Skip to main content

एडिनोमायोसिस (Adenomyosis in Hindi): लक्षण, कारण और उपचार

Last updated: November 10, 2025

Overview

एडिनोमायोसिस गर्भाशय से जुड़ी एक आम लेकिन मामूली समस्या (benign uterine condition) है। इसमें गर्भाशय की भीतरी परत (एंडोमेट्रियम) की कोशिकाएँ गर्भाशय की मांसपेशियों (मोमेट्रियम ) के भीतर चली जाती हैं। इस वजह से गर्भाशय मोटा (बल्की यूट्रस) हो जाता है और पीरियड्स में दर्द बढ़ जाता है एवं हैवी पीरियड्स (मेनोरेजिया) की स्थिति बन जाती है।
कई महिलाएँ इसे सामान्य पीरियड दर्द समझकर अनदेखा कर देती हैं, जबकि एडिनोमायोसिस की समय पर पहचान न होने पर खून की कमी, दर्द और निःसंतानता जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती है।,/p>

एडिनोमायोसिस क्या है? (Adenomyosis Meaning in Hindi)

एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) में गर्भाशय की भीतरी लाइनिंग (Endometrium) की कोशिकाएँ उस परत में चली जाती हैं जहाँ मांसपेशियाँ होती हैं। सामान्य गर्भाशय में ये दोनों परतें अलग-अलग रहती हैं, लेकिन एडिनोमायोसिस में ये आपस में मिल जाती हैं। इससे गर्भाशय फूल जाता है और पीरियड्स के दौरान तीव्र दर्द व भारी रक्तस्राव (हैवी ब्लीडिंग) होता है। ऐसी स्थिति को Bulky Uterus with Adenomyosis कहा जाता है।

सामान्य गर्भाशय की तुलना में एडिनोमायोसिस की वजह से गर्भाशय का आकार बड़ा और स्पंजी महसूस होता है।

WHO और ICMR की रिपोर्ट्स के अनुसार, 35 वर्ष से अधिक उम्र की कई महिलाओं में एडिनोमायोसिस पाया जाता है, खासकर जिनका प्रसव या गर्भाशय की सर्जरी (जैसे D&C या सी-सेक्शन) हो चुका हो।

एडिनोमायोसिस के लक्षण (Adenomyosis Symptoms in Hindi)

एडिनोमायोसिस के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई बार सामान्य पीरियड समस्याओं की तरह लगते हैं। लेकिन अगर नीचे बताए गए संकेत बार-बार हों, तो जांच ज़रूर करानी चाहिए।

  • अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव (Heavy bleeding): पीरियड्स का फ्लो सामान्य से ज़्यादा हो जाना, लंबे समय तक चलना या बीच-बीच में ब्लीडिंग होना एडिनोमायोसिस का प्रमुख संकेत है।
  • पेल्विक दर्द और ऐंठन: हर महीने तेज़ दर्द या मरोड़ जो दवा से भी कम न हो, विशेषकर पीरियड्स के पहले और दौरान।
  • पीठ और कमर दर्द: गर्भाशय के फूलने और सूजन के कारण लगातार पीठ के निचले हिस्से में दर्द रह सकता है।
  • थकान और कमजोरी:लगातार खून की कमी से शरीर थका हुआ महसूस करता है।
  • एनीमिया (खून की कमी): बार-बार भारी ब्लीडिंग से आयरन की कमी और एनीमिया की समस्या हो जाती है।

एडिनोमायोसिस के कारण (Adenomyosis Causes Kya Hota Hai)

एडिनोमायोसिस के कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, पर शोधों के अनुसार ये मुख्य कारण माने जाते हैं:

  • हार्मोनल असंतुलन : एस्ट्रोजन हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर गर्भाशय की कोशिकाओं को अधिक सक्रिय बना देता है।
  • गर्भाशय में चोट या सर्जरी : सी-सेक्शन, डिलिवरी या गर्भपात के बाद की प्रक्रिया एंडोमेट्रियल कोशिकाओं को मांसपेशियों की परत में धकेल सकती हैं।
  • उम्र और जेनेटिक कारण : अधिक उम्र (35–50 वर्ष) और आनुवंशिक कारणों से भी जोखिम बढ़ता है।

