October 17, 2020
पिछले कुछ दशकों में दुनिया ने मानव प्रजनन तकनीक ने बहुत प्रगति की है। प्रजनन आयु की महिलाओं में देरी से बच्चे को जन्म देने की सामाजिक प्रवृत्ति देखी गई है। इससे इन जोड़ों में निःसंतानता के मामलों में वृद्धि हुई है और बाद में ये गर्भधारण करने के लिए कृत्रिम प्रजनन प्रौद्योगिकी यानी आईवीएफ का उपयोग करते हैं। महिलाओं को यह पता होना चाहिए कि भले ही वे चिकित्सा समस्याओं, करियर, वित्त या अन्य कारणों से पूरी तरह से बच्चों के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन अंडे को सुरक्षित करवाना (फ्रीजिंग) उन्हें इच्छा पूर्ति का अधिक सशक्त विकल्प बनकर मदद कर सकता है। दुनिया भर में कई बच्चों का जन्म एग फ्रीजिंग से हो चुका है।
एग फ्रीजिंग एक नई तकनीक है जो उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन के रूप में भी जानी जाती है। जहां महिला के अंडे निकाले, फ्रिज और संग्रहीत किए जाते हैं। बाद में जब भी महिला अपनी गर्भावस्था की योजना बनाती है तो इन संग्रहीत अंडों को गर्म व निषेचित किया जाता है और गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। एग फ्रिजिंग महिला को मातृत्व को सुनिश्चित करने का अवसर देती है जिससे उन्हें जैविक घड़ी के कारण समझौता करने की जरूरत नहीं पड़ती है। एग फ्रिजिंग तकनीक उम्र संबंधी निःसंतानता से बचने के लिए नई चिकित्सा शैली है।
एग फ्रिजिंग साइकिल आईवीएफ साइकिल के पहले भाग के समान ही होती है। इसमें महिला को रोजाना हार्मोनल इंजेक्शन दिये जाते हैं यह अंडाशय को अच्छी संख्या में अंडे का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करते है । यहां महत्वपूर्ण कारक महिला की आयु और उसके आवेरियन रिजर्व (बचे अण्डों की संख्या) है । प्रारंभिक प्रजनन आयु और अच्छे आवेरियन रिजर्व से अधिक अण्डों के साथ अच्छे परिणाम मिलते हैं। इंजेक्शन के 10-12 डोज के बाद शॉर्ट एनेस्थिसिया देकर 10 मिनट की प्रक्रिया के माध्यम से अंडों को निकाल लिया जाता है। प्राप्त अण्डों का विश्लेषण किया जाता है और स्वस्थ अण्डों को फ्रिज किया जाता है। इन्हें या तो धीरे-धीरे ठंडा करके या विट्रिफिकेशन यानी तेजी से ठंडा किया जाता है उन्हें -196 (माइनस 196) डिग्री पर संग्रहीत किया जाता है, ताकि समय के साथ गुणवत्ता में कोई कमी न हो। ये तरल नाइट्रोजन में फर्टिलिटी सेंटर की प्रयोगशाला में या जहां दीर्घकालिक भंडारण सुविधा हो या फ्रोजन एग बैंक में संग्रहीत किये जाते हैं।
जब भी महिला गर्भवती होना चाहती है, तो फ्रीज्ड अंडों को वार्मिंग समाधानों का उपयोग करके थोइंग करते हैं और इन अंडों को इंजेक्शन के माध्यम से अपने पति के शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है। इन निषेचित अंडों यानि भ्रूण को तीन से पांच दिनों तक विकसित किया जाता है और इनकी गुणवत्ता का आकलन किया जाता है। फिर एक कैथेटर के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता वाला भ्रूण महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। शुक्राणु और भ्रूण को मानव अंडे की तुलना में फ्रीज करना आसान होता है क्योंकि मानव अंडे में अधिक पानी होता है, जिसके परिणामस्वरूप फ्रीजिंग के दौरान बर्फ के क्रिस्टल का निर्माण होता है और अंडे की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है। विट्रिफिकेशन की नई तकनीक से आईस क्रिस्टल के निर्माण को रोक कर क्रायोप्रोटेक्टेंट्स के उपयोग से भी फ्रीजिंग के दौरान बर्फ के क्रिस्टल से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।
