अगर किसी कपल को प्राकृतिक रूप से संतान उत्पन्न करने में सफलता नहीं मिल रही, तो IUI treatment (आईयूआई ट्रीटमेंट) एक बेहतर विकल्प हो सकता है ।
IUI Treatment का पूरा नाम इंट्रायूटेराइन इनसेमिनेशन है। इसमें डॉक्टर पुरुष के शुक्राणुओं (स्पर्म) को, महिला के ओव्यूलेशन के समय कैथेटर से उसके गर्भाशय में डालते हैं। इससे शुक्राणुओं के अंडाणु (ओवम या एग) तक पहुँचने के चांसेस बढ़ जाते हैं और गर्भधारण (प्रेगनेंसी) की संभावना बढ़ जाती है।
IUI और IVF में अंतर: IUI ट्रीटमेंट में फर्टिलाइजेशन प्राकृतिक रूप से महिला के शरीर के अंदर होता है जबकि IVF ट्रीटमेंट में फर्टिलाइजेशन महिला के शरीर के बाहर लैब में होता है और बाद में भ्रूण (एम्ब्रीओ) को गर्भ (यूट्रस) में ट्रांसफर किया जाता है।
डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित स्थितियों में IUI कराने की सलाह देते हैं:
ICMR की गाइडलाइन्स के अनुसार, अगर कपल एक साल से गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं (35 साल से ऊपर की महिला के मामले में 6 महीने), तो उन्हें फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।
IUI ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले महिला और पुरुष की कुछ जाँचें की जाती हैं।
IUI ट्रीटमेंट आमतौर पर 4–5 स्टेप में होती है और कुल मिलाकर कुछ हफ्ते में पूरी हो सकती है:
कुछ महिलाओं को प्रक्रिया के बाद हल्का स्पॉटिंग (spotting) या पेट में हल्की ऐंठन हो सकती है। यह बिल्कुल सामान्य है और 1-2 दिन में ठीक हो जाता है। अगर तेज़ दर्द या ज़्यादा ब्लीडिंग हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
IUI के बाद आपको बिस्तर पर लेटे रहने की ज़रूरत नहीं है। आप अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियां कर सकती हैं। बस भारी वज़न उठाने और बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज से बचें। आप उसी दिन या अगले दिन से काम पर जा सकती हैं।
IUI के ठीक 14 दिन बाद ब्लड टेस्ट (Beta hCG test) से पता चलता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं। इससे पहले टेस्ट करना सही नहीं होता क्योंकि परिणाम गलत आ सकता है।
अमेरिकन सोसाइटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (ASRM) के अनुसार, IUI की सफलता दर प्रति चक्र लगभग 10-20% होती है।
IUI Treatment निःसंतानता का एक शुरुआती, सुरक्षित और प्रभावी इलाज है जो कई कपल्स को माता-पिता बनने का सुख दिला सकता है। सही जांच, समय पर ट्रीटमेंट, स्वस्थ जीवनशैली और अनुभवी फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट की सलाह से IUI की सफलता दर (सक्सेस रेट) काफी बढ़ जाती है। याद रखें, हर कपल की स्थिति अलग होती है, इसलिए किसी भी इलाज से पहले अपने डॉक्टर से विस्तार से बात करें और सही मार्गदर्शन लें। सकारात्मक सोच और सही इलाज के साथ, आपका परिवार पूरा होने का सपना ज़रूर पूरा होगा।
IUI में शुक्राणुओं को सीधे गर्भाशय में डाला जाता है और फर्टिलाइजेशन प्राकृतिक रूप से होता है। IVF में अंडे और शुक्राणु को लैब में फर्टिलाइज किया जाता है, फिर भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
IUI की सफलता दर प्रति चक्र (सक्सेस रेट पर सायकल) लगभग 10-20% होती है। 3-4 सायकल के बाद सक्सेस रेट (Cumulative success rate) 40-50% बढ़ सकती है।
IUI लगभग दर्द रहित प्रक्रिया है। कुछ महिलाओं को हल्की असुविधा या ऐंठन महसूस हो सकती है।
IUI के ठीक 14 दिन बाद ब्लड टेस्ट (Beta hCG) कराना चाहिए। इससे पहले टेस्ट करने से गलत परिणाम आ सकते हैं।
आमतौर पर अगर 3-4 IUI चक्रों के बाद भी सफलता नहीं मिले, तो डॉक्टर IVF की सलाह दे सकते हैं।
नहीं, आप प्रक्रिया के 15-30 मिनट बाद घर जा सकते हैं। अस्पताल में भर्ती होने की कोई ज़रूरत नहीं है।
हां, PCOS वाली महिलाओं के लिए IUI एक अच्छा विकल्प है, खासकर जब ओव्यूलेशन की समस्या हो। ओव्यूलेशन इंडक्शन दवाओं के साथ IUI की सक्सेस रेट अच्छी होती है।