प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें और क्या है सही तरीका (Right Time to Take Pregnancy Test in Hindi)

Last updated: December 26, 2025

Overview

प्रेगनेंसी प्लान करने के लिए अगर आपने अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स किया है तो हर दिन यही लगता है कि आज टेस्ट कर लूं? कल करूँ? या एक हफ्ता और इंतजार करूं? Pregnancy test kitne din baad karna chahie यह सवाल जितना ही कॉमन है उतना ही कन्फ्यूज़िंग भी है। बहुत जल्दी टेस्ट करने पर फॉल्स नेगेटिव रिज़ल्ट मिल सकता है और आप सोचेंगी कि प्रेगनेंट नहीं हैं, जबकि हो सकता है कि आप हों। बहुत देर से टेस्ट करने पर अनसर्टेनिटी की टेंशन बढ़ती जाती है। तो सही समय क्या है? क्या हर टेस्ट एक जैसा होता है? और सबसे महत्वपूर्ण कि कैसे पक्का करें कि रिज़ल्ट एक्यूरेट है या नहीं? आगे हम साइंटिफिक तथ्यों के साथ समझेंगे कि प्रेगनेंसी टेस्ट का सही टाइमिंग, तरीका, और इंटरप्रिटेशन क्या है।

प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे काम करता है?

प्रेगनेंसी टेस्ट की टाइमिंग समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि यह टेस्ट डिटेक्ट क्या करता है। सभी प्रेगनेंसी टेस्ट चाहे होम टेस्ट किट हो या लैब में ब्लड टेस्ट, hCG ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin) हॉर्मोन को मापते हैं।

hCG को "प्रेगनेंसी हॉर्मोन" भी कहते हैं जो सिर्फ तब बनता है जब स्पर्म ने एग को फर्टिलाइज़ कर दिया हो और फर्टिलाइज़्ड एग गर्भाशय की दीवार में इम्प्लांट हो गया हो। इम्प्लांटेशन के तुरंत बाद डेवलपिंग प्लेसेंटा hCG प्रोड्यूस करना शुरू कर देता है।

hCG की ख़ासियत: इम्प्लांटेशन के बाद hCG का लेवल बहुत तेजी से बढ़ता है यानी हर 48 से 72 घंटे में यह लगभग डबल हो जाता है। पहले यह ब्लड में डिटेक्ट होता है और फिर यूरिन में। फर्स्ट ट्राइमेस्टर के अंत तक यह सबसे ज्यादा यानी पीक पर पहुंचता है (50,000-100,000 mIU/mL), फिर धीरे-धीरे कम होने लगता है।

होम प्रेगनेंसी टेस्ट (HPT) में एंटीबॉडी होती हैं जो यूरिन में hCG से मिल जाती हैं। जब hCG लेवल टेस्ट किट की तय लिमिट (सेंसिटिविटी थ्रेशोल्ड) को क्रॉस कर जाता है, तो टेस्ट पॉज़िटिव शो करता है।

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए? (Pregnancy Test Kitne Din Baad Karna Chahiye)

सही जवाब समझने के लिए पहले गर्भधारण यानी कंसेप्शन की टाइमलाइन समझते हैं।

Day 0: ओव्यूलेशन और फर्टिलाइज़ेशन

आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच में (28-दिन साइकिल में Day 14 के आसपास) ओव्यूलेशन होता है। अगर इस समय के आसपास इंटरकोर्स हुआ और स्पर्म एग को फर्टिलाइज़ कर दे, तो कंसेप्शन होता है।

Day 1-5: फर्टिलाइज़्ड एग की यात्रा

फर्टिलाइज़्ड एग जो इस टाइम पर अब ज़ाइगोट कहलाता है, फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय की तरफ चलता है। इस दौरान इसके हिस्से होते हुए ब्लास्टोसिस्ट बनता है।

Day 6-12: इम्प्लांटेशन

ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय की दीवार यानी एंडोमेट्रियम में छेद h2 p do not change copy keep copy as it isकरके अटैच होता है। यह प्रोसेस इम्प्लांटेशन कहलाती है। ज़्यादातर मामलों में इम्प्लांटेशन ओव्यूलेशन के 8-10 दिन बाद होता है। इम्प्लांटेशन के बाद ही hCG प्रोडक्शन शुरू होता है।

Day 12-14:

hCG खून में डिटेक्ट होने लगता है। इम्प्लांटेशन के 2-3 दिन बाद hCG खून में पहचानने लायक स्तर 5-25 mIU/mL तक पहुंच जाता है।

Day 14-16:

ब्लड में आने के कुछ दिन बाद hCG कम मात्रा में यूरिन में भी आने लगता है।

सही समय क्या है?

अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स के कम से कम 14 दिन बाद या मिस्ड पीरियड के बाद टेस्ट करें।

  • मिस्ड पीरियड के बाद: यह सबसे भरोसेमंद समय है। अगर आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल नियमित है, तो अगले पीरियड की एक्सपेक्टेड डेट मिस होने के 1-2 दिन बाद टेस्ट करें। इस समय तक hCG का स्तर काफी बढ़ चुका होता है। इस समय hCG का लेवल 100+ mIU/mL है और लगभग सभी टेस्ट 99% सटीक रिजल्ट देते हैं।
  • अर्ली डिटेक्शन (अनप्रोटेक्टेड शारीरिक संबंध बनाने के 10-14 दिन बाद): कुछ सेंसिटिव टेस्ट (10 mIU/mL) पीरियड मिस होने से पहले भी पॉज़िटिव रिज़ल्ट दे सकते हैं। लेकिन इतनी जल्दी टेस्ट करने पर फॉल्स नेगेटिव का रिस्क ज़्यादा है, इनकी एक्यूरेसी 60 से 75% तक होती है।
  • बहुत जल्दी (इंटरकोर्स के 7 दिन बाद): इतनी जल्दी टेस्ट करना बेकार है। इस समय तक इम्प्लांटेशन ही नहीं होता इसीलिए hCG लेवल बहुत कम होता है। इन टेस्ट की एक्यूरेसी 0 से 20% तक होती है।

प्रेगनेंसी टेस्ट कितने प्रकार (टाइप) का होता है?

यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट यानी UPT (Urine Pregnancy Test)

ये टेस्ट मेडिकल स्टोर (फार्मेसी) में मिलने वाली स्ट्रिप टेस्ट, मिडस्ट्रीम टेस्ट, डिजिटल टेस्ट जैसी होम टेस्ट किट्स से घर पर किया जा सकता है। इस टेस्ट को पीरियड मिस होने के पहले दिन कर सकते हैं। इसका फ़ायदा यह है कि टेस्ट किट सस्ती आती है और 5 से 10 मिनट में रिजल्ट पता चल जाता है।

ब्लड प्रेगनेंसी टेस्ट यानी hCG (Blood Pregnancy Test )

इसकी सेंसिटिविटी बहुत ज्यादा होती है, इसीलिए यह 1-5 mIU/mL पर भी डिटेक्ट कर सकता है। इसे शारीरिक संबंध बनाने के 7 से 10 दिन बाद करवा सकते हैं। यह टेस्ट hCG का एग्ज़ैक्ट लेवल पता करने, एक्टोपिक या मिसकैरिज की मॉनिटरिंग करने में भी मददगार होता है। यह दो तरीके का होता है

  • क्वालिटेटिव ब्लड टेस्ट: जो बस यह बताता है कि hCG है या नहीं यानी प्रेगनेंसी पॉज़िटिव है या नेगेटिव।
  • क्वांटिटेटिव ब्लड टेस्ट (Beta hCG): इस टेस्ट से सटीक hCG लेवल (mIU/mL में) पता चलता है और इससे प्रेगनेंसी की प्रोग्रेस ट्रैक की जा सकती है।

प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही तरीका

होम यूरिन टेस्ट सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका है, लेकिन सही रिजल्ट के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

सही समय का चुनाव

सुबह की पहली यूरिन (First Morning Urine) से टेस्ट करना सबसे अच्छा होता है क्योंकि रात भर यूरिन ब्लैडर में रहने से hCG की मात्रा सबसे अधिक होती है। अगर दिन में टेस्ट करना हो, तो कम से कम 4 घंटे तक यूरिन रोकें और इस दौरान ज़्यादा पानी न पिएं, वरना यूरिन पतला हो जाएगा और hCG की मात्रा कम हो सकती है।

टेस्ट करने की विधि

पहले अपने हाथ अच्छी तरह साबुन से धोएं। टेस्ट किट का पैकेट खोलें और एक्सपायरी डेट ज़रूर देख लें क्योंकि पुरानी किट गलत रिजल्ट दे सकती है। एक साफ और सूखे बर्तन में यूरिन इकट्ठा करें। अगर मिडस्ट्रीम टेस्ट इस्तेमाल कर रही हैं, तो टेस्ट स्ट्रिप को सीधे यूरिन की धार (स्ट्रीम) में रखें ।

टेस्ट स्ट्रिप को यूरिन में MAX लाइन तक डुबोएं और 5 से 10 सेकंड तक रखें। ध्यान रहे कि स्ट्रिप को ज्यादा देर तक यूरिन में न रखें। इसके बाद स्ट्रिप को किसी समतल और साफ सतह पर रख दें। टेस्ट किट पर लिखे इंस्ट्रक्शन के अनुसार प्रतीक्षा करें। रिजल्ट आने में आमतौर पर 5 से 10 मिनट का समय लगता है।

रिजल्ट कैसे पढ़ें?

दो लाइनें दिखें तो टेस्ट पॉजिटिव है, भले ही दूसरी लाइन बहुत हल्की या धुंधली क्यों न हो। धुंधली रेखा का मतलब है कि hCG का लेवल अभी कम है, लेकिन प्रेगनेंसी है। एक लाइन का मतलब नेगेटिव है। अगर कोई लाइन नहीं दिखे, तो टेस्ट अमान्य है और दोबारा करना होगा।

गलत यानी फॉल्स नेगेटिव रिजल्ट क्यों आता है और आने पर क्या करें?

