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प्रेग्नेंसी टेस्ट कब करें? (Pregnancy Test Kab Kare )

Reviewed by Indira IVF Fertility Experts
Last updated: October 30, 2025

Overview

गर्भावस्था परीक्षण करने का सबसे उपयुक्त समय पीरियड मिस होने के पहले दिन होता है। हालांकि, अधिक सटीक परिणाम के लिए पीरियड मिस होने के लगभग 14 दिन बाद सुबह की पहली पेशाब से टेस्ट करना बेहतर होता है। कुछ टेस्ट इतने संवेदनशील होते हैं कि वे पीरियड मिस होने से पहले भी परिणाम दे सकते हैं, लेकिन गलत-नकारात्मक रिज़ल्ट की संभावना रहती है। इसलिए विश्वसनीयता के लिए पीरियड मिस होने का इंतजार करना समझदारी है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि pregnancy test kab karna chahiye और pregnancy test kaise karte hain ताकि आपको सही जानकारी मिल सके।

प्रेगनेंसी टेस्ट क्या है ? (What is a Pregnancy Test?)

प्रेगनेंसी टेस्ट एक सरल प्रक्रिया है जिससे यह पता लगाया जाता है कि कोई महिला गर्भवती है या नहीं। यह टेस्ट शरीर में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रॉपिन (hCG) नामक हार्मोन की उपस्थिति को जांचता है, जो गर्भधारण के बाद शरीर में बनता है। आमतौर पर यह टेस्ट पेशाब के नमूने से किया जाता है और घर पर आसानी से उपलब्ध किट से किया जा सकता है। कुछ टेस्ट रक्त के नमूने से भी किए जाते हैं, जो अधिक सटीक होते हैं। यह प्रक्रिया तेज़, सुविधाजनक और शुरुआती गर्भावस्था की पुष्टि के लिए उपयोगी होती है।

प्रेग्नेंसी टेस्ट कब करें ? (Pregnancy Test Kab Kare)

  • पीरियड मिस होने के बाद (After Missed Period):

    सबसे उपयुक्त समय पीरियड मिस होने के पहले दिन से होता है। इस समय शरीर में hCG हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है।

  • सुबह की पहली पेशाब से टेस्ट करें (Use First Morning Urine):

    सुबह की पहली पेशाब में hCG हार्मोन की मात्रा अधिक होती है, जिससे परिणाम अधिक सटीक मिलते हैं।

  • पीरियड मिस होने के 14 दिन बाद (14 Days After Missed Period):

    यदि आप थोड़ा इंतजार कर सकते हैं, तो दो सप्ताह बाद टेस्ट करना सबसे विश्वसनीय होता है।

  • संवेदनशील टेस्ट से पहले भी जांच संभव (Early Testing with Sensitive Kits):

    कुछ प्रेग्नेंसी टेस्ट इतने संवेदनशील होते हैं कि पीरियड मिस होने से पहले भी परिणाम दे सकते हैं, लेकिन गलत-नकारात्मक रिज़ल्ट की संभावना रहती है।

प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें ?(How To Check Pregnancy In Hindi)

जब एक महिला जानना चाहती है कि क्या वह गर्भवती है या नहीं, तो प्रेगनेंसी टेस्ट उसके लिए विशेष महत्व रखता है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं, तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए और इसे कैसे घर पर कर सकते हैं।

प्रेगनेंसी होने पर महसूस होने वाले आम लक्षण

चलिए समझें कि गर्भावस्था के सामान्य लक्षण क्या होते हैं।

1. पीरियड नहीं आना - औरत को हर महिने माहवारी आती है, अगर महिला ने गर्भधारण किया है तो उसे पीरियड नहीं आएगा । ये जरूरी नहीं है कि प्रेगनेंसी के कारण ही पीरियड मिस हुआ हो । इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं। अगर कपल प्रेगनेंसी के लिए ट्राय कर रहे हैं और पीरियड मिस होता है लेकिन दूसरे लक्षण नहीं दिख रहे हैं या लक्षण महसूस भी हो रहे हैं तो भी डॉक्टर से कन्सल्ट करके टेस्ट करवाना चाहिए |

2. बॉडी टेम्परेचर बढ़ जाना - फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया के बाद भ्रूण का गर्भाशय में इम्पलांटेशन होता है। इम्पलांटेशन के बाद बॉडी और इम्युन सिस्टम स्वयं को तैयार करते हैं जिस कारण बॉडी का टेम्परेचर बढ़ सकता है।

3. कब्जी - प्रेगनेंसी की शुरूआत में हार्मोन का लेवल बढ़ जाने के कारण आंतों में कसाव होने के कारण शौच में कठिनाई हो सकती है। साथ ही पाचन क्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है। कई महिलाओं को खाना अच्छा नहीं लगने या पेट भरा हुआ लगने की शिकायत हो सकती है।

