गर्भावस्था महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस समय माँ और शिशु के स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार की जरूरत होती है। हेल्दी डाइट गर्भवती एवं उसके शिशु के सही शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करती है। गर्भावस्था में संतुलित आहार बहुत जरूरी होता है, जिसमें मौसमी फल, सब्जियाँ, दालें, साबुत अनाज, दूध-दही, बीन्स और फाइबर से भरपूर चीजें शामिल होनी चाहिए, क्योंकि pregnancy me kya khana chahiye का सबसे पहला उत्तर हमेशा balanced diet ही होता है।
यदि महिला अपनी गर्भावस्था के पूरे 9 महीनों के दौरान आवश्यक पोषक तत्व सहित खान-पान, सही दिनचर्या और अपनी देखभाल पर ध्यान देती है, तो गर्भपात, समय से पूर्व शिशु का जन्म लेना, शिशु का कम वजन जैसे कई कॉम्प्लिकेशन को रोका जा सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी में लिया गया स्वस्थ आहार गर्भ में पल रहे शिशु को जन्मजात विकार से भी बचाता है। पहली बार माँ बनने वाली बहुत सी महिलायें प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए (pregnancy me kya khana chahiye) इस बात को लेकर चिंतित रहती है, इसलिए आज हम इस आर्टिकल में इस पर विस्तार से बात करेंगे।
गर्भावस्था में शुरुआत से ही महिला को अपने आहार पर ध्यान देना चाहिए, यहां हम वन मंथ प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए, बता रहे है:
अक्सर गर्भावस्था की दूसरे महीने में महिलाओं को थकान, उल्टी, पेट दर्द और जी मिचलाने जैसी समस्याएं होती है। इसलिए दूसरे महीने में आसानी से पचने वाले आहार लेना चाहिए। 2 मंथ प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए, आइये जाने:
मतली को कम करने के लिए अपने भोजन में कम ग्रेवी वाली चीज़ें शामिल करें, ये चीज़ें उल्टी, मतली को कम करने में मदद करती हैं। आप नीचे लिखी चीजें अपने रोज के आहार में शामिल कर सकती हैं।
खूब पानी पियें क्योंकि उल्टी के दौरान शरीर से पानी निकल जाता है, इसलिए इस समय पानी की कमी को पूरा करना बहुत जरूरी है। हाइड्रेशन के लिए नीचे लिखे पेय पदार्थ लें।
दूसरे महीने में हार्मोनल बदलाव बढ़ जाते हैं, इसलिए अधिक प्रोटीन की जरूरत होती है अतः भोजन में प्रोटीनयुक्त पदार्थ शामिल करें जैसे
गर्भावस्था का तीसरा महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय भ्रूण के अंग और उसके अंदर हड्डियों का विकास होने लगता है। इसलिए इस समय ऐसा आहार लेना चाहिए, जो शिशु के अंग और हड्डियों के विकास में मदद कर सके, जैसे:
1. कैल्शियम : शिशु की हड्डियों के विकास और मां की स्वस्थ हड्डियों के लिए कैल्शियम बहुत ज़रूरी है। इसीलिए गर्भवती महिला को कैल्शियम से भरपूर भोजन खाना चाहिये। भोजन में कैल्शियम के निम्नलिखित स्रोत हैं (khane me calcium ke source):
2. विटामिन D :स्वस्थ शिशु के विकास के लिए विटामिन D बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। एवाकेडो, कीवी, नारंगी (ऑरेंज), अमरूद, केला, सेब, तोरई, मटर, ब्रोकली, भिंडी, लौकी, मशरूम और शकरकंद आदि विटामिन डी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
ये गर्भावस्था की दूसरी तिमाही या सेकंड ट्राइमेस्टर (second trimester) है। इस समय महिलाएं अपने शिशु की हलचल महसूस कर सकती है, क्योंकि इस समय भ्रूण का विकास तेजी से होने लगता है। ऐसे में शिशु को अधिक पौष्टिक आहार की जरूरत होती है।
गर्भावस्था के पांचवे महीने में खाने वाले आहार पूर्व महीने की तरह होते है। इस दौरान पाचन सम्बन्धी परेशानी बढ़ सकती है इसलिए जूस और पानी ठीक मात्रा में पीना चाहिए। आप भोजन में निम्न चीजें हैं।
गर्भावस्था जितनी आगे बढ़ेगी, कब्ज और अपच की समस्या उतनी ही बढ़ेगी इसलिए नाश्ते में ओटमील या दलिया जैसे फाइबरयुक्त पदार्थ शामिल करें। इसके अलावा हाइड्रेशन के लिए गन्ने का जूस और नारियल पानी इत्यादि पियें।
गर्भावस्था का नवां महीना बहुत ही संवेदनशील और महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय शिशु किसी भी समय गर्भ से बाहर आ सकता है। इसलिए इस समय गर्भवती महिला को हर दिन हल्के और पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। इस समय एक साथ ज्यादा खाने के बजाय बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाये।
गर्भावस्था के दौरान कुछ चीज़ों का सेवन गर्भपात या शिशु में जन्मजात विकार का कारण बन सकते है।
प्रेगनेंसी में कमजोरी दूर करने के लिए:
सेब, केला, संतरा, आम, अनार, तरबूज, चीकू, बेरीज और अमरूद जैसे सभी मौसमी और ताज़े फल खाने चाहिए। अंगूर, पपीता, अनानास और अधिक मात्रा में आम खाने से बचना चाहिए।
पालक, गाजर, चकुंदर, गोभी, लौकी जैसे हरी और ताजी मौसमी सब्जियाँ खानी चाहिए।
गुड़ आयरन का अच्छा स्रोत है, लेकिन इसकी गर्म तासीर के कारण अधिक मात्रा में खाने से गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
कुछ सब्जियाँ प्रेगनेंसी में नहीं खानी चाहिए जैसे बैंगन, कटहल, करेला और मुनगा।
जी हाँ, अच्छी तरह पका हुआ अंडा सुरक्षित है।
पकाकर और उबालकर खा सकते हैं, लेकिन कच्चा नहीं।
आयरन, फोलिक एसिड, दूध, दही, पके स्प्राउट्स, बादाम, खजूर।