एंडोमेट्रियोसिस की समस्या कई महिलाओं में सामने आ रही है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि एंडोमेट्रीयोसिस के करीब 30-40 प्रतिशत मामलों में इनफर्टिलिटी की समस्या देखी जाती है।
30 से 40 प्रतिशत महिलाओं को निःसंतान करता है एंडोमेट्रियोसिस
पीरियड्स के दौरान दर्द होना आम बात है लेकिन बहुत ज्यादा दर्द सेकेण्डरी डिसमेनोरिया के कारण हो सकता है । इसके कई कारण हैं जैसे एण्डोमेट्रीयोसिस, फाईब्रॉइड्स और एसटीडी । एंडोमेट्रियोसिस की समस्या कई महिलाओं में सामने आ रही है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि एंडोमेट्रीयोसिस के करीब 30-40 प्रतिशत मामलों में इनफर्टिलिटी की समस्या देखी जाती है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए इन्दिरा आईवीएफ हॉस्पीटल की आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. प्रतिभा सिंह बताती हैं कि माहवारी में हल्का दर्द होना आम बात है लेकिन अधिक दिनों तक माहवारी रहना और असहनीय दर्द होना बांझपन का लक्षण हो सकता है और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इसका उपचार आईवीएफ के रूप में उपलब्ध है।
कैसे बढ़ती है समस्या –
एंडोमेट्रियोसिस ऐसी समस्या है जिसमें आमतौर पर यूट्रस के अंदर बनने वाली लाईनिंग यूट्रस के बाहर बनने लगती है यानि यूट्रस टिश्युज बाहर बढ़ने लगते हैं।
यह यूट्रस के बाहर यानि लोवर अबडोमन या पेल्विस, फैलोपियन ट्यूब्स ओवरीज या शरीर के किसी और हिस्से में भी बन सकती है। यह लाईनिंग जब फैलोपियन ट्यूब्स या ओवरिज से चिपकती है तो उनके मुवमेंट में बाधा डालती है।
इसके अलावा यह फैलोपियन ट्यूब्स और ओवरिज की पॉजीशन भी बिगाड़ सकती है जिससे फैलोपियन ट्यूब्स में एग ट्रांसफर नहीं हो पाते हैं और इस तरह एंडोमेट्रियोसिस की समस्या का कारण फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक या डेमेज भी हो सकती है। जो इनफर्टिलिटी का कारण बनती है।
लक्षण – इसके लक्षणों की बात करें, तो पेट के निचले हिस्से में पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द होता है, इसके अलावा यह दर्द कभी – कभी पीरियड्स के पहले और बाद में भी हो सकता है, कुछ महिलाएं सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान, यूरिन या स्टूल पास करने के दौरान भी दर्द का अनुभव करती है।
उम्र – एंडोमेट्रियोसिस की शुरूआत पीरियड्स के शुरू होने से ही आरम्भ हो जाती है । यह स्थिति मेनोपॉज या पोस्ट-मेनोपॉज तब बनी रह सकती है। एंडोमेट्रियोसिस के ज्यादातर मामले 25-35 वर्ष की उम्र में पता चलते हैं।
ईलाज – एंडोमेट्रियोसिस का इलाज दवाओं और सर्जरी दोनों तरह से संभव है मेडिकल ट्रीटमेंट में पेनकिलर्स दिये जाते हैं जबकि सर्जरी में लैप्रोस्कोपी की जाती है, यह ट्रीटमेंट दर्द के साथ-साथ इंफर्टिलिटी से भी निजात दिलाता है।
उम्मीद की किरण है आईवीएफ – इन – विट्रो- फर्टिलाईजेषन आईवीएफ प्रक्रिया एंडोमेट्रियोसिसके मामलों में प्रभावी भूमिका अदा करती है। एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में इंफर्टिलिटी की समस्या को आईवीएफ तकनीक की मदद से दूर किया जाता है ।
आईवीएफ में लैब में स्पर्म और एग को फर्टिलाईज करके तैयार होने वाले भ्रूण को महिला के यूट्रस में प्रत्यारोपित किया जाता है, इससे प्रेगनेंसी रेट को 50-60 प्रतिषत तक बढ़ाया जा सकता है।
2022
Infertility Problems Ovarian Cyst
Ovarian cyst is the fluid filled sac in ovary. This is one among the most comm...
2022
Infertility Problems Ovarian Cyst
on April 07, 2020 OHSS – WORRISOME BUT NOT AT PRESENT TIMES IN VITRO F...
2022
Infertility Problems Ovarian Cyst
What is an ovarian cyst? Ovarian cysts are fluid filled sacs in or on the s...
क्या होती है ओवेरियन सिस्ट-जि�...
అండాశయ తిత్తి (అండాశయ సిస్ట...
ಅಂಡಾಶಯದ ಸಿಸ್ಟ್ (ಅಂಡಾಶಯದ ಸಿಸ್�...
கருமுட்டைப்பை கட்டி (கருமுட்...
Get quick understanding of your fertility cycle and accordingly make a schedule to track it