शुक्राणु पुरुष युग्मक होते हैं जो पुरुष के वृषण (अण्डकोष) में उत्पन्न होते हैं और महिला प्रजनन अंगों तक उनकी यात्रा में वीर्य उनके वाहन के रूप में कार्य करता है।
शुक्राणु पुरुष युग्मक होते हैं जो पुरुष के वृषण (अण्डकोष) में उत्पन्न होते हैं और महिला प्रजनन अंगों तक उनकी यात्रा में वीर्य उनके वाहन के रूप में कार्य करता है। पुरुषों की अच्छी प्रजनन क्षमता के लिए सभी मापदंडों के अनुसार सामान्य सेमिनोग्राम होना आवश्यक है। यoह पाया गया है कि 30 प्रतिशत निःसंतान दम्पतियों में निःसंतानता के लिए पुरुष कारक जिम्मेदार हैं। इसलिए यदि आपको गर्भधारण करने में कठिनाई हो रही है, तो आपका डॉक्टर आपको वीर्य विश्लेषण करवाने की सलाह दे सकता है। यह कई मापदंडों पर आधारित एक परीक्षण है जो आपके शुक्राणुओं के स्वास्थ्य और संतान पैदान करने की आपकी क्षमता का बड़े पैमाने पर आकलन कर सकता है।
यदि आप 1 साल से गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं और सफलता नहीं मिली है तो ऐसे मामलों में आपको वीर्य परीक्षण के साथ अपनी महिला साथी की कुछ जांचे करवानी चाहिए । वीर्य विश्लेषण आपके निःसंतानता के मूल कारण का महत्वपूर्ण संकेत दे सकता है। सेम्पल प्राप्त करने के लिए पुरुष साथी को एक विशेष चौड़े मुंह वाले कंटेनर में स्खलन करने के लिए कहा जाता है।
आमतौर पर वीर्य का परीक्षण न्यूनतम 2 दिनों से अधिकतम 7 दिनों के सयंम (शारीरिक संबंध बनाने से परहेज ) की अवधि के बाद किया जाना चाहिए। इस परीक्षण को करने वाले विशेषज्ञ को एंड्रोलॉजिस्ट कहा जाता है। यह अत्यधिक अनुशंसित/आवश्यक है कि वह वीर्य विश्लेषण के लिए डब्ल्यूएचओ के मानदंडों का पालन करे। एंड्रोलॉजिस्ट आपके वीर्य की जांच निम्न मापदंडों का आकलन करने के लिए करेगा-
• वीर्य की मात्रा – एक बार स्खलन में सामान्य वीर्य की मात्रा कम से कम 1.5 मिली होनी चाहिए।
• शुक्राणुओं की संख्या – स्पर्म काउंट का मतलब है आपके वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या। 1 मिली वीर्य में कम से कम 15 मिलियन शुक्राणु होने चाहिए। उससे कम संख्या हो तो उसे ओलिगोजोस्पर्मिया कहा जाता है।
• रंग – एक सामान्य वीर्य का सेम्पल ओपलेसेंट ग्रे दिखाई देता है। इसका लाल या पीला दिखना किसी प्रकार के रक्त, संक्रमण आदि की उपस्थिति का संकेत हो सकता है।
• पीएच – वीर्य के लिए सामान्य पीएच लगभग 7.2 है। उच्च या निम्न पीएच क्रमशः संक्रमण या खराब होने का संकेत देता है।
• संरचना/आकृति – यह शुक्राणु के रूप, आकार और बनावट को दिखाता है । सामान्य शुक्राणु में एक अंडाकार आकार का सिर, गर्दन या मध्य भाग और एक पूंछ होनी चाहिए। एक अच्छे भ्रूण के निर्माण के लिए इन सभी भागों का एक सही आकार होना चाहिए। एक सामान्य वीर्य के सेम्पल में कम से कम 4 प्रतिशत शुक्राणु सामान्य आकार के होने चाहिए। यदि यह संख्या इससे कम है तो इस स्थिति को टेराटोजोस्पर्मिया कहा जाता है।
• गतिशीलता – गतिशीलता इंगित करती है कि आपके वीर्य में से शुक्राणु किस अनुपात में गतिशील हो सकते हैं। सामान्य प्रजनन क्षमता वाले व्यक्ति में कम से कम 40 प्रतिशत गतिशील शुक्राणु होने चाहिए। उससे कम मात्रा होने पर अस्थेनोजोस्पर्मिया कहा जाता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पैरामीटर है क्योंकि केवल गतिशील शुक्राण ही अंडाणु को निषेचित करने के लिए यात्रा को पूरा कर सकते हैं।
यदि आपकी वीर्य विश्लेषण रिपोर्ट असामान्य आती है, तो अपने फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा विवेकपूर्ण होता है। याद रखें कि सामान्य से थोड़ा कम होने का मतलब यह नहीं है कि आपके लिए प्राकृतिक गर्भधारण असंभव है। कुछ मामलों में आपको उपचार से पहले कुछ और जांचों से गुजरना पड़ सकता है जैसे कि शारीरिक जांच, कुछ रक्त परीक्षण जैसे कि एफएसएच या टेस्टोस्टेरोन का स्तर इत्यादि। अब उपचार के व्यापक तौर-तरीके जैसे इंट्रा यूटेरिन इनसेमिनेशन (आईयूआई) से लेकर अण्डकोष /शुक्राशय से शुक्राणु लेने के लिए इंट्रा साइटोप्लाजमिक स्पर्म इंजेक्शन (इक्सी) तक उपलब्ध है ।
• धूम्रपान छोड़ दें क्योंकि धूम्रपान करने से शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और बनावट में कमी आ सकती है। इसके अलावा यह शुक्राणु गुणसूत्रों में डीएनए की क्षति को बढ़ाता है जिससे आनुवंशिक रूप से असामान्य शुक्राणुओं का उत्पादन होता है।
• शराब का सेवन सीमित करें क्योंकि अत्यधिक शराब के सेवन का परिणाम असामान्य सीमन एनालिसिस (वीर्य) हो सकता है।
• स्वस्थ आहार अपनाएं जिसमें अधिक फल, सब्जियां शामिल करें और ज्यादा से ज्यादा जल पीएं।
• प्रतिदिन कम से कम 1 घंटा शारीरिक व्यायाम जैसे तैराकी, दौड़ना, घूमना आदि का अभ्याय करने का प्रयास करें ।
• टाईट/कसी हुई अंडरवियर पहनने से बचें और अपने लैपटॉप को गोद में रखने की बजाय टेबल पर रखें ।
• आप कुछ विटामिन जैसे विटामिन सी और विटामिन ई लेने के साथ-साथ जिंक, सेलेनियम आदि के अतिरिक्त सप्लीमेंट लेना शुरू कर सकते हैं। इन पोषक तत्वों की खुराक से शुक्राणु की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
• यदि आप प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो अपने वीर्य की जांच करवाने में संकोच नहीं करें ।
• अगर आपकी वीर्य विश्लेषण रिपोर्ट असामान्य आती है तो चिंता न करें। फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से सलाह लें, वह निश्चित रूप से आपकी समस्या का समाधान करके आपको पिता बनने में मदद कर सकते हैं।
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