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IVF के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है? (IVF Pregnancy in Hindi)

Last updated: November 27, 2025

Overview

IVF (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) के प्रोसेस से गुजरने वाले हर कपल को ये ही सवाल परेशान करता है कि भ्रूण स्थानांतरण यानी एम्ब्रीओ ट्रांसफर (Embryo Transfer) के बाद उन्हें आखिर कब गुड न्यूज़ मिलेगी? IVF pregnancy in hindi का मतलब प्रेगनेंसी के उस प्रोसेस से है, जो लैब में फर्टिलाइज़्ड एम्ब्रीओ को गर्भाशय यानी यूट्रस (Uterus) में रखने के बाद होता है। लेकिन गर्भाशय में भ्रूण को रख देने से काम पूरा नहीं हो जाता, बल्कि इसकी सफलता की चाबी 'इम्प्लांटेशन' (Implantation) है, जिसमें भ्रूण को गर्भाशय की परत से चिपकाया जाता है। प्रेगनेंसी को लेकर लोगों के मन में अनगित सवाल होते हैं, जैसे Implantation kitne din me hota hai और गर्भधारण के बारे में कब पता चलता है और इस दौरान किन किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

IVF प्रेगनेंसी क्या है? (What is IVF Pregnancy in Hindi)

IVF प्रेगनेंसी एक असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी ART (Assisted reproductive technology) है जिसमें आम प्रेगनेंसी से अलग गर्भधारण की शुरुआत शरीर के बाहर लैब में होती है। इसमें पुरुष के शुक्राणु यानी स्पर्म (Sperm) से महिला के अंडे यानी एग (Egg) को मिलाकर एक एम्ब्रीओ बनाया जाता है। जिसके बाद इस भ्रूण को एक पतली ट्यूब की मदद से महिला के गर्भाशय में रखा जाता है।

जब एम्ब्रीओ गर्भाशय की अंदरूनी परत यानी एंडोमेट्रियम (Endometrium) से अच्छी तरह चिपक जाता है। तब इसे एम्ब्रीओ इम्प्लांटेशन कहा जाता है। अगर सब कुछ अच्छा रहे यानी इम्प्लांटेशन सफल हो जाये तब एक टेस्ट के बाद प्रेगनेंसी को कंफर्म मानी जाती है।

IVF के बाद प्रेगनेंसी कब होती है? (When Does Pregnancy Happen After IVF)

अक्सर ये सवाल मरीजों द्वारा पूछा जाता है कि ivf ke kitne din baad pregnancy hoti hai, आमतौर पर, एम्ब्रीओ ट्रांसफर के तकरीबन 10 से 14 दिनों के बाद ही प्रेग्नेंसी को लेकर तस्वीर साफ हो जाती है। ये वो समय होता है जब इम्प्लांटेशन का प्रोसेस पूरा हो चुका होता है और शरीर में प्रेग्नेंसी हॉर्मोन (hCG) का लेवल इतना बढ़ जाता है कि उसे ब्लड टेस्ट से मापा जा सकता है। पूरा प्रोसेस इस तरह होता है:

  • इम्प्लांटेशन का समय: एम्ब्रीओ ट्रांसफर के बाद भ्रूण को गर्भाशय की परत से जुड़ने में कुछ दिनों का समय लग जाता है। आमतौर पर, इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया होने में तकरीबन 5 से 10 दिन लग जाते हैं।
  • hCG हॉर्मोन बनना: सफल इम्प्लांटेशन के बाद ही शरीर ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) हॉर्मोन बनाना शुरू करता है, जिसे प्रेगनेंसी हॉर्मोन भी कहते हैं।
  • टेस्ट से पुष्टि: शुरुआत में hCG हॉर्मोन का लेवल कम होता है। इसको देखते हुए ही 12-14 दिन बाद टेस्ट की सलाह दी जाती है ताकि रिपोर्ट में लेवल की रीडिंग एकदम सटीक आए।

IVF इम्प्लांटेशन के संकेत (Implantation Symptoms After IVF)

क्या भ्रूण बच्चेदानी से पूरी तरह से चिपक गया है? इम्प्लांटेशन के समय पर कुछ महिलाओं को महसूस होने लगता है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं कि हर महिला को ये एहसास हो। कई बार ऐसे संकेत हॉर्मोनल दवाओं के चलते भी महसूस हो सकते हैं। इसलिए सिर्फ संकेतों के भरोसे नहीं रहना चाहिए...

