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टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च कितना आता है (What is the test tube baby cost in hindi)

Reviewed by Indira IVF Fertility Experts
Last updated: February 07, 2025

Synopsis

टेस्ट ट्यूब बेबी में कितना खर्च आता है: भारत में टेस्ट ट्यूब बेबी प्राइस (test tube baby cost in hindi) कुछ कारकों पर निर्भर कार्ति है। जानिए टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्चा और दवाइयों की cost Indira IVF के साथ।

 

पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार निःसंतान दम्पतियों के लिए सबसे बड़ी उम्मीद बनकर सामने आया है। आज के समय के विपरित कुछ समय पहले कपल्स शादी के एक या दो वर्षों में फेमिली प्लानिंग कर लेते थे लेकिन अब दम्पतियों ने फेमिली प्लानिंग को सबसे अंत में स्थान दिया है। कपल्स सोचते हैं चार-पांच साल बाद कंसीव करेंगे लेकिन समय कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता और उनकी कंसीव करने की उम्र निकल जाती है जिसके बाद माता-पिता बनने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्राकृतिक रूप से गर्भधारण में विफल दम्पतियों के लिए आईवीएफ सफल उपचार बनकर समाने आया है। टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार से दुनियाभर में ऐसे दम्पती जो किसी कारण से प्राकृतिक गर्भधारण में विफल हो रहे हैं उनके लिए आईवीएफ तकनीक संतान प्राप्ति का आसान जरिया बनकर सामने आयी है। दुनियाभर में इससे लाखों कपल्स को संतान सुख मिल चुका है लेकिन टेस्ट ट्यूब बेबी कोस्ट को लेकर गलतधारणाओं के कारण कई कपल्स पीछे हट जाते हैं। हर कपल जो टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट करवाना चाहता है उसके मन में टेस्ट ट्यूब बेबी की कोस्ट के लेकर सवाल रहता है। टेस्ट ट्यूब बेबी की एक साइकिल का खर्चा कुछ सालों पहले तक 2 से 5 लाख रूपये के बीच होता था लेकिन आज के समय में ये काफी किफायती हो गया है। आज टेस्ट ट्यूब बेबी की एक साइकिल का खर्च एक से डेढ़ लाख रूपये के करीब होता है। टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च तो कम हुआ ही है साथ ही अब कपल्स इसके खर्च को किश्तों में भी भर सकते हैं।

टेस्ट ट्यूब बेबी में कितना खर्च आता है?

आईए जानते हैं टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्चा कितना है और प्रक्रिया के बारे में।

अधूरी जानकारी और पूर्ण जानकारी के अभाव में अधिकतर दम्पतियों को ये धारणा यह लगता है कि आईवीएफ यानि टेस्ट ट्यूब उपचार आज के समय में भी काफी महंगा है और इसके लिए बहुत ज्यादा फंड की व्यवस्था करनी पड़ती है। ये समझना जरूरी है कि टाइम के साथ आईवीएफ / टेस्ट ट्यूब बेबी में नयी-नयी तकनीकें आ गयी हैं और इसकी दरों में काफी कमी आयी है। आज के समय में हर इनकम ग्रुप के कपल टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट के खर्चे को अफोर्ड कर सकते हैं।

सबसे पहले समझते हैं टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट का खर्चा कितने भागों में बंटा हुआ है। पूरी उपचार प्रक्रिया की कोस्ट दो भागों में बांटी गयी है।

टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट का पहला हिस्सा

आमतौर पर कपल्स जब अस्पताल में अपना ईलाज शुरू करवाते हैं इससे पहले जो जांचे होती हैं वहीं से फीस का पहला हिस्सा शुरू हो जाता है। जांचों की फीस सम्मलित होने के साथ डॉक्टर का शुल्क और हॉस्पिटल की खर्चा लगभग 25,000 रूपए। टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया की शुरूआत में फीस में कंसल्टेशन, इनफर्टिलिटी का कारण जानने के लिए पति-पत्नी दोनों के टेस्ट, सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड), ओटी, एम्ब्रियोलॉजिस्ट और गाइनेकॉलोजिस्ट, आईवीएफ लैब, उपयोग में लिये जाने वाले मीडिया, वार्ड इत्यादि के खर्चे शामिल होते हैं।