4. मोर्निंग सिकनेस - प्रेगनेंसी होने पर प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ता है इस कारण सुबह उल्टी जैसा लगना या उल्टी होना सामान्य बात है। साथ ही मूड स्वींग और मतली की समस्या भी हो सकती है। प्रेगनेंसी में औरत को मूड स्वींग की समस्या होती है। कई औरतों में चक्कर आने या सिर चकराने जैसी स्थिति भी हो सकती है।

5. स्तन भारी होना - प्रेगनेंसी में एस्ट्रोजेन का लेवल बढ़ने के कारण औरतों को स्तन में दर्द होता है। स्तनों का भारी होना उनमें दर्द होना या निप्पल के आसपास का रंग ज्यादा गहरा होना प्रेगनेंसी के सबसे महत्वपूर्ण लक्षणों में से एक है।

6. ब्लीडिंग - जब निषेचित अंडा यूट्रस की दीवार से चिपकता है तो इसे इम्पलांटेशन कहा जाता है। पीरियड की डेट से लगभग 7-8 दिन पहले इम्पलांटेशन ब्लीडिंग के लक्षण नजर आते हैं, ऐसा कुछ घंटों या कुछ दिनों तक चल सकता है। ये ब्लीडिंग हल्की यानि स्पोटिंग के रूप में होती है इससे ज्यादा होने पर ये मिसकैरेज या पीरियड का इंडीकेशन हो सकता है।

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए? प्रेगनेंसी टेस्ट कितने दिनों में करें? (pregnancy test kab karna chahiye)

प्रेगनेंसी टेस्ट का अच्छा समय तब होता है जब आपका पीरियड मिस हो जाता है। वैसे तो कंसीव होने के 6 दिन से 2 सप्ताह के बीच में प्रारम्भिक लक्षण महिला को महसूस होने लगते हैं। कुछ औरतों को प्रेगनेंसी की शुरूआत में कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं इस कारण उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि वो प्रेगनेंट हैं। प्रेगनेंसी टेस्ट पीरियड मिस होने के एक-दो दिनों में भी किया जा सकता है लेकिन अधिक सटिक परिणाम सप्ताहभर बाद करने पर मिल सकते हैं।

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें? (how to check pregnancy at home in hindi)

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए आपको प्रेगनेंसी टेस्ट किट (यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट किट) खरीदना होगा। यह टेस्ट किट आमतौर पर आपके आसपास दवाखाने या ऑनलाइन दुकानों पर उपलब्ध होता है। आपको उस किट के निर्देशों का पालन करना होगा । टेस्ट के लिए आपको यूरिन का सेम्पल एक छोटे से कंटेनर में इकट्ठा करना होगा और उसे टेस्ट स्ट्रिप पर डालना होगा। किट में पहले से एक लाइन होती है । अगर प्रेगनेंसी हुई है तो उसके अंदर दूसरी लाइन भी दिखाई देने लगती है। अगर प्रेगनेंसी नहीं हुई है तो एक लाइन ही रहेगी। कई महिलाओं को पीरियड मिस होने के एक-दो दिन बाद भी प्रेगनेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है । लेकिन ज्यादातर महिलाओं को सप्ताहभर इंतजार करना चाहिए।

प्रेगनेंसी किट कैसे चेक करें? (pregnancy kit kaise use krte hai)

प्रेगनेंसी किट का उपयोग करना बहुत ही सरल होता है। यहां कुछ सामान्य चरण हैं जो आपको उपयोग करने में मदद करेंगे:

1. सबसे पहले, आपको प्रेगनेंसी किट के निर्देशों को पढ़ना चाहिए और उन्हें ध्यान से समझना चाहिए।

2. टेस्ट किट को सुरक्षित रूप से खोले और निर्देशों के अनुसार उपयोग करें ।

3. किट में दिए गए स्ट्रिप को उठाएं और उसमें यूरिन का सेम्पल डालें।

4. थोड़ी देर तक इंतजार करें ।

5. अब टेस्ट स्ट्रिप को पॉजिटिव या नेगेटिव परिणाम के रूप में देखें।

प्रेगनेंसी चेक करने के कुछ और सामान्य तरीके

प्रेगनेंसी चेक करने के लिए आप विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। यहां कुछ सामान्य तरीके हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं:

1. रक्त परीक्षण (बीएचसीजी): यह एक रक्त की जांच होती है जिसके आधार पर डॉक्टर प्रेगनेंसी कन्फर्म करते हैं। लक्षण हो या न हो डॉक्टर से कन्सल्ट करके बीटा एचसीजी टेस्ट करवाना चाहिए । चाहे यूपीटी में जो भी रिजल्ट आए बाद में बीएचसीजी करवाना ही चाहिए |

2. सोनोग्राफी: यह एक अन्य प्रमुख तरीका है जिसका उपयोग प्रेगनेंसी की जांच के लिए किया जाता है। इसमें अल्ट्रासाउंड के द्वारा गर्भाशय की जांच की जाती है और गर्भधारण की पुष्टि की जाती है।

आईवीएफ प्रक्रिया के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट कब करना चाहिए और कितने दिनों का इंतजार जरूरी होता है?