ये हैं संभावित लक्षण:-

  • हल्की ब्लीडिंग यानी इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग (Implantation Bleeding): जब यूट्रस लाइनिंग से एम्ब्रीओ जुड़ता है, तो हल्का गुलाबी या भूरा धब्बा नजर आ सकता है। लेकिन ये पीरियड्स की तरह नहीं होता यानि नाममात्र दिखाई देता है।
  • पेट में हल्की मरोड़: गर्भाशय में भ्रूण के विकसित होने के साथ पेट के निचले हिस्से में खिंचाव या ऐंठन महसूस हो सकती है।
  • थकान और सुस्ती: प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का जैसे-जैसे लेवल बढ़ता है, वैसे शरीर में थकान महसूस होना एक आम बात है।
  • स्तनों (Breast) में भारीपन: हॉर्मोनल में बदलाव से भारीपन या हल्के दर्द की शिकायत हो सकती है।
  • शरीर का तापमान बढ़ना: इम्प्लांटेशन के बाद शरीर के बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) में बढ़ोतरी हो सकती है।

IVF के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें? (When to Take a Pregnancy Test After IVF)

IVF ke kitne din baad pregnancy hoti hai, तो इसके कन्फर्मेशन के लिए सही समय पर टेस्ट का होना सबसे जरूरी है। कई बार जल्दबाजी के चलते रिजल्ट गलत भी आ सकता है।

  • बीटा hCG ब्लड टेस्ट (सबसे सटीक): प्रेगनेंसी कन्फर्मेशन का यह विश्वसनीय तरीका माना जाता है। एम्ब्रीओ ट्रांसफर के 12 से 14 दिन बाद डॉक्टर टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।
  • यूरिन टेस्ट (प्रेगनेंसी किट): ये टेस्ट पेशाब ( Urine) से होने वाला टेस्ट है, लेकिन ब्लड टेस्ट के मुकाबले में इसे कम भरोसेमंद माना जाता है।
  • अल्ट्रासाउंड स्कैन (Ultrasound Scan): अगर ब्लड टेस्ट में प्रेगनेंसी पॉजिटिव आती है, तो इसके तकरीबन एक या दो हफ्ते बाद अल्ट्रासाउंड टेस्ट होता है जिससे प्रेगनेंसी कन्फर्मेशन के साथ, भ्रूण की धड़कन और उसका गर्भाशय में सही जगह पर डेवलप होना कन्फर्म हो जाता है।

IVF प्रेगनेंसी के लिए जरूरी सावधानियां (Precautions After Embryo Transfer)

एम्ब्रीओ ट्रांसफर के बाद आने वाले दो हफ्तों को बहुत नाजुक माना जाता है। इस दौरान डॉक्टर कुछ सावधानियां रखने की सलाह देते हैं

