April 9, 2019
कोई भी दम्पती जो आईवीएफ प्रक्रिया कराने जा रहा होता है उसने कभी ये नहीं सोचा होता है कि अगर मेरा आईवीएफ असफल होगा तो मैं क्या करूंगा। आईवीएफ क्योंकि एक महंगी तकनीक है तो असफलता के बाद दम्पती आर्थिक व मानसिक रूप से टूट जाते हैं और यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या हम कभी माता-पिता बन पाएंगे |
इन्दिरा आई वी एफ लाजपतनगर दिल्ली की आई वी एफ स्पेशलिस्ट सागरिका अग्रवाल बताती हैं कि आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता दर विश्वभर में 100 प्रतिशत नहीं है जिसके कारण कुछ दम्पतियों को पहले आईवीएफ चक्र में निराशा हाथ लगती है। क्या इसका ये मतलब है कि उन दम्पतियों के लिए आगे सारे रास्ते बंद हो गए? कदापि नही| आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता दर काफी पैमानों पर निर्भर करती है और उनमें से सबसे पहला और अहम है आईवीएफ सेन्टर का चुनाव क्योंकि हर आईवीएफ सेन्टर की सफलता दर एक जैसी नहीं होती।
आईवीएफ की सफलता दर पत्नी के अण्डे, पुरुष के शुक्राणु और उनसे बने भ्रूण की गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है। गर्भाशय व उसके अंदर की परत एंडोमेट्रियम का भी अच्छा व स्वस्थ होना आवश्यक है क्योंकि भ्रूण को उसी परत पर चिपकना होता है व नौ महीने वहीं बड़ा होना होता है। आईवीएफ की सफलता फर्टिलिटी डॉक्टर की कुशलता पर भी निर्भर करती है क्योंकि किस दम्पती के लिए कौनसी आईवीएफ प्रक्रिया का चयन करना है और उस प्रक्रिया को कैसे कुशलतापूर्ण निभाना है वह भी डॉक्टर पर निर्भर करता है । इन्दिरा आई वी एफ फरीदाबाद की आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ. ज्योति गुप्ता का कहना है कि एम्ब्रियोलॉजी लेब जहाँ भ्रूण का निर्माण होता है तथा भ्रूण वैज्ञानिक जो अण्डे व शुक्राणु को मिलाने में मदद करता है अथवा इन्क्यूबेटर जिसमें भ्रूण को विकास होता है यह सब भी आईवीएफ की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं । एक अच्छी एम्ब्रियोलॉजी लेब जो अत्याधुनिक उपकरणों से लेस हो व एक कुशल भ्रूण वैज्ञानिक की देखरेख में संचालित हो इस पर भी कई हद तक आईवीएफ की सफलता निर्भर करती है । किसी भी दम्पती को आईवीएफ सेंटर का चुनाव बहुत सोच समझ कर करना चाहिए क्योंकि जहाँ ज्यादा सुविधाएं हैं वहां ज्यादा संभावनाएं हैं।
इन्दिरा आई वी एफ कानपूर की आई वी एफ स्पेशलिस्ट राम्या मिश्रा बताती हैं कि एक सर्वे के अनुसार आईवीएफ चक्र का खर्च और आईवीएफ सेंटर से घर से दूरी वे प्रथम दो कारण हैं किसी भी दम्पती के आईवीएफ सेंटर के चुनाव के पीछे मगर अक्सर दम्पती इस सच्चाई से अछूते रह जाते हैं कि हर आईवीएफ सेंटर की सफलता दर एक जैसी नहीं होती है । आईवीएफ सेंटर के चुनाव में एम्ब्रियो की गुणवत्ता की सबसे अहम भूमिका होती है क्योंकि आईवीएफ प्रक्रिया की सफलता 70 प्रतिशत एम्ब्रियो पर निर्भर करती है । इसलिए एम्ब्रियोलॉजी लेब में नवीनतम व अत्याधुनिक उपकरणों का होना अत्यन्त आवश्यक होता है इन उपकरणों को चलाने वाला एम्ब्रियोलॉजिस्ट (भ्रूण वैज्ञानिक)जो अण्डों व शुक्राणु को मिलाकर भ्रूण तैयार करने में मदद करता है उसकी भी भूमिका अहम है । फर्टिलिटी डॉक्टर जो मरीज की जांच, आईवीएफ प्रक्रिया का चुनाव, अण्डे बनाने की प्रक्रिया, अण्डों को निकालना व भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित करता है। उस पर भी आईवीएफ की सफलता बड़े पैमाने पर निर्भर करती है ।
जहाँ ज्यादा आईवीएफ चक्र होते हैं वहाँ डॉक्टर, भ्रूण वैज्ञानिक व अन्य स्टॉफ की कुशलता अधिक होती है। दम्पती को आईवीएफ सेंटर के चुनाव में उपर लिखे बिन्दुओं पर ध्यान से गौर करना चाहिए । आईवीएफ का खर्च और घर से दूरी को इन सबके बाद रखना चाहिए क्योंकि आईवीएफ का खर्च इंजेक्शन के कुल खर्च पर बहुत अधिक निर्भर करती है। इंजेक्शन का खर्च, उसकी गुणवत्ता, आईवीएफ की सफलता दर एक-दूसरे पर बहुत अधिक निर्भर करती है।
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