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निःसंतानता क्या है: अर्थ, कारण, इलाज के विकल्प

Last updated: December 02, 2025

Overview

सालों से संतान का सपना देख रहे कपल्स को यही उम्मीद होती है कि उनका यह सपना पूरा हो जाये। लेकिन बार बार कोशिश करने के बाद भी अगर उन्हें निराशा ही मिलती है तो यह एक मेडिकल समस्या हो सकती है। ऐसे लाखों कपल्स हैं जो इस समस्या से पीड़ित हैं। इस स्थिति को कहा जाता है निःसंतानता यानी इनफर्टिलिटी (infertility)।

मॉडर्न मेडिकल साइंस की मदद से इनफर्टिलिटी का इलाज संभव है। इस आर्टिकल में हम समझते हैं infertility meaning in hindi, इसके क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे हो सकता है।

निःसंतानता क्या है? (infertility in hindi)

निःसंतानता यानी इनफर्टिलिटी का मतलब है ऐसी स्थिति जिसमें एक महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण (नेचुरल प्रेगनेंसी) नहीं कर पाती। infertility kya hota hai इसे ऐसे समझते हैं, कि आमतौर पर, जब एक कपल नियमित रूप से 1 साल तक गर्भनिरोधक के बिना सैक्स यानी अनप्रोटेक्टेड सैक्स (Unprotected Sex) करता है लेकिन प्रेगनेंसी नहीं होती, तो इसे इनफर्टिलिटी माना जाता है। 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए यह समय 6 महीने होता है, क्योंकि उम्र के साथ प्रेगनेंसी की संभावना कम होती जाती है।

यहाँ यह समझना जरूरी है कि निःसंतानता केवल महिला की समस्या नहीं है। यह पुरुष और महिला दोनों से संबंधित हो सकती है। करीब 40 प्रतिशत मामलों में समस्या महिला की ओर से होती है, 40 प्रतिशत में पुरुष की ओर से, और 20 प्रतिशत में दोनों के कारण या बिना किसी स्पष्ट कारण के इनफर्टिलिटी हो सकती है।

निःसंतानता के सामान्य कारण

महिलाओं में सामान्य कारण:

  • ओवुलेशन की समस्या (ovulation disorder): ओवुलेशन डिसऑर्डर का मतलब है कि महिला के अंडाशय यानी ओवरीज़ (Ovaries) से नियमित रूप से एग रिलीज़ नहीं हो रहे हैं। पीसीओएस यानी पॉलीस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS - Polycystic Ovary Syndrome) और थाइरॉइड की समस्या इसके मुख्य कारण हैं। जब एग ही नहीं बनते या रिलीज़ नहीं होते, तो गर्भधारण असंभव हो जाता है। इससे महिला के पीरियड्स भी अनियमित हो सकते हैं।
  • फैलोपियन ट्यूब्स का ब्लॉक होना (blocked fallopian tubes): ये ट्यूब्स वो रास्ते हैं जिनसे एग ओवरीज़ से गर्भाशय यानी यूट्रस तक जाते हैं। अगर ये ट्यूब्स ब्लॉक हों तो एग और स्पर्म मिल ही नहीं सकते, और फर्टिलाइजेशन नहीं हो सकता। इन्फ़ेक्शन या एंडोमेट्रिओसिस (endometriosis) के कारण ये फैलोपियन ट्यूब्स ब्लॉक हो सकती हैं।
  • एंडोमेट्रिओसिस (endometriosis): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत यानी इनर लाइनिंग (inner lining) के समान टिश्यूज़ गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं। इससे गंभीर दर्द होता है और निःसंतानता भी हो सकती है। एंडोमेट्रिओसिस के कारण बने टिश्यूज़ प्रेगनेंसी के रास्ते में रुकावट बन जाते हैं और एग के रास्ते को प्रभावित करते हैं।

पुरुषों में सामान्य कारण:

  • कम स्पर्म काउंट (low sperm count): लो स्पर्म काउंट या निल स्पर्म एक बहुत ही आम समस्या है। जब पुरुष के शुक्राणुओं यानी स्पर्म की संख्या सामान्य से कम होती है, तो नैचुरली कंसीव होने की संभावना घट जाती है। यह हार्मोनल समस्या, इन्फेक्शन, स्मोकिंग या अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से हो सकता है।
  • स्पर्म की क्वालिटी (sperm quality): कभी-कभी स्पर्म काउंट तो ठीक होता है लेकिन उनकी मोबिलिटी (motility गतिविधि) या मोर्फोलॉजी (morphology आकार) सही नहीं होते। जिनकी वजह स्पर्म एग तक पहुँच नहीं पाते, और फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता।
  • शारीरिक समस्याएं: कुछ फिजिकल प्रॉब्लम्स जैसे, वेरीकोसील (varicocele - अंडकोष की नसों में सूजन) या इजेकुलेशन (ejaculation) की समस्या स्पर्म प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकती हैं। कभी-कभी डक्ट्स ब्लॉक होने से भी स्पर्म निकल नहीं पाते।

निःसंतानता के प्रकार (Types of Infertility)

प्राथमिक निःसंतानता या प्राइमरी इनफर्टिलिटी (Primary Infertility):

यह तब होती है जब कपल को कभी भी संतान नहीं हुयी है। दूसरे शब्दों में, जब पहली बार ही उन्हें गर्भधारण की समस्या हो रही है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे जन्मजात समस्याएं (Congenital Problems), हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) या लाइफस्टाइल से संबंधित कारण।

माध्यमिक निःसंतानता या सेकेंडरी इनफर्टिलिटी (Secondary Infertility):