  • टेंशन ना लें: स्ट्रैस लेने से स्ट्रेस हॉर्मोन पैदा होता है जो प्रेगनेंसी के लिए जरूरी हॉर्मोन्स बैलेंस को बिगाड़ सकता है। इससे बचने के लिए खुश रहें, म्यूजिक सुनें या फिर किताबों का सहारा लें।
  • दवाओं का रखें खास ध्यान: IVF प्रेगनेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन और अन्य सप्लीमेंट्स लेना सबसे जरूरी है। इन्हीं दवाओं की मदद से यूट्रस लाइनिंग मजबूत बनती है और भ्रूण को इम्प्लांट होने और टिके रहने में मदद मिलती है।
  • खान-पान का रखें ध्यान: घर का बना पौष्टिक भोजन को ही प्राथमिकता दें, बाहर का जंक फूड, कच्चा पपीता या अनानास खाने से बचें।
  • 7-8 घंटे की नींद लें: इससे शरीर को रिकवर होने और प्रेगनेंसी को सपोर्ट मिलता है।
  • नशे को कहें ना: स्मोकिंग, शराब और ज्यादा चाय-कॉफी नुकसानदायक साबित हो सकती हैं, तो इनसे दूर रहें। ये चीजें खून के बहाव और हॉर्मोन्स बैलेंस को बिगाड़ सकती हैं।
  • भारी काम से बचें: भारी काम या अत्यधिक व्यायाम घातक साबित हो सकते हैं, हालांकि हल्की सैर जैसी एक्टिविटी फायदेमंद होती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

कुल मिलाकर, ivf ke kitne din baad pregnancy hoti hai का सीधा जवाब ये है कि एम्ब्रीओ ट्रांसफर के लगभग 10-14 दिनों ब्लड टेस्ट से ही खुशखबरी मिल सकती है। सब कुछ पूरी तरह 'इम्प्लांटेशन' (भ्रूण के चिपकने) पर निर्भर करता है। हालांकि हर महिला का अनुभव अलग-अलग होता है, किसी को लक्षण महसूस होते हैं और किसी को नहीं। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बस सब्र रखें और डॉक्टर की सलाह पर चलें।

हिस्टेरोस्कोपी से जुड़े आम सवाल (FAQs)

IVF के बाद इम्प्लांटेशन कब होता है?

 

इस इस बात पर निर्भर करता है कि भ्रूण (Blastocyst) कितने दिन का है। अगर 5 दिन का है, तो इम्प्लांटेशन शुरू होने में 1-3 दिन लगते हैं। जबकि 3 दिन का भ्रूण हो तो ये टाइम बढ़कर 5 से 7 दिन तक का हो जाता है।

IVF प्रेगनेंसी टेस्ट कब करवाना चाहिए?

 

बेहतर और विश्वसनीय नतीजों के लिए एम्ब्रीओ ट्रांसफर के 12-14 दिन बाद बीटा hCG ब्लड टेस्ट करवाएं।

IVF प्रेगनेंसी टेस्ट कब करवाना चाहिए?

 

बेहतर और विश्वसनीय नतीजों के लिए एम्ब्रीओ ट्रांसफर के 12-14 दिन बाद बीटा hCG ब्लड टेस्ट करवाएं।

क्या IVF वाली प्रेगनेंसी के लक्षण नॉर्मल प्रेगनेंसी जैसे ही होते हैं?

 

जी हां, नॉर्मल प्रेगनेंसी की तरह ही IVF वाली प्रेगनेंसी के दौरान भी एक जैसी चीजें महसूस होती हैं, जैसे मॉर्निंग सिकनेस और थकान आदि।

अगर इम्प्लांटेशन न हो, तो क्या IVF फेल माना जाता है?

 

अगर भ्रूण बच्चेदानी की परत से ठीक से नहीं जुड़ पाता है, तो IVF साइकिल (Cycle) को असफल माना जाता है। लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि ये आपका आखिरी चांस नहीं है। अगली बार डॉक्टर कुछ बदलावों के साथ एक बेहतर कोशिश कर सकते हैं।

IVF प्रेगनेंसी में आराम या बेड रेस्ट जरूरी है क्या?

 

IVF के बाद बेड रेस्ट (Bed Rest) की कोई जरूरत नहीं है। नई रिसर्च भी हल्की-फुल्की डेली रूटीन फॉलो करने करने पर जोर देती है, हालांकि भारी काम और तनाव से जितना दूरी हो, उतना बनाकर चलें।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
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