आईवीएफ (IVF) प्रक्रिया के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए सही समय का इंतजार करना बेहद ज़रूरी होता है ताकि परिणाम सटीक मिलें। आमतौर पर एम्ब्रियो ट्रांसफर के 12 से 14 दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। इससे पहले टेस्ट करने पर hCG हार्मोन की मात्रा शरीर में पर्याप्त नहीं होती, जिससे गलत-नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। डॉक्टर अक्सर ब्लड टेस्ट (Beta hCG) की सलाह देते हैं, जो पेशाब वाले टेस्ट की तुलना में अधिक सटीक होता है। इस दौरान धैर्य रखना और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है। जल्दबाज़ी में टेस्ट करने से मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इसलिए IVF के बाद कम से कम दो सप्ताह का इंतजार करना समझदारी है।

इंदिरा IVF कैसे मदद कर सकता है प्रेगनेंसी चेक में?

इंदिरा IVF एक विश्वसनीय नाम है जो प्रेगनेंसी चेक में महिलाओं की सहायता करता है। इंदिरा IVF प्रेगनेंसी टेस्ट करने, गर्भावस्था की जांच करने और प्रेगनेंसी की देखभाल में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं। इंदिरा IVF के विशेषज्ञ डॉक्टर और स्टाफ प्रेगनेंसी संबंधी परामर्श, टेस्टिंग और उच्च-तकनीकी उपचार प्रदान करते हैं।

इंदिरा IVF आपको प्रेगनेंसी चेक के लिए उच्च-तकनीकी और पेशेवर सुविधाएं प्रदान करता है। उनके अनुभवी चिकित्सक और कर्मचारी आपकी जरूरतों को समझते हैं और आपको सही और विश्वसनीय परामर्श प्रदान करते हैं।

अधिक जानकारी के लिए, आप इंदिरा IVF केंद्र पर यात्रा कर सकते हैं या 18003092323 पर कॉल करके विवरण प्राप्त कर सकते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

कितने दिन में पता चलता है कि प्रेग्नेंट है?

 

गर्भधारण के बाद शरीर में hCG हार्मोन बनने लगता है, जो आमतौर पर पीरियड मिस होने के पहले दिन से टेस्ट में दिख सकता है। अधिक सटीक परिणाम के लिए 7–14 दिन इंतजार करना बेहतर होता है।

प्रेगनेंसी में पहला टेस्ट कब करना चाहिए?

 

पहला टेस्ट पीरियड मिस होने के दिन या उसके बाद करना चाहिए। सुबह की पहली पेशाब से टेस्ट करने पर परिणाम अधिक सटीक होते हैं।

प्रेगनेंसी किट में कितने दिन में पता चल जाता है?

 

घरेलू प्रेगनेंसी किट से पीरियड मिस होने के 1–2 दिन बाद ही परिणाम मिल सकते हैं। कुछ किट्स पहले भी संकेत दे सकती हैं, लेकिन विश्वसनीयता कम होती है।

IUI के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें?

 

IUI के बाद कम से कम 14 दिन का इंतजार करना चाहिए। इससे hCG हार्मोन का स्तर पर्याप्त हो जाता है और टेस्ट सटीक परिणाम देता है।

आईवीएफ में प्रेगनेंसी के कितने चांस होते हैं?

 

IVF में सफलता की संभावना महिला की उम्र, अंडाणु की गुणवत्ता और अन्य स्वास्थ्य कारकों पर निर्भर करती है। औसतन 30–50% तक सफलता दर होती है।

क्या एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता प्रेगनेंसी टेस्ट किट से लगाया जा सकता है?

 

घरेलू किट से एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता नहीं चलता। यह केवल hCG हार्मोन की उपस्थिति दिखाती है, जबकि एक्टोपिक स्थिति की पुष्टि अल्ट्रासाउंड और मेडिकल जांच से होती है।

ओवुलेशन टेस्ट कब करना चाहिए?

 

ओवुलेशन टेस्ट पीरियड साइकिल के मध्य में, यानी 10वें से 16वें दिन के बीच करना चाहिए। यह LH हार्मोन की वृद्धि को पहचानता है, जो अंडोत्सर्जन का संकेत देता है।

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