्रोस्कोपी (दूरबीन वाले ऑपरेशन') के जरिए टिश्यू हटा दिया जाता है।

एंडोमेट्रियोसिस फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करता है?

एंडोमेट्रियोसिस की समस्या प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी (fertility) के लिए एक बड़ी रुकावट बन सकती है। अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (ASRM) की रिसर्च के अनुसार, जिन महिलाओं को गर्भ ठहरने में समस्या आती है, उनमें से करीब 30 से 50% को एंडोमेट्रियोसिस हो सकती है। असल में, इस बीमारी में बढ़े हुये टिश्यू या तो फ़ैलोपियन ट्यूब्स को बंद कर देते हैं या अंडाशय (Ovary) को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे एग और स्पर्म मिल ही नहीं पाते। इसके अलावा, अंदर सूजन आने की वजह से भी गर्भ ठहरने में परेशानी होती है। यह स्थिति पेल्विक क्षेत्र यानी पेल्विक एरिया (pelvic area) में सूजन (inflammation) पैदा करती है। एंडोमेट्रियोसिस की वजह से पेट के निचले हिस्से (पेडू) में सूजन आ जाती है, जिससे बच्चा ठहरने में दिक्कत होती है। लेकिन IVF जैसी नई तकनीकें आने के बाद, अब एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाएं भी मां बन सकती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है जो शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर सही समय पर इसका पता चल जाए, तो सही इलाज से इस पर काबू किया जा सकता है। अगर आपके पेट के निचले हिस्से में दर्द है या पीरियड ठीक से नहीं आ रहे हैं, तो समय रहते डॉक्टर से मिलें। याद रखें, सही जानकारी और जागरूकता ही इस एंडोमेट्रियोसिस से बचने का पहला कदम है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

एंडोमेट्रीयोटिक सिस्ट (चॉकलेट सिस्ट) क्या है?

 

जब एंडोमेट्रियोसिस अंडाशय के अंदर तक फैल जाती है, तो वहां पुराना खून जमा होकर एक सिस्ट या गांठ बना लेता है। इस जमे हुए खून का रंग पिघली हुई चॉकलेट जैसा होता है, इसीलिए डॉक्टर इसे 'चॉकलेट सिस्ट' या एंडोमेट्रियोमा कहते हैं।

क्या घर पर इसका पता (Diagnosis) लगाया जा सकता है?

 

नहीं, घर पर इसका पता लगाया जाना होना मुश्किल होता है। लेकिन पीरियड्स में आपको सामान्य से ज्यादा दर्द हो और दवा लेने पर भी आराम ना मिले या या सेक्स करते समय भी दर्द हो, तो ये एंडोमेट्रियोसिस की तरफ इशारा हो सकता है। इसका पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड या लेप्रोस्कोपी करवाने की जरूरत होती है।

एंडोमेट्रियोसिस को होने से रोका जा सकता है?

 

शायद नहीं, क्योंकि एंडोमेट्रियोसिस किन वजहों से होता है, इसका कारण पूरी तरह अभी साफ नहीं हो पाया है, तो इसलिए इसे पूरी तरह रोकना मुमकिन नहीं है। हालांकि, शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को नियमित एक्सरसाइज और खाने में फैट (चिकनाई) कम करने से इसके ख़तरे को कम किया जा सकता है।

क्या यह आगे चलकर कैंसर बन सकता है?

 

बहुत कम केसों में ऐसा देख गया है कि एंडोमेट्रियोसिस आगे जाकर कैंसर बनें। लैंसेट ऑन्कोलॉजी की रिसर्च के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं में डिम्बग्रंथि के कैंसर यानी ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) का खतरा मामूली सा बढ़ सकता है।

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