ऐसे दंपति (कपल) जो संतान प्राप्ति के लिए काफी समय से कोशिश कर रहे हैं फिर भी किन्ही कारणों से गर्भधारण (कंसीव) नहीं हो रहा है, तो उनके लिए “टेस्ट ट्यूब बेबी” यानी IVF ट्रीटमेंट एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आज भारत में लाखों संतानहीन कपल्स आईवीएफ की मदद से माता-पिता बन चुके हैं। IVF संतान प्राप्ति के लिए एक असरदार तरीका है लेकिन सबसे आम सवाल यही होता है कि टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च कितना आता है (test tube baby kharch)? आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।
टेस्ट ट्यूब बेबी (IVF) आज निःसंतानता (Infertility) के इलाज की सबसे सफल तकनीकों में से एक है। इसमें अंडाणु और शुक्राणु को महिला के शरीर के बाहर एक लैब में मिलाया (फर्टिलाइज़ किया) जाता है, और जब भ्रूण (एम्ब्रीओ) बन जाता है, तो उसे महिला के गर्भाशय (यूट्रस) में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
भारत में आईवीएफ की जरूरत लगातार बढ़ रही है, खासकर उन कपल्स में जिन्हें PCOS, एंडोमेट्रियोसिस, कम शुक्राणु संख्या या उम्र के कारण गर्भधारण (कंसीव करने) में कठिनाई होती है। AIIMS और ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर छठा कपल निःसंतानता की समस्या से जूझ रहा है, जिसके लिए IVF एक आशा की किरण है।सरल शब्दों में, टेस्ट ट्यूब बेबी वही बच्चा है जो IVF प्रक्रिया से जन्म लेता है। इसमें महिला के अंडाणु (Eggs) और पुरुष के शुक्राणु (Sperms) को एक लैब में मिलाकर भ्रूण (एम्ब्रीओ) तैयार किया जाता है। जब भ्रूण कुछ दिनों में विकसित हो जाता है, तो उसे महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जहां वह प्राकृतिक रूप से विकसित होता है । नेचुरल तरीके से गर्भधारण करने में भ्रूण (एम्ब्रीओ) महिला के शरीर के अंदर बनता है वहीं IVF में यही क्रिया शरीर के बाहर टेस्ट ट्यूब में होती है, मतलब भ्रूण टेस्ट ट्यूब में बनता है। भ्रूण का आगे का विकास महिला के गर्भ (यूट्रस) में ही होता है।
IVF और टेस्ट ट्यूब बेबी एक ही प्रक्रिया के दो अलग नाम हैं।
टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च हर क्लिनिक और मरीज की स्थिति के अनुसार अलग हो सकता है। मुख्य रूप से खर्च निम्न कारकों पर निर्भर करता है:
भारत में IVF का औसत खर्च (एवरेज कॉस्ट) अमेरिका और यूरोप की तुलना में काफी कम है।
पहले डॉक्टर दंपत्ति (कपल) की जांच करते हैं। इसमें ब्लड टेस्ट, हार्मोन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और सीमन एनालिसिस शामिल होते हैं।
अनुमानित खर्च : ₹5,000 – ₹15,000
महिला को अंडों के विकास के लिए हार्मोन इंजेक्शन दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया 10–12 दिनों तक चलती है।
अनुमानित खर्च :
इसमें महिला के अंडे निकाले जाते हैं (OPU) और पुरुष के स्पर्म का सैंपल लिया जाता है। लैब में दोनों को मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है।
अनुमानित खर्च : ₹25,000 – ₹40,000
तैयार भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। इसके बाद सपोर्टिव मेडिसिन दी जाती हैं।
अनुमानित खर्च : ₹20,000 – ₹30,000
कभी-कभी IVF के साथ कुछ अतिरिक्त प्रक्रिया भी जुड़ जाती हैं, जिससे खर्च बढ़ सकता है:
IVF में सफलता दर (Success Rate) महिला की उम्र, अंडों की क्वालिटी और ट्रीटमेंट तकनीक पर निर्भर करती है।
ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में IVF की सफलता दर औसतन 40–50% प्रति सायकल है। 35 वर्ष से कम उम्र में यह दर 60% तक हो सकती है, जबकि 40 वर्ष के बाद घटकर 25–30% रह जाती है।
कभी-कभी सफल गर्भधारण के लिए 2–3 सायकल की जरूरत पड़ सकती है, जिससे खर्च बढ़ जाता है। हालांकि, बेहतर टेक्नोलॉजी (जैसे ICSI, Laser Assisted Hatching) से सफलता के अवसर बढ़ जाते हैं।
| शहर | औसत IVF खर्च (प्रति सायकल) |
|---|---|
| दिल्ली | ₹1,20,000 – ₹2,20,000 |
| मुंबई | ₹1,30,000 – ₹2,50,000 |
| बैंगलोर | ₹1,20,000 – ₹2,00,000 |
| चेन्नई | ₹1,00,000 – ₹1,80,000 |
| लखनऊ / जयपुर / इंदौर | ₹90,000 – ₹1,50,000 |
टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट (IVF) आज लाखों जोड़ों के लिए उम्मीद की किरण बन चुका है। भारत में इसका खर्च क्लिनिक, तकनीक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन औसतन ₹1–₹2.5 लाख प्रति सायकल एक वास्तविक अनुमान है। सही डॉक्टर, सही जांच, और एक पारदर्शी क्लिनिक चुनना सबसे महत्वपूर्ण है। WHO और ICMR दोनों संस्थाएँ यही सलाह देती हैं कि कपल्स केवल प्रमाणित फर्टिलिटी सेंटर्स से ही IVF करवाएं।
इसमें अंडा और शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है और गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
कोई अंतर नहीं है, टेस्ट ट्यूब बेबी IVF का ही लोकप्रिय नाम है।
भ्रूण महिला के शरीर में ट्रांसफर होने के बाद गर्भावस्था प्राकृतिक रूप से आगे बढ़ती है।
एक IVF साइकल में लगभग 4–6 हफ्ते लगते हैं।
नहीं, दोनों बिल्कुल समान होते हैं बस गर्भधारण का तरीका अलग होता है।
हां, यह पूरी तरह सुरक्षित प्रक्रिया है जब इसे अनुभवी फर्टिलिटी डॉक्टर की निगरानी में किया जाए।
औसतन 40–50% प्रति साइकल, उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर।
औसतन ₹1 लाख से ₹2.5 लाख प्रति IVF साइकल, अतिरिक्त प्रक्रियाओं के साथ बढ़ सकता है।