January 23, 2021
जब कोई जोड़ा, संतान पाने हेतु, 12 माह या अधिक समय तक निरंतर प्रयास करता है परन्तु फिर भी विफल रहता है, तब यह एक बांझपन की समस्या हो सकती है। अधिकतर मामलों में, बांझपन को महिलओं के साथ जोड़ के देखा जाता है। हालांकि, ऐसा है नहीं। यह तथ्य आपको चौंका सकता है परन्तु बांझपन के हर तीन मामलों में, पुरुष बांझपन की समस्या देखी गयी है। इस बात की पुष्टि के लिए यह अनिवार्य है की दोनों डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
यह लेख हालांकि पुरुष बांझपन पर केंद्रित है तथा इस समस्या के निदान और उपचार की व्याख्या करता है।
सामान्य रूप में, डॉक्टर पुरुष बांझपन की समस्या के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण की सलाह देते हैं:
शारीरिक परिक्षण में डॉक्टर आपके जननांगो की जांच करते हैं तथा आपसे कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछते हैं जिसमे पारिवारिक इतिहास, पिछली बीमारियों, चोटों, या सर्जरी की जानकारी, तथा चिकित्सा इतिहास शामिल है। इन सबके अलावा, डॉक्टर आपके यौवन के दौरान की यौन आदतों तथा युवावस्था के विकास से सम्बंधित सवाल भी पूछ सकते हैं। यह सब जानकारी बांझपन की समस्या के कारण को समझने में सहायता करते हैं। साझा की गयी जानकारी के आधार पर डॉक्टर आगे की कार्यवाही तय करते हैं।
वीर्य विश्लेषण एक महत्वपूर्ण कदम है जो की पुरुष बाँझपन के निदान के लिए आवशयक है। पुरुष अपने वीर्य के नमूने को एक विशेष कंटेनर में एकत्रित करके जांच के लिए प्रदान करते हैं। नमूने को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है जहाँ वीर्य में उपस्थित शुक्राणुओं की संख्या, उसके आकार, तथा गति को मापा जाता है।
उपरोक्त परीक्षणों से विशेष स्पष्टीकरण न मिलने पर, डॉक्टर बांझपन के कारण की पहचान करने में सहायता के हेतु अतिरिक्त परिक्षण की सलाह दे सकते हैं, जिनमे निम्नलिखित परिक्षण शामिल हो सकते हैं।
अनुवांशिक परिक्षण में डॉक्टर रक्त परिक्षण करते हैं जिसकी सहायता से विभिन्न जन्मजात या विरासत में मिले सिंड्रोम का निदान किया जाता है।
इस परिक्षण में उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों (high-frequency sound waves) की सहायता से छवि उत्तपन्न की जाती है जो की अंडकोषों में वैरीकोसेल (varicocele) या किसी प्रकार की समस्या को देखने में मदद करता है।
इस परीक्षण में सुई के उपयोग से अंडकोष से नमूना निकाला जाता है। यदि परिणाम में शुक्राणु उत्पादन सामान्य है तो संभवित रूप से यह रूकावट या शुक्राणु परिवहन की समस्या हो सकती है।
इसमें डॉक्टर एक छोटी चिकनाई वाली छड़ी मलाशय में डाल कर प्रोस्टेट की जांच करते हैं तथा वीर्य को ले जाने वाली नलियों में यदि किसी प्रकार की रूकावट है तो उसकी खोज करते हैं।
पुरुषों में यौन विकास और शुक्राणु उत्पादन में पिट्यूटरी ग्रंथि, हाइपोथैलेमस और अंडकोष द्वारा उत्पादित हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह एक प्रकार का रक्त परिक्षण है जिसमें टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन के स्तर को मापा जाता है।
पुरुष बांझपन उपचार में निम्नलिखित उपचार शामिल हैं:
यदि बांझपन का प्रमुख कारण वैरीकोसेल है तो इसको शल्य चिकित्सा से ठीक किया जा सकता है।
प्रजनन पथ (reproductive tract) संक्रमण के मामलों में एंटीबायोटिक उपचार असरदार अवश्य है परन्तु यह हमेशा प्रजनन क्षमता को बहाल करने में सफल नहीं होता।
डॉक्टरी दवा की सहायता से स्तंभन दोष या शीघ्रपतन जैसी समस्याओं में प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में सहायक साबित हो सकता है।
कुछ हार्मोन के उच्च या निम्न स्तर बांझपन का कारण हो सकता है। दवाओं की सहायता से स्थिति को सुधारा जा सकता है।
असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी अथवा सहायक प्रजनन तकनीक पुरुष बांझपन का उपचार है जिसमें पुरुष की इच्छा अनुसार शुक्राणु को सामान्य स्खलन या सर्जिकल निष्कर्षण द्वारा प्राप्त किया जाता है। इसके बाद IVF या ICSI प्रक्रिया के माध्यम से महिला जननांग पथ में डाला जाता है जो की गर्भधारण में सहायता करता है।
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