अंडों को फ्रीज करने की सबसे अच्छी उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच होती है क्योंकि इस उम्र में अण्डे अधिक उपजाऊ होते है। एकत्र किये गये अंडे की गुणवत्ता और मात्रा सफलता दर तय करती है। उम्र बढ़ने के साथ ही अंडे की प्रजनन क्षमता में कमी और गुणसूत्र संबंधी असामान्यताएं भी अधिक होती हैं। इसके अलावा ऐसे अंडों को फ्रीज करने में कठिनाइयाँ होती हैं जो ठंड और विगलन प्रक्रियाओं को सह नहीं पाते हैं।
सामाजिक दबाव, आर्थिक अस्थिरता, केरियर और साथी नहीं होना प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से महिलाएं अपने मातृत्व को स्थगित करना चाहती हैं, इन महिलाओं को एग फ्रिजिंग से लाभ हो सकता है । एग फ्रिजिंग उन महिलाओं को विकल्प देता हैं जो अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करना या भविष्य में बच्चे पैदा करना चाहती हैं।
सोशल एग फ्रीजिंग का अर्थ है मेडिकल के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए एक महिला के अंडे को संरक्षित और संग्रहीत करना।
एग फ्रिजिंग की शुरूआत में लाभ उन मरीजों को हुआ जिन्हें कैंसर के लिए कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी उपचार के घातक प्रभावों के कारण निःसंतानता का सामना करना पड़ा था।
आखिरकार इस तकनीक के आगमन के साथ सोशल एग फ्रीजिंग से लाभ होने की उम्मीद है। एग्स फ्रीजिंग उन महिलाओं को भी उम्मीद देता है जो गंभीर बीमारी का इलाज प्राप्त कर रही हैं जिससे प्रजनन क्षमता कम हो सकती है।
35 वर्ष या उससे कम उम्र की महिला में एक बार स्टिमुलेटेड साइकिल में 10-12 अंडे प्राप्त हो सकते हैं जिनमें से 7-9 फ्रिजिंग और भंडारण के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
लगभग 80-90 प्रतिशत भविष्य में जीवित रह सकते हैं इनमें से 50-80 प्रतिशत भ्रूण के रूप में निषेचित होते हैं । 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिला में सफलता दर कम रहती है । एग फ्रिजिंग की सफलता में महिला की उम्र, प्राप्त किये गये अंडे की गुणवत्ता और मात्रा प्रमुख कारक हैं।
आज, विवाह और मातृत्व को प्राप्त करने में देरी करने की एक सामाजिक प्रवृत्ति प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं में देखी गयी है। यह देरी जीवन शैली से संबंधित विभिन्न कारकों जैसे केरियर में ऊचांइयों तक पहुंचना या सही साथी नहीं मिलने के कारण होती है।
परिणामस्वरूप ये महिलाएं जब गर्भधारण का निर्णय लेती हैं तो उम्र के कारण निःसंतानता हो सकती है। ऐसे में महिलाओं के लिए एग फ्रिजिंग की भूमिका अहम होती है।
– एग फ्रीजिंग की शुरूआत केवल चिकित्सा कारणों के लिए की गई थी, इस मेडिकल इनोवेशन का उपयोग अब दुनिया भर में अच्छी फर्टिलिटी वाली महिलाओं द्वारा किया जाता है जो विभिन्न कारणों से मातृत्व को स्थगित करना चाहती हैं।
– कम प्रजनन क्षमता के साथ गंभीर रोगसूचक एंडोमेट्रियोसिस जैसी चिकित्सीय स्थिति वाली महिलाएं।
– सर्जरी के बाद ओवेरियन रिजर्व, ऑटोइम्यून रोग जिन्हें गोनैडोटॉक्सिक उपचार की आवश्यकता पड़ती है उन्हें एग फ्रिजिंग से लाभ मिल सकता है।
– समय से पहले रजोनिवृत्ति की जोखिम वाली महिलाएं।
– कम प्रतिक्रिया वाले – आईवीएफ से पहले मल्टिपल स्टीमुलेशन से अण्डों को संचित और संग्रहित करना।
– इमरजेंसी एग फ्रीजिंग- आईवीएफ के लिए उसाइट रिट्रीवल के दिन अप्रत्याशित रूप से शुक्राणु उपलब्ध नहीं होने वाले रोगियों के लिए एक बैकअप तकनीक के रूप में।
इस प्रकार एग फ्रिजिंगअनेकों लाभों को स्थापित करने वाली तकनीक हैं जो कि भविष्य में कई रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
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