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Erectile Dysfunction in Hindi: इरेक्टाइल डिसफंक्शन इरेक्शन प्राप्त करने और बनाए रखने में कठिनाई है। जानिए erectile dysfunction meaning in hindi, नपुसंकता के लक्षण व उपचार Indira IVF साथ।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है? (What is Erectile Dysfunction in Hindi)

पुरुषों में इनफर्टिलिटी और नपुंसकता जैसी समस्याएं आजकल गंभीर समस्या बन गई हैं, विशेषकर पुरुष बांझपन के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी समस्या है जिसमें पुरुष के लिंग (पेनिस) में संभोग के दौरान उत्तेजना नहीं होती या फिर उसे बनाए रखने में परेशानी होती है।  यह समस्या युवाओं की तुलना में अधिक उम्र के पुरूषों में होने की संभावना अधिक होती है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से प्रभावित पुरूष यौन इच्छा और इरेक्शन में कमी जैसी कठिनाईयों का सामना करता है। इसका प्रभाव सेक्स लाइफ पर तो पड़ता है साथ ही पुरूष भावनात्मक रूप से भी स्वयं को कमजोर महसूस करते हैं। समय पर चिकित्सकीय सलाह और उपचार से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दो कैटेगरी में बांटा जा सकता है। पहला प्राइमरी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और दूसरा सैकेंडरी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन।

प्राइमरी ईडी एक ऐसी विकट स्थिति हैं जिसमें व्यक्ति पूरे जीवन में इरेक्शन बनाए रखने में असमर्थ था। यह स्थिति बहुत कम केसेज में सामने आती है।

सैकेंडरी ईडी से प्रभावित व्यक्ति में इरेक्शन पहले हो रहा था लेकिन अब किन्हीं कारणों से इरेक्शन नहीं हो पा रहा है।  इस समस्या से पीड़ित ज्यादातर पुरूषों में यह लक्षण सामने आते हैं। इसे दवा या सर्जरी व अच्छे आहार के साथ-साथ साधारण जीवनशैली व इलाज करके सही किया जा सकता है।  

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारण (Causes of Erectile Dysfunction in Hindi)

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के शारीरिक या मनोवैज्ञानिक या फिर दोनों ही कारण हो सकते हैं। संभोग के दौरान पुरूष के मस्तिष्क, मांसपेशियां, रक्त वाहिकाएं, हार्मोन और नसें सभी शामिल होती हैं। इन सभी में से किसी में भी समस्या उत्पन्न होने पर  इरेक्टाइल डिसफंक्शन की स्थिति पैदा हो सकती है।

शारीरिक कारणों की बात करें तो ये मुख्य रूप से रक्त प्रवाह और रक्तचाप संबंधी रोग इसके कारण हो सकता है। हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, नींद से जुड़े रोग,  एथेरोस्क्लेरोसिस,  उच्च रक्तचाप जैसी शारीरिक स्थितियां लिंग के रक्त प्रवाह को प्रभावित करती हैं। 

मनोवैज्ञानिक कारणः यौन ट्रॉमा मनोवैज्ञानिक मुद्दों के कारण भी होते हैं। स्ट्रेस,पोर्न की लत, चिंता, डिप्रेशन, रिश्तों में अपनेपन की कमी,सेक्स परफॉरमेंस को लेकर टेन्शन आदि कारण हो सकते हैं।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कुछ अन्य कारण-  पोषण की कमी, शराब का अधिक सेवन, फिजिकल एक्टिविटी की कमी या व्यायाम न करना, खराब खानपान।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन स्थायी होता है क्या ?

ईडी स्थायी समस्या नहीं है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार मुख्य रूप से इसके कारणों पर काफी हद तक निर्भर करता है। अगर मरीज को इसके कारणों के बारे में पता चल जाए तो इलाज करवा सकता है। आइए जानते हैं नपुसंकता के लक्षण व उपचार के बारे में ।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन/नपुसंकता के लक्षण (Erectile Dysfunction Symptoms in Hindi)

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण अचानक से नहीं दिखते हैं, धीरे-धीरे इसका असर दिखने लगता है लेकिन पुरूष इसे नजरअंदाज करता है। शुरूआत में इरेक्शन प्राप्त करने में समर्थ होता है हालांकि इस दौरान भी यौन इच्छा कम होने लगती है। कुछ समय बाद, इरेक्शन समय का समय कम हो जाता है और बाद में इरेक्शन नहीं हो पाता है।  

