सालों से संतान का सपना देख रहे कपल्स को यही उम्मीद होती है कि उनका यह सपना पूरा हो जाये। लेकिन बार बार कोशिश करने के
बाद भी अगर उन्हें निराशा ही मिलती है तो यह एक मेडिकल समस्या हो सकती है। ऐसे लाखों कपल्स हैं जो इस समस्या से पीड़ित
हैं। इस स्थिति को कहा जाता है निःसंतानता यानी इनफर्टिलिटी (infertility)।
मॉडर्न मेडिकल साइंस की मदद से इनफर्टिलिटी का इलाज संभव है। इस आर्टिकल में हम समझते हैं infertility meaning in hindi,
इसके क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे हो सकता है।
निःसंतानता यानी इनफर्टिलिटी का मतलब है ऐसी स्थिति जिसमें एक महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण (नेचुरल प्रेगनेंसी) नहीं कर पाती। infertility kya hota hai इसे ऐसे समझते हैं, कि आमतौर पर, जब एक कपल नियमित रूप से 1 साल तक गर्भनिरोधक के बिना सैक्स यानी अनप्रोटेक्टेड सैक्स (Unprotected Sex) करता है लेकिन प्रेगनेंसी नहीं होती, तो इसे इनफर्टिलिटी माना जाता है। 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए यह समय 6 महीने होता है, क्योंकि उम्र के साथ प्रेगनेंसी की संभावना कम होती जाती है।
यहाँ यह समझना जरूरी है कि निःसंतानता केवल महिला की समस्या नहीं है। यह पुरुष और महिला दोनों से संबंधित हो सकती है। करीब 40 प्रतिशत मामलों में समस्या महिला की ओर से होती है, 40 प्रतिशत में पुरुष की ओर से, और 20 प्रतिशत में दोनों के कारण या बिना किसी स्पष्ट कारण के इनफर्टिलिटी हो सकती है।
यह तब होती है जब कपल को कभी भी संतान नहीं हुयी है। दूसरे शब्दों में, जब पहली बार ही उन्हें गर्भधारण की समस्या हो रही है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे जन्मजात समस्याएं (Congenital Problems), हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) या लाइफस्टाइल से संबंधित कारण।
यह तब होती है जब कपल को पहले एक या दो बच्चे हो चुके हैं, लेकिन अब और बच्चे नहीं हो रहे। इसके अलग अलग कारण हो सकते हैं जैसे महिला की उम्र बढ़ना, हैल्थ कंडीशन में बदलाव, पोस्टनेटल कॉम्प्लीकेशन्स यानी प्रसव के बाद की जटिलताएं, या आजकल के तनाव भरे जीवन के कारण। दोनों ही प्रकार की समस्याएं गंभीर हैं और दोनों का इलाज संभव है।
कई मामलों में, निःसंतानता को दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। महिलाओं में, अगर समस्या ओवुलेशन नहीं होने की है, तो फर्टिलिटी की दवाइयां दी जाती हैं जो अंडाशय को एग बनाने और रिलीज़ करने के लिए स्टिमुलेट यानी उत्तेजित करती हैं। इन दवाइयों से 25-30 प्रतिशत महिलाओं को गर्भधारण हो जाता है। पुरुषों में भी, हार्मोन थेरेपी से कभी-कभी स्पर्म की क्वालिटी में सुधार आता है।
आईवीएफ निःसंतानता का सबसे प्रभावी इलाज है। यह खासकर उन कपल्स के लिए बेहद उपयोगी है जहाँ महिला की ट्यूब्स ब्लॉक हैं या पुरुष में गंभीर स्पर्म समस्या है। इसमें एग और स्पर्म को लैब में मिलाया जाता है, फिर एम्ब्रीओ को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है। आईवीएफ का सक्सेस रेट 30-50 प्रतिशत है।
डॉक्टर सबसे पहले कपल की मेडिकल हिस्ट्री लेते हैं और शारीरिक परीक्षण यानी फिजिकल एग्जामिनेशन करते हैं। महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट्स होते हैं ताकि हार्मोन लेवल, ओवुलेशन और ओवरीज़ की कंडीशन देख सकें। इसमें एएमएच टेस्ट (AMH - Anti-Müllerian Hormone test) भी शामिल है जिससे एग रिज़र्व के बारे में पता चलता है।
पुरुषों के लिए सीमेन एनालिसिस (semen analysis) किया जाता है ताकि स्पर्म काउंट, उनकी क्वालिटी और मोटिलिटी जान सकें। कभी-कभी ट्यूब्स ब्लॉक हैं या नहीं यह जानने के लिए हिस्टेरोसालपिंगोग्राफी (HSG - Hysterosalpingography) टेस्ट भी किया जाता है।
निःसंतानता यानी इनफर्टिलिटी एक मेडिकल समस्या है जिसका इलाज संभव है। यह न तो शर्म की बात है और न ही कोई परमानेंट समस्या। आजकल के समय में, आईवीएफ और अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स काफी सफल हो गए हैं। एक अनुभवी रीप्रोडक्टिव स्पेशलिस्ट (reproductive specialist) आपकी पूरी स्थिति को समझ कर सही ट्रीटमेंट सुझा सकते हैं।
याद रखें कि लाखों कपल्स ने इनफर्टिलिटी का ट्रीटमेंट करवाने के बाद संतान का सुख प्राप्त किया है और आप भी कर सकते हैं।
जब लंबे समय तक कोशिश करने के बावजूद प्रेगनेंसी न होने या गर्भ न ठहर पाने की स्थिति को निःसंतानता कहा जाता है।
पुरुषों में लो-स्पर्म काउंट या कमजोर स्पर्म और महिलाओं में ओव्युलेशन की समस्या, ब्लॉक ट्यूब्स या हार्मोनल असंतुलन आम कारण होते हैं।
हॉर्मोन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, ओव्यूलेशन ट्रैकिंग और पुरुषों में सीमेन एनालिसिस के जरिए पता चल जाता है कि समस्या किस पार्टनर हिस्से में है।
हॉर्मोनल दवाइयाँ, लाइफस्टाइल चेंज, ओव्यूलेशन इंडक्शन, सर्जरी से ट्यूब्स या रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट की रुकावट ठीक करना जैसे ऑप्शन उपलब्ध होते हैं।
नहीं, कई मामलों में सही समय पर इलाज, दवाइयों और एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से प्रेगनेंसी संभव हो सकती है।