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इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग क्या है? – लक्षण और कारण

Last updated: December 19, 2025

Overview

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग गर्भावस्था यानी प्रेगनेंसी का शुरुआती लक्षण होता है। जब फर्टिलाइजेशन के बाद एम्ब्रीओ के गर्भाशय मतलब यूट्रस (Uterus) की परत में चिपकता है तो कई महिलाओं को हल्की स्पॉटिंग होती है।

यह सामान्यत: बहुत हल्की और थोड़े समय की होती है, इसलिए ज़्यादातर मामलों में चिंता की जरूरत नहीं होती। इस गाइड में आगे हम जानेंगे implantation bleeding in hindi, क्या हैं इसके लक्षण, और ब्लीडिंग अगर ज्यादा हो तब क्या करें।

इंप्लांटेशन का आसान मतलब (Implantation Meaning in Hindi)

इंप्लांटेशन(implantation) प्रेगनेंट होने की जर्नी में वह स्टेज है जिसमें फर्टिलाइज़ेशन (fertilization) के बाद बनने वाला भ्रूण यानी एम्ब्रीओ (embryo) गर्भाशय की अंदरूनी परत, एंडोमेट्रियम (endometrium), में जाकर अपने लिए एक सुरक्षित जगह बनाता है।

जैसे ही एम्ब्रीओ इस परत में हल्का-सा धँसता है, कभी-कभी बहुत कम मात्रा में खून बाहर आ सकता है, जिसे इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है।

यह ब्लीडिंग हल्की और इंप्लांटेशन ब्लीडिंग अक्सर ओवुलेशन के 10 से 14 दिन के बाद होती है। 4 में से 1 गर्भवती महिला को यह ब्लीडिंग होती है जो 2 दिनों तक हो सकती है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग प्रेगनेंसी की शुरुआत होने का लक्षण होता है, लेकिन हर महिला को ब्लीडिंग हो यह जरूरी नहीं है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग क्यों होती है? (Implantation bleeding kyo hoti hai)

इंप्लांटेशनब्लीडिंग तब होती है जब एम्ब्रीओ गर्भाशय की परत यानी यूटेरिन लाइनिंग (Uterine lining) से जुड़ता है। मेडिकल लैंग्वेज में यूट्रस के अंदर बनी इन यूटेरिन लाइनिंग को ही एंडोमेट्रियम कहते हैं।

एम्ब्रीओ के एंडोमेट्रियम से चिपकते समय कभी-कभी वहाँ की कुछ छोटी नसें या रक्त वाहिकाएँ थोड़ी सी फट जाती हैं। इस वजह से बहुत थोड़ा-सा खून निकलता है।

यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इससे एम्ब्रीओ या प्रेगनेंसी को कोई नुकसान नहीं होता।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कब दिखाई दे सकती है?

इम्प्लांटेशन, फर्टिलाइज़ेशन' (Fertilization) होने के लगभग 6 से 10 दिन बाद होता है। इस कारण से, यह ब्लीडिंग आमतौर पर आपकी 'पीरियड' (Period) की तय तारीख से 3 से 5 दिन पहले या पिछले ओवुलेशन के 10 से 14 दिन के बाद हो सकती है।

इसी वजह से, बहुत सी महिलाएँ इसे अपना 'अर्ली पीरियड' (Early Period) या नार्मल पीरियड्स समझ लेती हैं।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग के लक्षण (Implantation Bleeding Symptoms in Hindi)

  • इंप्लांटेशन ब्लीडिंग में बहाव बहुत हल्का होता है और खून की मात्रा सिर्फ एक-दो छोटे दाग जैसी दिखती है, जो कभी-कभी पैंटी लाइनर पर भी मुश्किल से नज़र आती है।
  • इसका रंग आमतौर पर हल्का गुलाबी, हल्का भूरा या कभी-कभी हल्का लाल होता है, जो सामान्य पीरियड के रंग से काफी कम गहरा होता है।
  • यह ब्लीडिंग बहुत कम समय की होती है और आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर 1–2 दिन के अंदर पूरी तरह खत्म हो जाती है।
  • इसमें तेज दर्द नहीं होता, और अधिकतर महिलाओं को सिर्फ हल्की मरोड़, हल्का खिंचाव या थोड़ा-सा भारीपन महसूस होता है।
  • इस ब्लीडिंग का बहाव बढ़ता नहीं है, और अगर बहाव बढ़ने लगे या लगातार तेज होता जाए, तो वह अक्सर पीरियड की शुरुआत मानी जाती है, इंप्लांटेशन नहीं।

क्या इंप्लांटेशन ब्लीडिंग गर्भावस्था का संकेत है?

