ओव्युलेशन वह समय है जिसमें एक महिला के अंडाशय से एक परिपक्व अंडाणु निकलता है, जो आमतौर पर मासिक धर्म के मध्य में होता है और गर्भधारण के लिए महत्वपूर्ण है।
महिला की ओवरी से अंडा बाहर आने यानि रिलीज होने को चिकित्सा विज्ञान में ओवुलेशन कहा जाता है। ओवुलेशन यानि अण्डोत्सर्ग के दौरान अंडा ओवरी से बाहर निकलकर ट्यूब में आ जाता है। इस दौरान पति-पत्नी के साथ रहने पर स्पर्म अण्डे को ट्यूब में फर्टिलाइज कर देता है।
अण्डोत्सर्ग का समय महिला के गर्भधारण के लिए सबसे अच्छा समय होता है, इसे सबसे अधिक फरटाइल पीरियड माना जाता है । असुरक्षित संबंध बनाने पर गर्भधारण होने की सर्वाधिक संभावना रहती है। जो कपल कंसीव करना नहीं चाहते हैं उन्हें ओवुलेशन के दौरान संबंध बनाने से दूरी रखनी चाहिए ।
ओवुलेशन पीरियड्स पर निर्भर करता है। अगर पीरियड नियमित हैं तो ओवुलेशन समय पर हो जाता है लेकिन माहवारी अनियमित हैं तो ओवुलेशन में नियमित होने में समस्या हो सकती है। ओवुलेशन नियमित नहीं होने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैस मोटापा या कम वजन, पीसीओएस और थायराइड । ओवुलेशन नियमित करने के लिए आमतौर पर पहले डॉक्टर लाइफ स्टाइल में बदलाव के बारे में सुझाव देते हैं।
चाहे आप फैमिली प्लानिंग कर रही हो या नहीं लेकिन आपको अपने ओवुलेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए। ओवुलेशन पीरियड के बारे में पता होने से आपके गर्भधारण के चांसेज ज्यादा होते हैं। ओवुलेशन की समयावधि 24 से 36 घंटों तक की हो सकती है।
ओवुलेशन होने के एक-दिन पहले से या बाद में संभोग करने गर्भधारण के चांसेज सबसे अधिक होते हैं। ये दिन फर्टिलिटी विण्डो के सबसे बेस्ट दिन माने जाते हैं।
सामान्यतया महिलाओं के पीरियड की साइकिल 28 से 35 दिन के बीच की होती है। महिला की महावारी यदि 28 दिन के आसपास आ जाती है तो इसे सामान्य माना जाता है। सामान्यतया जिन महिलाओं का मासिक चक्र 28 दिनों को होता है उन्हें माहवारी के 14 वें दिन के आसपास ओवुलेशन होने की संभावना रहती है। सभी महिलाओं की पीरियड साइकिल 28 दिन की नहीं होती है इसलिए सभी का ओवुलेशन का सटिक समय बता पाना मुश्किल होता है। वैसे पीरियड के पहले दिन के अनुसार कांउट करना चाहिए। जिन महिलाओं का मासिक चक्र 21 दिन के आसपास का होता है उन्हें 7 वें दिन अण्डोत्सर्ग तथा जिनका मासिक चक्र 35 दिन के आसपास होता है वे 21 वें दिन के आसपास ओवुलेशन करती है।
ऐसा नहीं है कि पूरे माह में कभी भी गर्भधारण हो जाता है इसके लिए ओवुलेशन के दौरान, पहले या बाद में संबंध बनाना अनिवार्य होता है। कपल को फर्टिलिटी विण्डो के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए ताकि उन्हें जल्दी सफलता प्राप्त हो जाए।
आमतौर कहा जाता है कि ओवुलेशन से चार-पांच दिन पहले से लेकर ओवुलेशन के दिन तथा एक-दो दिन बाद तक संबंध बनाने से गर्भधारण होने की संभावना सबसे अधिक होती है। पुरुष के स्पर्म का जीवन 3 दिनों और महिला के अंडे का जीवन 24 घंटों का होता है। इसलिए गर्भधारण के प्रयास के लिए इन दिनों को चुनाव करें ।
अगर आप प्रेगनेंसी के लिए ट्राय कर रही हैं तो आपको ओवुलेशन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। ओवुलेशन का मतलब अण्डाषय से परिपक्व अंडा फैलोपियन ट्यूब में आ चुका है लेकिन निषेचन के लिए कम ही समय होता है इसलिए इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक है। यदि आप समझ नहीं पा रही है तो अपने चिकित्सक से पीरियड और ओवुलेशन के बारे में समझें।
ओवुलेशन के दौरान कंसीव करने का ट्राय करने पर कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं जैसे:
ये जरूरी नहीं है कि आप ओवुलेशन के दौरान या इसके आगे, पीछे के दिनों में ट्राय कर रही हैं तो कंसीव हो ही जाए याद रखें। कई बार अन्य शारीरिक समस्याओं के कारण ओवुलेशन के टाइम प्रयास करने पर भी गर्भधारण नहीं हो पाता है।
किसी भी महिला के गर्भधारण के लिए ओव्युलेशन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस समय महिला के अंडाशय से परिपक्व अंडा फैलोपियन ट्यूब में पहुंचता है और ये गर्भधारण के लिए श्रेष्ठ परिस्थितियां होती हैं। अंडा ट्यूब में आने के दिनों में कपल असुरक्षित संबंध बनाए तो प्रेग्नेंसी की संभावना सबसे अधिक होती है। महिला की मासिक साइकिल के आधार पर आमतौर पर पीरियड के 11वें से 16वें दिन के बीच ओव्युलेशन होता है। ओव्युलेशन के समय शरीर में कुछ संकेत जैसे स्तन में सेन्सिटिविटी, पेट में हल्का दर्द, और सेक्स इच्छा में वृद्धि महसुस हो सकते हैं। अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको आव्युलेशन के दिन की सही जानकारी होनी चाहिए ।
आमतौर पर ओव्युलेशन पीरियड के 14वें दिन पर होता है लेकिन यह महिला की पीरियड की साइकिल पर निर्भर करता है।
अगर आपके ओव्युलेशन के दौरान गर्भधारण कर लिया है तो आपको थकान, स्तनों में दर्द, मूड में बदलाव और हल्का रक्तस्त्राव हो सकता है।
पीरियड के शुरूआत के दिन से काउंट करने पर 11 से 16 वें दिन तक गर्भधारण की संभावना सर्वाधिक होती है, जब ओव्युलेशन होता है।
ओव्युलेशन नहीं होने की स्थिति में गर्भधारण नहीं हो सकता है लेकिन समय पर उचित उपचार से ओव्युलेशन को नियमित किया जा सकता है।
ओव्युलेशन किट के माध्यम से यूरिन में एलएच हार्मोन की मात्रा को देखा जा सकता है जिससे ओव्युलेशन का दिन पता चलता है।