गर्भधारण नहीं होने के पर दम्पती घबराए हुए होते हैं ऐसे में उन्हें परामर्श की विशेष आवश्यकता होती है। परामर्श के दौरान कपल्स डॉक्टर अपनी समस्या, पुरानी रिपोर्ट और पूर्व में किये गये इलाज के बारे में बातचीत करते हैं। मरीज की समस्या के अनुरूप डॉक्टर कपल्स की जांचे करवाते हैं ताकि समस्या के बारे में सटिक जानकारी मिल सके और उसे ध्यान में रखकर इलाज शुरू हो सके। प्रोसेस के दौरान मरीज को कई बार डॉक्टर से परामर्ष, जाचों और विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी के लिए मिलना होता है।

टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट का दूसरा हिस्सा

आईवीएफ के पहले भाग में परामर्श और जांचों के बाद उपचार प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद दूसरे भाग में इंजेक्शन और दवाइयों का खर्चा होता हैं । इसमें महिला की ओवरी में नोर्मल बनने वाले अण्डों से अधिक संख्या में अण्डे बनाने के लिए 10 - 12 दिन तक इंजेक्षन लगाए जाते हैं। ये दर्दरहित इंजेक्षन होते हैं। प्रक्रिया के दौरान अण्डों के डवलपमेंट को कुछ टेस्ट के माध्यम से देखा जाता है। अण्डे परिपक्व होने के बाद इन्हें महिला के अण्डाशय से निकाल करके आईवीएफ लैब में सुरक्षित रख दिया जाता है । अण्डों की प्राप्ति के बाद मेल पार्टनर से वीर्य का सेम्पल लेकर अण्डे को शुक्राणु से फर्टिलाईज करवाया जाता है। फर्टिलाइज्ड एग दो-तीन दिन तक लैब में डवलप होता है इसके बाद उसे महिला के गर्भाशय में स्थानान्तरित कर दिया जाता है। कपल्स के लिए अपने भ्रूण फ्रीज करवाने का ऑप्षन भी आईवीएफ में उपलब्ध होता है ताकि अगर भविष्य में गर्भधारण करने का मन होने पर पूरी आईवीएफ प्रक्रिया करवाने के बजाय सिर्फ एम्ब्रियो ट्रांफसर करवाने से गर्भधारण हो जाए।

टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार में मुख्य खर्चा इंजेक्शन का होता है क्योंकि फटिलाईजेशन की प्रोसेस अण्डों की क्वालिटी और उनकी संख्या पर निर्भर करती है । टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए अच्छे इंजेक्षन का उपयोग किया जाना चाहिए । मरीज को लगने वाले इंजेक्शन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार है : -

पहला - यूरिनरी, इसकी लागत लगभग 20-25 हजार रुपये होती है । इसके बाद दूसरा है - हाइली प्यूरीफाइड, इसकी कोस्ट लगभग 40-50 हजार रुपये तक होती है और तीसरा और अधिक उपयोग किया जाने वाला है - रीकॉम्बीनेंट, इसकी कोस्ट दोनों तरह के इंजेक्शन से ज्यादा है जो करीब 80-90 हजार रुपये के तक हो सकती है। आज के समय में ज्यादातर आईवीएफ सेंटर्स रीकॉम्बीनेंट इंजेक्शन को प्राथमिकता देते हैं, ये इंजेक्शन अच्छे माने जाते हैं। इस इंजेक्षन को शरीर की जीन संरचना के अनुसार तैयार किया जाता है । रीकॉम्बीमेंट में कमी या विकार की संभावना बहुत ही कम होती है। इन इंजेक्शन का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव पड़ने की संभावना कम रहती है और अण्डाषय में बनने वाले एग्स की संख्या और गुणवत्ता भी श्रेष्ठ होने की संभावना होती है। कुछ मामलों में इंजेक्शन के साथ दवाइयों की जरूरत भी हो सकती है। आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान दवाइयों की जरूरत होती है।

सवाल – जवाब (FAQs)

प्रश्न: टेस्ट ट्यूब बेबी का क्या मतलब होता है ?