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कई महिलाओं में शुरुआती प्रेगनेंसी का संकेत हो सकती है, क्योंकि यह तब होती है जब एम्ब्रीओ एंडोमेट्रियम से जुड़ना शुरू करता है।

लेकिन यह सभी महिलाओं में नहीं दिखती, इसलिए इसका न दिखना भी प्रेगनेंसी न होने का कारण नहीं माना जाता। प्रेगनेंसी तभी कन्फर्म होगी जब पीरियड मिस होने के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाए।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग और पीरियड ब्लीडिंग में क्या फर्क है?

  • इंप्लांटेशन ब्लीडिंग में बहाव बहुत हल्का होता है और अक्सर सिर्फ़ एक - दो छोटे धब्बों जैसा दिखता है, जबकि पीरियड ब्लीडिंग में आमतौर पर मीडियम से हैवी फ्लो होता है।
  • इंप्लांटेशन का रंग हल्का गुलाबी या ब्राउन होता है, जबकि पीरियड का खून शुरुआत में चमकीला लाल और आखिर में गहरा हो जाता है।
  • इंप्लांटेशन ब्लीडिंग केवल कुछ घंटों से 1–2 दिनों तक रहती है, जबकि पीरियड सामान्य तौर पर 3 से 7 दिनों तक चलते हैं।
  • इंप्लांटेशन ब्लीडिंग ओव्यूलेशन के लगभग 10 से 14 दिन बाद होती है, जबकि पीरियड अपने रेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकिल के समय पर आते हैं।
  • इंप्लांटेशन में क्रैम्प बहुत हल्के या कई बार बिल्कुल नहीं होते, जबकि पीरियड में हल्के से तेज़ दर्द और क्रैम्प होना आम बात है।
  • इंप्लांटेशन के समय हल्की थकान जैसे शुरुआती प्रेगनेंसी संकेत दिख सकते हैं, जबकि पीरियड में पेट फूलना, स्तनों में कोमलता और मूड बदलाव जैसे सामान्य पीरियड लक्षण ज़्यादा होते हैं।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग किन महिलाओं में थोड़ी ज़्यादा दिख सकती है?

वैसे तो हर महिला में इंप्लांटेशन ब्लीडिंग बहुत हल्की होती है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह सामान्य से कम से ज्यादा भी हो सकती है।

  • संवेदनशील एंडोमेट्रियम वाली महिलाओं में हल्की स्पॉटिंग जल्दी दिख सकती है।
  • IVF या IUI के बाद इंप्लांटेशन के दौरान हल्का दाग दिखाई दे सकता है।
  • पहली प्रेगनेंसी में शरीर नई प्रक्रिया के प्रति संवेदनशील हो सकता है।
  • हल्के हार्मोन बदलाव होने पर शरीर इंप्लांटेशन पर थोड़ी प्रतिक्रिया दे सकता है।
  • अगर एम्ब्रीओ जल्दी इम्प्लांट (early implantation) हो जाये तो कम मात्रा में दाग दिख सकता है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग में क्या करें और क्या न करें?

क्या करें

  • शरीर को आराम दें ताकि अंदर होने वाले बदलाव सहज रहें।
  • तनाव कम रखें, क्योंकि तनाव हार्मोनल बदलाव को प्रभावित कर सकता है।
  • दिन भर पर्याप्त पानी पिएँ ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन न हो।
  • हल्का और पचने में आसान भोजन खाएँ ताकि शरीर पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
  • ध्यान रखें कि बहाव धीरे-धीरे बढ़ तो नहीं रहा।

क्या न करें

  • भारी व्यायाम न करें ताकि गर्भाशय पर दबाव न पड़े।
  • वजनी सामान न उठाएँ, इससे पेट पर जोर पड़ सकता है।
  • इंटरनेट पर खुद से बीमारी खोजने की कोशिश न करें।
  • हर कुछ घंटों में प्रेगनेंसी टेस्ट न करें, इससे अनावश्यक तनाव बढ़ता है।
  • हल्की स्पॉटिंग देखकर घबराएँ नहीं क्योंकि यह सामान्य हो स्पॉटिंग हो सकती है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कब डॉक्टर को दिखाना जरुरी है?