एडिनोमायोसिस और निःसंतानता (Adenomyosis & Infertility)

एडिनोमायोसिस गर्भाशय की संरचना और कार्य दोनों को प्रभावित करता है। गर्भाशय की दीवार मोटी और सूजन होने से भ्रूण को ठहरने में दिक्कत होती है। इस वजह से प्रेगनेंसी ठहरने की संभावना कम हो जाती है या शुरुआती महीनों में गर्भपात (मिसकैरेज) का जोखिम बढ़ जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, अगर महिला को बार-बार गर्भपात या गर्भ ठहरने में कठिनाई हो रही हो, तो एडिनोमायोसिस की जांच ज़रूर करवानी चाहिए।

एडिनोमायोसिस की पहचान कैसे तय करें (Diagnosis of Adenomyosis)

एडिनोमायोसिस का डायग्नोसिस कई स्तरों पर की जाती है ताकि फाइब्रॉइड्स या एंडोमेट्रियोसिस जैसी अन्य बीमारियों से इसे अलग किया जा सके।

  • अल्ट्रासाउंड :

    ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय की मोटाई और दीवार की स्थिति देखी जाती है।

  • MRI (एम.आर.आई.):

    यह सबसे सटीक जांच मानी जाती है। इसमें गर्भाशय की परतों की स्पष्ट तस्वीर मिलती है।

  • पेल्विक एग्ज़ामिनेशन (Pelvic Examination):

    डॉक्टर हाथ से जांच कर गर्भाशय के आकार और दर्द की स्थिति का आकलन करते हैं।

कई बार रिपोर्ट में Adenomyoma Uterus या Adenomyotic changes लिखा होता है इसका मतलब एडिनोमायोसिस की स्थिति होती है।

एडिनोमायोसिस का इलाज (Adenomyosis Treatment in Hindi)

इलाज महिला की उम्र, लक्षणों और प्रेगनेंसी की इच्छा पर निर्भर करता है।

1. दवाइयाँ (Hormonal Treatment & Pain Relief हार्मोनल ट्रीटमेंट और पेन रिलीफ़)

  • दर्द और सूजन कम करने के लिए पेन रिलीवर दवाएं दी जाती हैं।
  • हार्मोनल दवाएं या प्रोजेस्टेरोन थैरेपी मासिक धर्म (मेंस्ट्रुएशन) को नियंत्रित करती हैं।

2. नॉन-सर्जिकल तरीके

  • IUD (हार्मोनल इंट्रायूटेराइन डिवाइस) : ‘T’ के आकार की यह डिवाइस गर्भाशय में लगाई जाती है जिससे ब्लीडिंग और दर्द कम होता है।
  • हॉर्मोन थेरेपी (Hormone therapy) : एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के संतुलन से लक्षणों में राहत मिलती है।

3. सर्जिकल विकल्प

  • एंडोमेट्रियल एब्लेशन (Endometrial ablation) : गर्भाशय की अंदरूनी परत को पतला कर दिया जाता है ताकि ब्लीडिंग कम हो।
  • यूटेरिन आर्टरी एम्बोलिज़शन (Uterine Artery Embolization - UAE) : गर्भाशय को खून की आपूर्ति करने वाली नसों को सिकोड़कर सूजन घटाई जाती है।
  • हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय निकालना) : जब दर्द और ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो और बाकी इलाज काम न करें, तब अंतिम विकल्प के रूप में यह सर्जरी की जाती है।

आज कई क्लिनिक “फ़र्टिलिटी प्रेसेर्विंग ट्रीटमेंट (Fertility-preserving treatments)” भी करते हैं ताकि गर्भाशय सुरक्षित रहे और महिला को भविष्य में माँ बनने में कोई समस्या न आये।

  • तनाव कम रखें और नियमित व्यायाम करें।
  • लो-फैट, आयरन और फाइबर युक्त आहार लें।
  • कैफीन और प्रोसेस्ड फूड कम करें।
  • हर साल पेल्विक चेकअप और अल्ट्रासाउंड करवाना ज़रूरी है, खासकर अगर ब्लीडिंग अनियमित हो।

एडिनोमायोसिस और मातृत्व (kaise bane maa?)

