कोरोना लाॅकडाउन - इनफर्टिलिटी की चुनौती को चांस में बदलें, आईए जानते हैं लाॅकडाउन में अपनी फर्टिलिटी की देखभाल कैसे की जाए
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण रफ्तार भरी जीवनशैली में अचानक से ठहराव आ गया है । अनिश्चित बदलाव के कारण लोग भयभीत और तनावग्रस्त लग रहे है इस दौरान कई लोग अपनी स्वास्थ्य समस्या के कारण चिंतित हैं खासकर निःसंतान दम्पती जिनका उपचार चल रहा है या जो ईलाज शुरू करने की योजना बना रहे हैं। अपनी समस्या को लेकर चिंताग्रस्त नहीं रहें, फोन के माध्यम से एक्सपर्ट डाॅक्टर से परामर्श प्राप्त किया जा सकता है। लाॅकडाउन में यह समय घबराने का नहीं बल्कि संकल्पबद्ध और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का है। हमारी दिनचर्या में परिवर्तन आना कुछ समय के लिए कठिनाई पैदा कर सकता है लेकिन घर रहकर अपने रूटिन को कायम किया जाए तो परेशानी नहीं होगी। हमारी लाईफस्टाईल के कारण निःसंातनता बढ़ी है लेकिन अभी जीवनशैली साधारण होने से फर्टिलिटी को होने वाले नुकसान को नियन्त्रित किया जा सकता है।
दिनचर्या में बदलाव नहीं लाएं
सामान्यतया कामकाजी लोग रोजाना सुबह घर से निकल जाते हैं और करीब 9 घंटे काम करते हैं लेकिन लम्बे समय तक घर ही रहना पड़े तो व्यक्ति के काम का टेªक बिगड़ जाता है । लाॅकडाउन मंे भी अपनी पूर्व दिनचर्चा को जारी रखें जैसे समय पर सोना, निर्धारित समय पर उठना, कार्य के समय में काम करना आदि नियमितता आपकी शारीरिक लय को बिगडने नहीं देगी। आपके लिए सहज होगा साथ ही आप इंजोय भी कर पाएंगे।
समय पर पौष्टिक आहार –
घर रहने का सबसे बड़ा लाभ है स्वास्थवर्धक व मनपसंद खाना मिलना। निःसंतानता के मामलों में खराब खानपान भी प्रमुख कारक है ऐसे में प्रजनन क्षमता बढ़ाने व शरीर के लिए लाभदायक फल, साबूत अनाज, लहसुन, हरी सब्जियां , टमाटर, दूध, पनीर, से बनने वाले पौष्टिक उत्पाद खाए जा सकते हैं। भोजन का समय निर्धारित होने, बाहरी व जंक फुड नहीं खाने से शरीर को नुकसान नहीं होगा।
मेडिटेशन से टेंशन मुक्ति –
कहते हैं मेडिटेशन स्वयं में खो जाने और बात करने का बेहतरीन जरिया है । रोज सुबह मेडिटेशन करें, स्वयं को विश्वास दिलाएं कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है । प्रजनन क्षमता के मामले में आत्मविश्वास को प्रबल करने के लिए स्वयं से कहें, हमारी भी संतान होगी, निःसंतानता की समस्या पर जीत एक दिन में नहीं लेकिन एक दिन जरूर होगी। मेडिटेशन के बाद खुद को तरोताजा महसूस करेंगे।
एक स्थान निर्धारित कर काम करें –
आॅफीस में या बाहर काम करने वालों के लिए घर से काम करना शुरूआत में मुश्किल होता है। घर के काम या सोशल मीडिया से ध्यान भटकना स्वाभाविक है । घर में एक स्थान चुन लें, वहाँ आॅफीस की तरह काम करें, आपको आराम भी मिलेगा और व्यवधान भी नहीं होगा। तनाव निःसंतानता का प्रमुख कारण है घर से कार्य करने से तनाव नहीं होगा व दबाव भी नहीं रहेगा, यह लाभदायक है।
व्यायाम –
घर से बाहर नहीं जाना है इसलिए किसी तरह की भागमभाग और पोल्युशन युक्त वातावरण मिलने की समस्या नहीं हैं । आप शरीर को फीट रखने के लिए समय निकाल सकते हैं। शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए योग तथा एक्सरसाईज का सहारा लंे, इसके लिए आपको बाहर जिम जाने या किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं है। भारी एक्सरसाईज से बचें क्योंकि इससे फर्टिलिटी प्रभावित होती है।
खुद की देखभाल, परिवार को समय, मोबाईल से दूरी –
रोजाना की दौड़भाग और तनाव में व्यक्ति स्वयं के लिए समय नहीं निकाल पाता है। घर पर रहने का लाभ उठाएं, ऐसे काम चुने जिनसे आपको खुशी मिलती है जैसे म्यूजिक सुनना,, पुस्तक पढ़ना, पेंटिंग करना, बगीचे का रखरखाव। काम और नवीन सूचना के अलावा मोबाईल से दूरी बनाएं जिससे अपने पार्टनर के साथ अधिक समय बिता सकें, साथ खाना खाएं, गेम खेले , बातें करें । फर्टिलिटी की समस्या या इसके समाधान को लेकर चर्चा कर सकते हैं, इससे जुड़ी जानकारी जुटा कर उपचार से संबंधित निर्णय ले सकते हैं।
आॅनलाईन , टेली कॅम्यूनिकेशन से सहायता व परामर्श
चिंता, तनाव, डर, इस तरह के भाव अभी लोगांे के मन में है ऐसे में infertile couples के मनोभाव को समझा जा सकता है । ये बात सही है इस समय घर से बाहर निकल कर fertility expert से परामर्श ले पाना आसान नहीं है लेकिन डाॅक्टर से फोन पर बात करके अपनी समस्या बताकर व परामर्श लेकर आगे की उपचार योजना बनायी जा सकती है। निःसंतान दम्पती इन्दिरा आईवीएफ की वेब साईट (www.indiraivf.com), फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब पर निःसंतानता संबंधी विडियो, फोटो, आर्टिकल के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा tele-consultation का लाभ ले सकते हैं। इन्दिरा आईवीएफ देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन है, गु्रप का लक्ष्य प्रिन्ट, टीवी और आॅनलाईन माध्यमों से न्यूनतम खर्च मंे निःसंतान दम्पतियों को संतान प्राप्ति के लिए, जानकारी उचित परामर्श और उपचार प्रदान करना। चूंकि यह डिजीटल युग है इसलिए वेब साईट व सोशल मीडिया पर अधिक जानकारी अपलोड की जाती है।
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