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TESE क्या है? प्रक्रिया, उपयोग और सफलता दर (TESE Meaning in Hindi: Procedure, Uses & Success Rate)

Last updated: November 28, 2025

Overview

पुरुष निःसंतानता यानी मेल इनफर्टिलिटी (male infertility) के कई ऐसे केस होते हैं जहाँ सीमेन (वीर्य) में स्पर्म दिखाई ही नहीं देते, या फिर स्पर्म संख्या इतनी कम होती है कि प्राकृतिक रूप से गर्भधारण (नेचुरल प्रेगनेंसी) संभव नहीं हो पाता। इस स्थिति को एज़ोस्पर्मिया (Azoospermia) कहा जाता है। ऐसे मामलों में TESE यानी टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (Testicular Sperm Extraction) एक महत्वपूर्ण मेडिकल प्रक्रिया है, जिसमें सीधे टेस्टिकल्स (अंडकोष) से स्पर्म निकाले जाते हैं ताकि IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) या ICSI यानी इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (Intracytoplasmic Sperm Injection) जैसे ट्रीटमेंट के ज़रिए प्रेगनेंसी संभव हो सके। नीचे विस्तार से tese meaning in hindi समझते हैं कि TESE कैसे किया जाता है, कब आवश्यक होता है और इसके बाद रिकवरी व देखभाल कैसी होती है।

TESE का अर्थ ( TESE Meaning in Hindi)

TESE एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पुरुष के टेस्टिस यानी अंडकोष से छोटे-से टिश्यू (tissue) का सैंपल लेकर उसमें मौजूद स्पर्म को निकाला जाता है। यह प्रोसेस तब किया जाता है जब:

  • सीमेन में स्पर्म नहीं होते
  • प्राकृतिक स्खलन यानि नेचुरल इजैक्युलेशन (ejaculation) से स्पर्म प्राप्त नहीं हो पा रहे हों
  • या स्पर्म बनने की प्रक्रिया में कोई रुकावट हो

TESE से निकाले गए इन स्पर्म को ICSI टेक्नोलॉजी की मदद से एग में डाला जाता है, जिससे एम्ब्रीओ (भ्रूण) बनाया जा सके।

TESE प्रक्रिया कैसे होती है? (TESE Procedure in Hindi)

TESE एक छोटी लेकिन सर्जिकल प्रोसेस होती है, जिसमें पुरुष के टेस्टिस से टिश्यू सैंपल निकालकर उसमें मौजूद स्पर्म को प्राप्त किया जाता है। यह प्रोसेस कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है। इस प्रोसेस में पुरुष को हल्का एनेस्थीसिया दिया जाता है जिससे दर्द बहुत कम होता है।

TESE के स्टेप्स इस प्रकार होते हैं:

  • सबसे पहले हल्का एनेस्थीसिया दिया जाता है ताकि प्रोसेस के दौरान दर्द या असुविधा न हो।
  • टेस्टिस पर एक छोटा-सा चीरा लगाया जाता है। यह चीरा इतना छोटा होता है कि कुछ टांकों की मदद से आसानी से बंद हो जाता है।
  • एक छोटे टुकड़े यानी बायोप्सी टिश्यू (biopsy tissue) को निकाला जाता है इस टिश्यू में वे सुप्त या विकसित हो रहे स्पर्म होते हैं जो सीमेन में दिखाई नहीं देते।
  • लैब में स्पर्म को अलग किया जाता है (Sperm Retrieval) और एम्ब्रियोलॉजी लैब (embryology lab) में माइक्रोस्कोप की मदद से सबसे हेल्दी (healthiest)और एक्टिव (motile) स्पर्म को अलग किया जाता है।
  • इन स्पर्म को ICSI के लिए सुरक्षित रखा जाता है यानी स्पर्म को एग में सीधे डालकर फर्टिलाइजेशन कराया जाता है।

इस पूरे प्रोसेस में आम तौर पर 20–30 मिनट लगते हैं और कुछ घंटों बाद आप घर जा सकते हैं।

TESE कब जरूरी होता है? (When is TESE Required?)

TESE उन परिस्थितियों में ज़रूरी होता है जहाँ सीमेन में स्पर्म मौजूद नहीं होते या नेचुरल इजेकुलेशन से स्पर्म प्राप्त नहीं हो पा रहे हों।

TESE इन परिस्थितियों में किया जाता है:

  • एज़ोस्पर्मिया (Azoospermia): निल स्पर्म कंडीशन जिसमें सीमेन में स्पर्म का पूरी तरह अभाव होता है, यानी ज़ीरो स्पर्म काउंट होता है।
  • ऑब्सट्रक्टिव एज़ोस्पर्मिया (Obstructive Azoospermia): जहाँ स्पर्म बन तो रहे हों, लेकिन रास्ते में रुकावट हो (जैसे vas deferens blockage)।
  • नॉन-ऑब्सट्रक्टिव एज़ोस्पर्मिया (Non-Obstructive Azoospermia): जहाँ टेस्टिकल्स में स्पर्म प्रोडक्शन कमज़ोर हो, लेकिन कुछ स्पर्म मौजूद हो सकते हैं।
  • पुरानी चोट या सर्जरी के बाद स्पर्म न बनना
  • इजेकुलेटरी डिस्फ़ंक्शन मतलब स्खलन में समस्या (ejaculatory dysfunction), जैसे रीढ़ की हड्डी में चोट (spinal injury) या न्यूरोलॉजिकल कंडीशन में।
  • IVF/ICSI ट्रीटमेंट से पहले जब पुरुष के स्पर्म पैरामीटर्स बहुत कमज़ोर हों और नेचुरल तरीके से फर्टिलाइजेशन संभव न हो

