प्रेगनेंसी प्लान करने के लिए अगर आपने अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स किया है तो हर दिन यही लगता है कि आज टेस्ट कर लूं? कल करूँ? या एक हफ्ता और इंतजार करूं? Pregnancy test kitne din baad karna chahie यह सवाल जितना ही कॉमन है उतना ही कन्फ्यूज़िंग भी है। बहुत जल्दी टेस्ट करने पर फॉल्स नेगेटिव रिज़ल्ट मिल सकता है और आप सोचेंगी कि प्रेगनेंट नहीं हैं, जबकि हो सकता है कि आप हों। बहुत देर से टेस्ट करने पर अनसर्टेनिटी की टेंशन बढ़ती जाती है। तो सही समय क्या है? क्या हर टेस्ट एक जैसा होता है? और सबसे महत्वपूर्ण कि कैसे पक्का करें कि रिज़ल्ट एक्यूरेट है या नहीं? आगे हम साइंटिफिक तथ्यों के साथ समझेंगे कि प्रेगनेंसी टेस्ट का सही टाइमिंग, तरीका, और इंटरप्रिटेशन क्या है।
प्रेगनेंसी टेस्ट की टाइमिंग समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि यह टेस्ट डिटेक्ट क्या करता है। सभी प्रेगनेंसी टेस्ट चाहे होम टेस्ट किट हो या लैब में ब्लड टेस्ट, hCG ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin) हॉर्मोन को मापते हैं।
hCG को "प्रेगनेंसी हॉर्मोन" भी कहते हैं जो सिर्फ तब बनता है जब स्पर्म ने एग को फर्टिलाइज़ कर दिया हो और फर्टिलाइज़्ड एग गर्भाशय की दीवार में इम्प्लांट हो गया हो। इम्प्लांटेशन के तुरंत बाद डेवलपिंग प्लेसेंटा hCG प्रोड्यूस करना शुरू कर देता है।
hCG की ख़ासियत: इम्प्लांटेशन के बाद hCG का लेवल बहुत तेजी से बढ़ता है यानी हर 48 से 72 घंटे में यह लगभग डबल हो जाता है। पहले यह ब्लड में डिटेक्ट होता है और फिर यूरिन में। फर्स्ट ट्राइमेस्टर के अंत तक यह सबसे ज्यादा यानी पीक पर पहुंचता है (50,000-100,000 mIU/mL), फिर धीरे-धीरे कम होने लगता है।
होम प्रेगनेंसी टेस्ट (HPT) में एंटीबॉडी होती हैं जो यूरिन में hCG से मिल जाती हैं। जब hCG लेवल टेस्ट किट की तय लिमिट (सेंसिटिविटी थ्रेशोल्ड) को क्रॉस कर जाता है, तो टेस्ट पॉज़िटिव शो करता है।
सही जवाब समझने के लिए पहले गर्भधारण यानी कंसेप्शन की टाइमलाइन समझते हैं।
आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच में (28-दिन साइकिल में Day 14 के आसपास) ओव्यूलेशन होता है। अगर इस समय के आसपास इंटरकोर्स हुआ और स्पर्म एग को फर्टिलाइज़ कर दे, तो कंसेप्शन होता है।
फर्टिलाइज़्ड एग जो इस टाइम पर अब ज़ाइगोट कहलाता है, फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय की तरफ चलता है। इस दौरान इसके हिस्से होते हुए ब्लास्टोसिस्ट बनता है।
ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय की दीवार यानी एंडोमेट्रियम में छेद h2 p do not change copy keep copy as it isकरके अटैच होता है। यह प्रोसेस इम्प्लांटेशन कहलाती है। ज़्यादातर मामलों में इम्प्लांटेशन ओव्यूलेशन के 8-10 दिन बाद होता है। इम्प्लांटेशन के बाद ही hCG प्रोडक्शन शुरू होता है।
hCG खून में डिटेक्ट होने लगता है। इम्प्लांटेशन के 2-3 दिन बाद hCG खून में पहचानने लायक स्तर 5-25 mIU/mL तक पहुंच जाता है।
ब्लड में आने के कुछ दिन बाद hCG कम मात्रा में यूरिन में भी आने लगता है।
अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स के कम से कम 14 दिन बाद या मिस्ड पीरियड के बाद टेस्ट करें।
ये टेस्ट मेडिकल स्टोर (फार्मेसी) में मिलने वाली स्ट्रिप टेस्ट, मिडस्ट्रीम टेस्ट, डिजिटल टेस्ट जैसी होम टेस्ट किट्स से घर पर किया जा सकता है। इस टेस्ट को पीरियड मिस होने के पहले दिन कर सकते हैं। इसका फ़ायदा यह है कि टेस्ट किट सस्ती आती है और 5 से 10 मिनट में रिजल्ट पता चल जाता है।