एडिनोमायोसिस होने पर भी माँ बनना संभव है। सही इलाज और फर्टिलिटी सपोर्ट से कई महिलाएँ सफलतापूर्वक गर्भधारण कर चुकी हैं।

  • दवाओं से गर्भाशय की सूजन कम कर इलाज के बाद IVF या IUI से प्रेगनेंसी संभव है।
  • जिन महिलाओं की उम्र अधिक है या फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी समस्या है तो उनके लिए IVF बेहतर विकल्प है।

इमोशनल सपोर्ट और रेगुलर फॉलोअप से एडिनोमायोसिस से पीड़ित महिलाओँ का माँ बनने का सफर आसान हो जाता है।

निष्कर्ष

एडिनोमायोसिस की अगर सही समय पर पहचान और इलाज हो जाए, तो इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है और प्रेगनेंसी भी संभव है। महिलाओं के लिए ज़रूरी है कि वे अपने शरीर के संकेतों को समझें और दर्द या अनियमित ब्लीडिंग को “सामान्य” न मानें। सही डॉक्टर और सही देखभाल के साथ जीवन फिर से सामान्य और स्वस्थ हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

एडिनोमायोसिस क्या होता है?

 

यह स्थिति है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत की कोशिकाएँ बाहर की अन्य मांसपेशियों में घुस जाती हैं।

एडिनोमायोसिस, गर्भाशय और फाइब्रॉइड्स में क्या अंतर है?

 

फाइब्रॉइड्स ट्यूमर जैसे गांठ होते हैं, जबकि एडिनोमायोसिस मांसपेशियों के भीतर फैली कोशिकाएँ होती हैं।

क्या एडिनोमायोसिस में प्रेगनेंसी संभव है?

 

हाँ, दवाओं या IVF/IUI जैसे ट्रीटमेंट से प्रेगनेंसी हो सकती है।

एडिनोमायोसिस के कैंसर जैसे लक्षण क्या हैं?

 

भारी ब्लीडिंग, तेज दर्द, और एनीमिया लेकिन याद रहे यह कैंसर नहीं है।

एडिनोमायोसिस का इलाज कैसे किया जाता है?

 

दवाओं, हार्मोनल थेरेपी, या सर्जिकल तरीकों से।

बिना सर्जरी के एडिनोमायोसिस कैसे ठीक किया जा सकता है?

 

IUD, हार्मोन थेरेपी या UAE से राहत मिल सकती है।

क्या एडिनोमायोसिस कैंसर में बदल सकता है?

 

नहीं, यह कैंसर नहीं बनता, लेकिन लक्षण समान हो सकते हैं।

क्या एंडोमेट्रियोसिस खतरनाक है?

 

एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस अलग स्थितियाँ हैं, लेकिन दोनों ही दर्द और फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती हैं।

एडेनोमायोमैटिक परिवर्तन क्या है?

 

यह एडिनोमायोसिस जैसी ही स्थिति है जिसमें गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है।

एडिनोमायोमैटोसिस ऑफ गॉलब्लैडर क्या है?

 

यह पित्ताशय (Gallbladder) से जुड़ी अलग स्थिति है, जो गर्भाशय की बीमारी से संबंधित नहीं है।

**Disclaimer: The information provided here serves as a general guide and does not constitute medical advice. We strongly advise consulting a certified fertility expert for professional assessment and personalized treatment recommendations.
© 2025 Indira IVF Hospital Private Limited. All Rights Reserved. T&C Apply | Privacy Policy| *Disclaimer