उत्तर: टेस्ट ट्यूब बेबी का अर्थ होता है कि जो कपल्स प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं उन्हें आधुनिक तकनीकों से गर्भधारण करवाना । टेस्ट ट्यूब बेबी में महिला के शरीर में बनने वाले भ्रूण को लैब में बनाया जाता है, लैब में बनने वाले भ्रूण में अण्डा और स्पर्म कपल्स का ही उपयोग में लिया जाता है।

प्रश्न: टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ में क्या अंतर होता है ?

उत्तर: आईवीएफ का पूरा नाम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है इसे आम बोलचाल में टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। यानि दोनों में कोई अंतर नहीं है। आईवीएफ कहा जाए या टेस्ट ट्यूब बेबी, एक ही बात है।

प्रश्न: टेस्ट ट्यूब बेबी से बच्चे कैसे होते हैं ?

उत्तर: टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में महिला की फेलोपियन ट्यूब में होने वाली निषेचन की प्रक्रिया को लैब में किया जाता है। महिला के अण्डे और पुरूष के शुक्राणु से बने भ्रूण को तीन-चार दिन बाद महिला के गर्भाषय में ट्रांसफर किया जाता है।

प्रश्न: टेस्ट ट्यूब बेबी में कितना टाइम लगता है ?

उत्तर: टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में भी महिला के अण्डाशय में हर माह सामान्य रूप से बनने वाले अण्डों की संख्या की तुलना में ज्यादा अण्डे बनाने के लिए दवाइयां और इंजेक्शन दिये जाते हैं, ये प्रक्रिया लगभग 10-12 दिन तक चलती है। अण्डे बनने और उसे निकाल कर लैब में रखने के बाद मेल पार्टनर से सीमन सेम्पल लेकर लैब में निषेचन की प्रक्रिया की जाती है । पूरी टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में कुल मिलाकर दो हफ्ते का समय लगता है।

प्रश्न: क्या टेस्ट ट्यूब बेबी और नैचुरली कंसीव्ड बेबी में कोई अंतर है ?

उत्तर: आमतौर पर लोगों में ये धारणा है कि टेस्ट ट्यूब बेबी और नैचुरली कंसीव्ड बच्चों में अंतर होता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। टेस्ट ट्यूब बेबी भी प्राकृतिक गर्भधारण से जन्म लेने वाले बच्चों के समान ही होते हैं। टेस्ट ट्यूब बेबी में कोई कमजोरी या विकार नहीं होता है।

निष्कर्ष

इस प्रकार टेस्ट ट्यूब बेबी ट्रीटमेंट की कोस्ट लगभग एक लाख से एक लाख पचास हजार रूपयों के बीच होती है। आज के समय में कुल मिलाकर आईवीएफ प्रक्रिया के एक चक्र में करीब एक से डेढ़ लाख रूपये खर्च होते हैं । इसकी शुरूआत के समय इसकी कोस्ट ज्यादा थी लेकिन अब काफी कम हो गयी है। आज के समय में विभिन्न टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर्स का बैंकों के साथ टाईअप होता है जिसके तहत आईवीएफ के खर्च को किष्तों में भी चुकाया जा सकता है। टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए कपल्स को बड़ी आर्थिक तैयारी करने की जरूरत नहीं होती है।

Watch this video to know the test tube baby cost in hindi.

 
 

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