कई बार टेस्ट नेगेटिव आता है जबकि महिला प्रेगनेंट होती है। यह फॉल्स नेगेटिव आना बहुत कॉमन है और कई कारणों से आ सकता है।

  • बहुत जल्दी टेस्ट कर लिया हो क्योंकि hCG लेवल शुरुआत में कम होता है
  • टेस्ट करने से पहले बहुत पानी पी लिया हो क्योंकि ज़्यादा पानी पीने से यूरिन पतला हो जाता है और hCG का लेवल कम हो जाता है।
  • एक्सपायर्ड टेस्ट किट इस्तेमाल करने से
  • टेस्ट गलत तरीके से करने से
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी में क्योंकि इस कंडीशन में भी hCG धीरे-धीरे बढ़ता है

अगर टेस्ट नेगेटिव आए और पीरियड्स भी न आएं, तो 2-3 दिन बाद फिर से टेस्ट करें। इस बार सुबह की पहली यूरिन ज़रूर इस्तेमाल करें। अगर फिर भी नेगेटिव आए लेकिन पीरियड्स नहीं हो रहे, तो ब्लड टेस्ट करवाएं जो ज़्यादा सटीक होती है।

गलत यानी फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट क्यों आता है और आने पर क्या करें?

  • फॉल्स नेगेटिव की तरह कभी-कभार टेस्ट फॉल्स पॉज़िटिव भी दिखाता है: इसका मतलब है कि प्रेगनेंसी नहीं होने या नहीं ठहरने के बाद भी रिजल्ट पॉजिटिव दिखा रहा है।
  • केमिकल प्रेगनेंसी सबसे आम कारण है: जब इम्प्लांटेशन तो हो जाता है लेकिन प्रेगनेंसी कुछ ही दिनों या हफ्तों में समाप्त हो जाती है।
  • कभी-कभी महिलाएं एवैपरेशन लाइन को दूसरी लाइन समझ लेती हैं
  • फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले रही महिलाओं को अगर hCG इंजेक्शन दिए गए हों: तो वह टेस्ट में दिख सकता है।
  • कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे कुछ प्रकार के ओवेरियन सिस्ट: या बहुत रेयर मामलों में कुछ कैंसर भी hCG बना सकते हैं।
  • हाल ही में गर्भपात या अबॉर्शन हुआ हो: तो शरीर में hCG अभी साफ नहीं हुआ होता और टेस्ट पॉज़िटिव आ सकता है।

अगर टेस्ट पॉज़िटिव आए, तो 2-3 दिन बाद दोबारा करें। अगर रेखा धुंधली होती जा रही है या गायब हो रही है, तो यह केमिकल प्रेगनेंसी हो सकती है।कन्फर्म करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाना सबसे अच्छा है जो सटीक hCG लेवल बताता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Pregnancy test kitne din baad karna chahie इस सवाल का जवाब है अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स के कम से कम 14 दिन बाद या पीरियड मिस होने के बाद। बहुत जल्दी टेस्ट करने से सिर्फ फॉल्स नेगेटिव और निराशा मिलती है। पॉज़िटिव आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और प्रीनेटल केयर शुरू करें। याद रखें हर प्रेगनेंसी यूनिक है और hCG लेवल में वेरिएशन नॉर्मल है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?

 

पीरियड मिस होने के 1-2 दिन बाद या अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स के कम से कम 14 दिन बाद।

क्या सुबह के अलावा टेस्ट कर सकते हैं?

 

हाँ, लेकिन सुबह की पहली यूरिन में hCG कंसंट्रेशन सबसे हाई होता है। दिन में टेस्ट करें तो 4 घंटे यूरिन रोकने के बाद करें।

फेंट लाइन का क्या मतलब है?

 

फेंट लाइन भी पॉज़िटिव है। इसका मतलब hCG लेवल लो है - या तो बहुत अर्ली प्रेगनेंसी या केमिकल प्रेगनेंसी।

क्या ब्लड टेस्ट ज़्यादा एक्यूरेट है?

 

हाँ, ब्लड टेस्ट ज़्यादा सेंसिटिव है और यह एग्ज़ैक्ट hCG लेवल भी बताता है।

नेगेटिव आने के बाद भी प्रेगनेंट हो सकते हैं?

 

हाँ, अगर बहुत जल्दी टेस्ट किया हो। 2-3 दिन बाद रिपीट करें या ब्लड टेस्ट करवाएं।

क्या एक्सपायर्ड टेस्ट इस्तेमाल कर सकते हैं?

 

नहीं, एक्सपायर्ड टेस्ट फॉल्स नेगेटिव या इनवैलिड रिज़ल्ट दे सकता है।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
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