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए टेस्ट (Diagnosis of Erectile Dysfunction in Hindi)

  • शारीरिक टेस्टः लिंग और अंडकोष के साथ नसों की उत्तेजना से जुड़े टेस्ट किये जाते हैं। 
  • ब्लड टेस्टः डायबिटिज, कम टेस्टोस्टेरोन लेवल, कोरोनरी बीमारी और अन्य स्थितियों के बारे में जानने के लिए किया जाता है। 
  • यूरिन टेस्टः यूरिन टेस्ट डायबिटिज के बारे में पता करने के लिए की जाता है।  
  • अल्ट्रासाउंडः रक्त प्रवाह से जुड़ा विकार जांचने के लिए यह जांच की जाती है।  
  • मनोवैज्ञानिक टेस्टः डिप्रेशन के किसी भी लक्षण या मनोवैज्ञानिक कारण जानने के लिए डॉक्टर द्वारा मरीज से चर्चा की जाती है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज कैसे किया जाता है? (Erectile Dysfunction Treatment in Hindi)

मरीज के स्थिति पर निर्भर करता है कि उसके लिए कौनसा उपचार विकल्प फायदेमंद हो सकता है। जो पुरूष इरेक्शन प्राप्त करने में कठिनाई या यौन इच्छा में कमी महसूस कर रहे हैं वे इससे डरने या नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टर से बात करें । समस्या को देखते हुए डॉक्टर आपको लाईफस्टाइल में बदलाव के साथ कुछ दवाइयां दे सकते हैं।    प्रारम्भिक उपचार में लाभ नहीं होने पर उपचार प्रबंधन योजना बनाकर इलाज शुरू कर सकते हैं । कुछ मामलों में सर्जरी का सुझाव भी दिया जा सकता है।  

  • ओरल मेडिकेशनः ओरल मेडिकेशन दी जा सकती हैं। ये दवाएं शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रभाव को बढ़ाती हैं, जिससे लिंग में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है। दवाओं की डोज का निर्धारण केस पर निर्भर करता है। इनका प्रभाव तुरन्त नहीं होता है।
     
  • मनोवैज्ञानिक सलाहः जिन पुरूषों को चिंता, स्ट्रेस की समस्या है या उन्हें साथ ही लगता है कि सम्मान नहीं मिलता है उन्हें इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है। उचित सलाह से इस समस्या में पुरुषों को लाभ हो सकता है।
     
  • टेस्टोस्टेरोन उपचारः ये उनके लिए फायदेमंद हो सकता है जिनमें टेस्टोस्टेरोन की कमी या कम स्तर के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित हैं। टेस्टोस्टेरोन की पूर्ति इंजेक्शन या एक पैच के माध्यम से की जाती है।
     
  • पेनाइल इम्प्लांटेशनः ये एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें पुरूष के इम्प्लांट लिंग के दो तरफ स्थित होते हैं। इम्प्लांट या तो इन्फ़्लेटबल रॉड या सेमी-रीजिड रॉड हो सकते हैं। उपचार का यह रूप मरीज के लिए कष्टदायक हो सकता है ये सभी प्रकार के दूसरे उपचार असफल होने पर ही किया जाता है।  

इन उपचारों के साथ तरबूज और पपीता जैसे कुछ फल शरीर की इरेक्टाइल शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

इन फलों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है साथ ही ये फल धमनियों को फैलाते हैं जिससे रक्त के प्रवाह को सुचारू होने में मदद मिलती है।  

इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खर्च (Cost of Erectile Dysfunction Treatment in Hindi)

इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खर्चा मरीज की बीमारी की अवस्था व अन्य बाते ध्यान में रखकर 20,000 से 40,000 रूपये के बीच हो सकता है।

इंदिरा आईवीएफ कैसे मदद कर सकता है (How Indira IVF Can Help?)

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारण कई पुरूषों को निःसंतानता का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में मरीज को  घबरना नहीं चाहिए और एक्सपर्ट डॉक्टर से बात करनी चाहिए क्यांकि आधुनिक तकनीकों से वे संतान प्राप्ति का सफर आसान कर सकते हैं।  इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की स्थिति में आप इन्दिरा आईवीएफ के एक्सपर्ट डॉक्टर से कन्सल्ट करके उचित उपचार प्रक्रिया शुरू करवा सकते हैं। हमारे आईवीएफ विशेषज्ञों से मुफ्त परामर्श बुक करने के लिए आज ही 18003092323 पर कॉल करें।

 

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