यह तब होती है जब कपल को पहले एक या दो बच्चे हो चुके हैं, लेकिन अब और बच्चे नहीं हो रहे। इसके अलग अलग कारण हो सकते हैं जैसे महिला की उम्र बढ़ना, हैल्थ कंडीशन में बदलाव, पोस्टनेटल कॉम्प्लीकेशन्स यानी प्रसव के बाद की जटिलताएं, या आजकल के तनाव भरे जीवन के कारण। दोनों ही प्रकार की समस्याएं गंभीर हैं और दोनों का इलाज संभव है।

निःसंतानता के इलाज के विकल्प (Infertility Treatment in Hindi)

1. दवाइयाँ और हार्मोन थेरेपी:

कई मामलों में, निःसंतानता को दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। महिलाओं में, अगर समस्या ओवुलेशन नहीं होने की है, तो फर्टिलिटी की दवाइयां दी जाती हैं जो अंडाशय को एग बनाने और रिलीज़ करने के लिए स्टिमुलेट यानी उत्तेजित करती हैं। इन दवाइयों से 25-30 प्रतिशत महिलाओं को गर्भधारण हो जाता है। पुरुषों में भी, हार्मोन थेरेपी से कभी-कभी स्पर्म की क्वालिटी में सुधार आता है।

  • आईयूआई यानी इंट्रायूटरिन इनसेमिनेशन (IUI - Intrauterine Insemination): आईयूआई में स्पर्म को सीधे महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। यह तब फायदेमंद है जब स्पर्म की क्वालिटी अच्छी न हो या महिला को अन्य नार्मल समस्याएं हों। IUI का सक्सेस रेट 10-20 प्रतिशत के आसपास होता है।

2. आईवीएफ या IVF (In Vitro Fertilization) या टेस्ट ट्यूब बेबी:

आईवीएफ निःसंतानता का सबसे प्रभावी इलाज है। यह खासकर उन कपल्स के लिए बेहद उपयोगी है जहाँ महिला की ट्यूब्स ब्लॉक हैं या पुरुष में गंभीर स्पर्म समस्या है। इसमें एग और स्पर्म को लैब में मिलाया जाता है, फिर एम्ब्रीओ को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है। आईवीएफ का सक्सेस रेट 30-50 प्रतिशत है।

3. अन्य फ़र्टिलिटी टेक्नोलॉजी:

  • आईसीएसआई यानी इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI - Intracytoplasmic Sperm Injection): यह तब किया जाता है जब पुरुष के स्पर्म में गंभीर समस्या हो। ICSI में एक सबसे हेल्दी स्पर्म को सीधे एग के अंदर डाल दिया जाता है।
  • सरोगेसी (surrogacy): यह ऑप्शन तब अपनाया जाता है जब महिला के यूट्रस में गंभीर समस्या हो या महिला प्रेगनेंट नहीं हो सकती हो।

निःसंतानता की डायग्नोसिस कैसे होती है?

डॉक्टर सबसे पहले कपल की मेडिकल हिस्ट्री लेते हैं और शारीरिक परीक्षण यानी फिजिकल एग्जामिनेशन करते हैं। महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट्स होते हैं ताकि हार्मोन लेवल, ओवुलेशन और ओवरीज़ की कंडीशन देख सकें। इसमें एएमएच टेस्ट (AMH - Anti-Müllerian Hormone test) भी शामिल है जिससे एग रिज़र्व के बारे में पता चलता है।

पुरुषों के लिए सीमेन एनालिसिस (semen analysis) किया जाता है ताकि स्पर्म काउंट, उनकी क्वालिटी और मोटिलिटी जान सकें। कभी-कभी ट्यूब्स ब्लॉक हैं या नहीं यह जानने के लिए हिस्टेरोसालपिंगोग्राफी (HSG - Hysterosalpingography) टेस्ट भी किया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion )

निःसंतानता यानी इनफर्टिलिटी एक मेडिकल समस्या है जिसका इलाज संभव है। यह न तो शर्म की बात है और न ही कोई परमानेंट समस्या। आजकल के समय में, आईवीएफ और अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स काफी सफल हो गए हैं। एक अनुभवी रीप्रोडक्टिव स्पेशलिस्ट (reproductive specialist) आपकी पूरी स्थिति को समझ कर सही ट्रीटमेंट सुझा सकते हैं।

याद रखें कि लाखों कपल्स ने इनफर्टिलिटी का ट्रीटमेंट करवाने के बाद संतान का सुख प्राप्त किया है और आप भी कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

निःसंतानता क्या होती है?

 

जब लंबे समय तक कोशिश करने के बावजूद प्रेगनेंसी न होने या गर्भ न ठहर पाने की स्थिति को निःसंतानता कहा जाता है।

पुरुष और महिला में निःसंतानता के सामान्य कारण क्या हैं?

 

पुरुषों में लो-स्पर्म काउंट या कमजोर स्पर्म और महिलाओं में ओव्युलेशन की समस्या, ब्लॉक ट्यूब्स या हार्मोनल असंतुलन आम कारण होते हैं।

निःसंतानता का पता कैसे चलता है?

 

हॉर्मोन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, ओव्यूलेशन ट्रैकिंग और पुरुषों में सीमेन एनालिसिस के जरिए पता चल जाता है कि समस्या किस पार्टनर हिस्से में है।

आईवीएफ और आईयूआई के अलावा अन्य इलाज क्या हैं?

 

हॉर्मोनल दवाइयाँ, लाइफस्टाइल चेंज, ओव्यूलेशन इंडक्शन, सर्जरी से ट्यूब्स या रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट की रुकावट ठीक करना जैसे ऑप्शन उपलब्ध होते हैं।

क्या निःसंतानता हमेशा स्थायी होता है?

 

नहीं, कई मामलों में सही समय पर इलाज, दवाइयों और एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से प्रेगनेंसी संभव हो सकती है।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
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