इसकी सेंसिटिविटी बहुत ज्यादा होती है, इसीलिए यह 1-5 mIU/mL पर भी डिटेक्ट कर सकता है। इसे शारीरिक संबंध बनाने के 7 से 10 दिन बाद करवा सकते हैं। यह टेस्ट hCG का एग्ज़ैक्ट लेवल पता करने, एक्टोपिक या मिसकैरिज की मॉनिटरिंग करने में भी मददगार होता है। यह दो तरीके का होता है
होम यूरिन टेस्ट सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका है, लेकिन सही रिजल्ट के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
सुबह की पहली यूरिन (First Morning Urine) से टेस्ट करना सबसे अच्छा होता है क्योंकि रात भर यूरिन ब्लैडर में रहने से hCG की मात्रा सबसे अधिक होती है। अगर दिन में टेस्ट करना हो, तो कम से कम 4 घंटे तक यूरिन रोकें और इस दौरान ज़्यादा पानी न पिएं, वरना यूरिन पतला हो जाएगा और hCG की मात्रा कम हो सकती है।
पहले अपने हाथ अच्छी तरह साबुन से धोएं। टेस्ट किट का पैकेट खोलें और एक्सपायरी डेट ज़रूर देख लें क्योंकि पुरानी किट गलत रिजल्ट दे सकती है। एक साफ और सूखे बर्तन में यूरिन इकट्ठा करें। अगर मिडस्ट्रीम टेस्ट इस्तेमाल कर रही हैं, तो टेस्ट स्ट्रिप को सीधे यूरिन की धार (स्ट्रीम) में रखें ।
टेस्ट स्ट्रिप को यूरिन में MAX लाइन तक डुबोएं और 5 से 10 सेकंड तक रखें। ध्यान रहे कि स्ट्रिप को ज्यादा देर तक यूरिन में न रखें। इसके बाद स्ट्रिप को किसी समतल और साफ सतह पर रख दें। टेस्ट किट पर लिखे इंस्ट्रक्शन के अनुसार प्रतीक्षा करें। रिजल्ट आने में आमतौर पर 5 से 10 मिनट का समय लगता है।
दो लाइनें दिखें तो टेस्ट पॉजिटिव है, भले ही दूसरी लाइन बहुत हल्की या धुंधली क्यों न हो। धुंधली रेखा का मतलब है कि hCG का लेवल अभी कम है, लेकिन प्रेगनेंसी है। एक लाइन का मतलब नेगेटिव है। अगर कोई लाइन नहीं दिखे, तो टेस्ट अमान्य है और दोबारा करना होगा।
कई बार टेस्ट नेगेटिव आता है जबकि महिला प्रेगनेंट होती है। यह फॉल्स नेगेटिव आना बहुत कॉमन है और कई कारणों से आ सकता है।
अगर टेस्ट नेगेटिव आए और पीरियड्स भी न आएं, तो 2-3 दिन बाद फिर से टेस्ट करें। इस बार सुबह की पहली यूरिन ज़रूर इस्तेमाल करें। अगर फिर भी नेगेटिव आए लेकिन पीरियड्स नहीं हो रहे, तो ब्लड टेस्ट करवाएं जो ज़्यादा सटीक होती है।
अगर टेस्ट पॉज़िटिव आए, तो 2-3 दिन बाद दोबारा करें। अगर रेखा धुंधली होती जा रही है या गायब हो रही है, तो यह केमिकल प्रेगनेंसी हो सकती है।कन्फर्म करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाना सबसे अच्छा है जो सटीक hCG लेवल बताता है।
Pregnancy test kitne din baad karna chahie इस सवाल का जवाब है अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स के कम से कम 14 दिन बाद या पीरियड मिस होने के बाद। बहुत जल्दी टेस्ट करने से सिर्फ फॉल्स नेगेटिव और निराशा मिलती है। पॉज़िटिव आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें और प्रीनेटल केयर शुरू करें। याद रखें हर प्रेगनेंसी यूनिक है और hCG लेवल में वेरिएशन नॉर्मल है।
पीरियड मिस होने के 1-2 दिन बाद या अनप्रोटेक्टेड इंटरकोर्स के कम से कम 14 दिन बाद।
हाँ, लेकिन सुबह की पहली यूरिन में hCG कंसंट्रेशन सबसे हाई होता है। दिन में टेस्ट करें तो 4 घंटे यूरिन रोकने के बाद करें।
फेंट लाइन भी पॉज़िटिव है। इसका मतलब hCG लेवल लो है - या तो बहुत अर्ली प्रेगनेंसी या केमिकल प्रेगनेंसी।
हाँ, ब्लड टेस्ट ज़्यादा सेंसिटिव है और यह एग्ज़ैक्ट hCG लेवल भी बताता है।
हाँ, अगर बहुत जल्दी टेस्ट किया हो। 2-3 दिन बाद रिपीट करें या ब्लड टेस्ट करवाएं।
नहीं, एक्सपायर्ड टेस्ट फॉल्स नेगेटिव या इनवैलिड रिज़ल्ट दे सकता है।