इन सभी स्थितियों में TESE एक महत्वपूर्ण विकल्प बन जाता है।

TESE के फायदे और असुविधाएँ (Benefits and Risks of TESE)

TESE के फायदे

  • पुरुषों में स्पर्म न होने के बावजूद पिता बनने का अवसर मिलता है।
  • ICSI के लिए स्पर्म उपलब्ध हो जाते हैं भले ही स्पर्म काउंट बहुत कम क्यों न हो।
  • नॉन-इजेकुलेटरी कंडीशन में अत्यंत उपयोगी।
  • अन्य बड़ी सर्जरी के मुकाबले बहुत छोटा (लो-इनवेसिव) प्रोसेस
  • एम्ब्रीओ बनने की संभावना बढ़ती है, क्योंकि लैब में सबसे हेल्दी स्पर्म को चुना जाता है।

TESE के बाद संभावित असुविधाएँ

  • अंडकोष में हल्का दर्द या खिंचाव जैसा महसूस हो सकता है।
  • सैंपल लिए जाने वाले हिस्से में थोड़ी सूजन आ सकती है।
  • हल्का-सा रक्तस्राव सामान्य है जो 1–2 दिन में रुक जाता है।
  • संक्रमण का मामूली खतरा रहता है, इसलिए उस जगह को साफ रखना ज़रूरी है।
  • कुछ दिनों तक छूने पर हल्की सेंसिटिविटी महसूस हो सकती है।

ये सभी असुविधाएँ सामान्य मानी जाती हैं और सही देखभाल के बाद अपने-आप ठीक हो जाती हैं।

TESE और IVF/ICSI में संबंध (TESE and Its Role in IVF/ICSI)

TESE का सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि पुरुष के टेस्टिकल्स से स्पर्म प्राप्त किए जा सकें ताकि ICSI किया जा सके।

ICSI में एक सिंगल स्पर्म को सीधे एग में डाला जाता है। TESE से प्राप्त स्पर्म आमतौर पर कम संख्या में होते हैं, इसलिए IVF की सामान्य फर्टिलाइजेशन प्रोसेस में इस्तेमाल नहीं किए जा सकते इसी वजह से इन्हें ICSI तकनीक से उपयोग किया जाता है।

TESE उन कपल्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बन जाता है जहाँ नेचुरल स्पर्म इजेकुलेशन संभव न हो, या स्पर्म क्वालिटी इतनी कमजोर हो कि ICSI के अलावा और कोई ऑप्शन न बचे।

TESE के बाद देखभाल और सावधानियाँ (Post-TESE Care and Precautions)

TESE एक छोटा सा प्रोसेस है, लेकिन सही देखभाल से रिकवरी आसान जल्दी हो जाती है।

TESE के बाद ज़रूरी सावधानियाँ:

  • 2–3 दिन आराम करें जिससे टेस्टिकुलर एरिया पर दबाव न पड़े।
  • हैवी एक्सरसाइज़ या वेट लिफ़्टिंग से कुछ दिनों तक बचें।
  • टेस्टिकुलर एरिया को साफ-सुथरा रखें जिससे इन्फेक्शन का खतरा न हो।
  • हल्की सूजन या दर्द होना सामान्य है इसके लिए डॉक्टर से सलाह करके दवाइयाँ ली जा सकती हैं।
  • किसी भी तरह का असामान्य दर्द होने, जगह के लाल पड़ने या बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर को बताएं।
  • फॉलोअप के लिए डॉक्टर ज़रूर जायें क्योंकि स्पर्म की रिपोर्ट और ICSI प्लानिंग इसी पर निर्भर करती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

TESE पुरुष निःसंतानता के उपचार में एक महत्वपूर्ण मेडिकल तकनीक है। यह उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ सीमेन में स्पर्म बिल्कुल नहीं होते या नेचुरल इजैक्युलेशन संभव नहीं होता। TESE से प्राप्त स्पर्म को ICSI की मदद से एग में डालकर भ्रूण बनाना संभव होता है। सर्जरी हल्की होती है, इसमें रिकवरी जल्दी हो जाती है और कई कपल्स के लिए यह माता-पिता बनने की राह खोल सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs about TESE)

TESE क्या है?

 

यह एक प्रक्रिया है जिसमें टेस्टिकल्स से टिश्यू लेकर उसमें मौजूद स्पर्म को निकाला जाता है।

TESE कब जरूरी होता है?

 

जब सीमेन में स्पर्म न हों (Azoospermia) या नेचुरल इजैक्युलेशन संभव न हो।

TESE प्रक्रिया कितनी सुरक्षित है?

 

यह छोटी और लो-इनवेसिव प्रक्रिया है, जोखिम बहुत कम होते हैं।

TESE के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए?

 

अधिकतर पुरुष 2–3 दिनों में सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकते हैं।

क्या TESE से पुरुष प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है?

 

आम तौर पर नहीं। यह केवल स्पर्म रिट्रीवल प्रक्रिया है।

TESE और ICSI का क्या संबंध है?

 

TESE से प्राप्त स्पर्म का उपयोग ICSI में किया जाता है जहाँ सिंगल स्पर्म को एग में डाला जाता है।

TESE के बाद गर्भधारण की संभावना किस पर निर्भर करती है?

 

स्पर्म क्वालिटी, ICSI का रिजल्ट और महिला के फर्टिलिटी पैरामीटर्स पर।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
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