वैसे तो इंप्लांटेशन ब्लीडिंग प्रेगनेंसी की शुरुआत का एक सामान्य हिस्सा है, जहाँ डॉक्टर के पास जाना जरुरी नहीं होता लेकिन कुछ कंडीशन में डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी हो जाता है।

  • यदि खून का बहाव लगातार बढ़ रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • अगर पेट में तेज दर्द, चक्कर या अचानक कमजोरी हो, तो यह सामान्य इंप्लांटेशन नहीं है।
  • खून का रंग चमकीला लाल दिखाई दे, तो इसकी जांच करवाना जरूरी है।
  • यदि बहाव में थक्के आने लगें, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
  • दुर्गंध वाला खून दिखाई दे, तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • यदि ब्लीडिंग 3–4 दिनों से ज़्यादा चले, तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग प्रेगनेंसी का एक सामान्य और स्वाभाविक हिस्सा है। कुछ महिलाओं में यह शुरुआती प्रेगनेंसी का संकेत भी बन सकती है, लेकिन यह सभी के साथ ऐसा हो यह आवश्यक नहीं है।

यदि ब्लीडिंग हल्की है और पीरियड से पहले दिखी है, तो अक्सर यह इंप्लांटेशन हो सकता है। लेकिन अगर बहाव तेज हो, दर्द बढ़े, थक्के आएं या रंग चमकीला लाल हो तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे सुरक्षित कदम है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या हर महिला को इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती है?

 

हर महिला को इंप्लांटेशन ब्लीडिंग हो, यह ज़रूरी नहीं है। असल में ज़्यादातर महिलाओं, करीब 70–80%, को कोई दाग तक नहीं दिखता, क्योंकि कई बार इंप्लांटेशन शरीर के अंदर बिल्कुल चुपचाप हो जाता है। इसलिए ब्लीडिंग न दिखना यह नहीं बताता कि प्रेगनेंसी (pregnancy) नहीं हुयी है।

क्या इंप्लांटेशन ब्लीडिंग के समय प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?

 

इंप्लांटेशन के तुरंत बाद टेस्ट करने से अक्सर नेगेटिव रिज़ल्ट आ सकता है, क्योंकि शरीर को hCG (human chorionic gonadotropin) हार्मोन बनाने में थोड़ा समय लगता है। सबसे सही समय पीरियड मिस होने के 1–2 दिन बाद, या इंप्लांटेशन के लगभग 10 से 14 दिन बाद टेस्ट करना चाहिए।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कितने दिनों में ठीक हो जाती है?

 

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कोई बीमारी नहीं है जिसे ठीक करने की जरुरत पड़े। आमतौर पर यह बहुत कम समय तक रहती है और ज्यादातर महिलाओं में यह कुछ घंटों से लेकर 1–2 दिन के भीतर बंद हो जाती है। अगर ब्लीडिंग 3–4 दिन से ज़्यादा चल रही है या बहाव धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, तो फिर यह इंप्लांटेशन नहीं बल्कि पीरियड या किसी और कारण से होने वाला बहाव हो सकता है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग का रंग कैसा होता है?

 

इसका रंग आमतौर पर हल्का गुलाबी, हल्का भूरा या कभी-कभी थोड़ा पतला हल्का लाल हो सकता है,

क्या इंप्लांटेशन ब्लीडिंग में थक्के आ सकते हैं?

 

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग में थक्के नहीं आते, क्योंकि यह बहाव बहुत हल्का है। अगर खून के साथ थक्के दिखें, बहाव बढ़ रहा हो या रंग बहुत चमकीला लाल हो, तो यह इंप्लांटेशन की बजाय पीरियड या किसी और कारण का संकेत हो सकता है।

IVF में इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कैसी होती है?

 

IVF के बाद हल्की स्पॉटिंग बिल्कुल सामान्य हो सकती है, क्योंकि एम्ब्रीओ को गर्भाशय में चिपकने के दौरान थोड़ी ब्लीडिंग हो सकती है।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
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