पुरुष निःसंतानता यानी मेल इनफर्टिलिटी (male infertility) के कई ऐसे केस होते हैं जहाँ सीमेन (वीर्य) में स्पर्म दिखाई ही नहीं देते, या फिर स्पर्म संख्या इतनी कम होती है कि प्राकृतिक रूप से गर्भधारण (नेचुरल प्रेगनेंसी) संभव नहीं हो पाता। इस स्थिति को एज़ोस्पर्मिया (Azoospermia) कहा जाता है। ऐसे मामलों में TESE यानी टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (Testicular Sperm Extraction) एक महत्वपूर्ण मेडिकल प्रक्रिया है, जिसमें सीधे टेस्टिकल्स (अंडकोष) से स्पर्म निकाले जाते हैं ताकि IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) या ICSI यानी इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (Intracytoplasmic Sperm Injection) जैसे ट्रीटमेंट के ज़रिए प्रेगनेंसी संभव हो सके। नीचे विस्तार से tese meaning in hindi समझते हैं कि TESE कैसे किया जाता है, कब आवश्यक होता है और इसके बाद रिकवरी व देखभाल कैसी होती है।
TESE एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पुरुष के टेस्टिस यानी अंडकोष से छोटे-से टिश्यू (tissue) का सैंपल लेकर उसमें मौजूद स्पर्म को निकाला जाता है। यह प्रोसेस तब किया जाता है जब:
TESE से निकाले गए इन स्पर्म को ICSI टेक्नोलॉजी की मदद से एग में डाला जाता है, जिससे एम्ब्रीओ (भ्रूण) बनाया जा सके।
TESE एक छोटी लेकिन सर्जिकल प्रोसेस होती है, जिसमें पुरुष के टेस्टिस से टिश्यू सैंपल निकालकर उसमें मौजूद स्पर्म को प्राप्त किया जाता है। यह प्रोसेस कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है। इस प्रोसेस में पुरुष को हल्का एनेस्थीसिया दिया जाता है जिससे दर्द बहुत कम होता है।
TESE के स्टेप्स इस प्रकार होते हैं:
इस पूरे प्रोसेस में आम तौर पर 20–30 मिनट लगते हैं और कुछ घंटों बाद आप घर जा सकते हैं।
TESE उन परिस्थितियों में ज़रूरी होता है जहाँ सीमेन में स्पर्म मौजूद नहीं होते या नेचुरल इजेकुलेशन से स्पर्म प्राप्त नहीं हो पा रहे हों।
TESE इन परिस्थितियों में किया जाता है:
इन सभी स्थितियों में TESE एक महत्वपूर्ण विकल्प बन जाता है।
ये सभी असुविधाएँ सामान्य मानी जाती हैं और सही देखभाल के बाद अपने-आप ठीक हो जाती हैं।
TESE का सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि पुरुष के टेस्टिकल्स से स्पर्म प्राप्त किए जा सकें ताकि ICSI किया जा सके।
ICSI में एक सिंगल स्पर्म को सीधे एग में डाला जाता है। TESE से प्राप्त स्पर्म आमतौर पर कम संख्या में होते हैं, इसलिए IVF की सामान्य फर्टिलाइजेशन प्रोसेस में इस्तेमाल नहीं किए जा सकते इसी वजह से इन्हें ICSI तकनीक से उपयोग किया जाता है।
TESE उन कपल्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बन जाता है जहाँ नेचुरल स्पर्म इजेकुलेशन संभव न हो, या स्पर्म क्वालिटी इतनी कमजोर हो कि ICSI के अलावा और कोई ऑप्शन न बचे।
TESE एक छोटा सा प्रोसेस है, लेकिन सही देखभाल से रिकवरी आसान जल्दी हो जाती है।
TESE पुरुष निःसंतानता के उपचार में एक महत्वपूर्ण मेडिकल तकनीक है। यह उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ सीमेन में स्पर्म बिल्कुल नहीं होते या नेचुरल इजैक्युलेशन संभव नहीं होता। TESE से प्राप्त स्पर्म को ICSI की मदद से एग में डालकर भ्रूण बनाना संभव होता है। सर्जरी हल्की होती है, इसमें रिकवरी जल्दी हो जाती है और कई कपल्स के लिए यह माता-पिता बनने की राह खोल सकती है।
यह एक प्रक्रिया है जिसमें टेस्टिकल्स से टिश्यू लेकर उसमें मौजूद स्पर्म को निकाला जाता है।
जब सीमेन में स्पर्म न हों (Azoospermia) या नेचुरल इजैक्युलेशन संभव न हो।
यह छोटी और लो-इनवेसिव प्रक्रिया है, जोखिम बहुत कम होते हैं।
अधिकतर पुरुष 2–3 दिनों में सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।
आम तौर पर नहीं। यह केवल स्पर्म रिट्रीवल प्रक्रिया है।
TESE से प्राप्त स्पर्म का उपयोग ICSI में किया जाता है जहाँ सिंगल स्पर्म को एग में डाला जाता है।
स्पर्म क्वालिटी, ICSI का रिजल्ट और महिला के फर्टिलिटी पैरामीटर्स पर।