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आईवीएफ की नयी तकनीक से अंडे ख़त्म होने पर भी माँ बनना संभव

Reviewed by Indira IVF Fertility Experts
Last updated: June 04, 2025

Overview

अंडाशय या ओवरी एक सफल गर्भावस्था जारी रखने के लिए अंडे और हार्मोन जारी करते हैं। हालांकि, पीओएफ के मामले में, जिसे प्री मैच्योर ओवेरियन इन सफिसियेंसी (पीओआई) भी कहा जाता है।

 

गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे एक दम्पति की परिवार नियोजन यात्रा में प्रजनन समस्या सबसे बड़ी बाधा है। 40 वर्ष से कम उम्र की 1% से अधिकमहिलाये प्रीमैच्योर ओवेरियन फैल्योर का सामना करती है, जो उनके गर्भधारण को रोकती है।

समय पूर्व ओवेरियन फैल्योर (पीओएफ) क्या है?

-अंडाशय या ओवरी एक सफल गर्भावस्था जारी रखने के लिए अंडे और हार्मोन जारी करते हैं। हालांकि, पीओएफ के मामले में, जिसे प्री मैच्योर ओवेरियन इन सफिसियेंसी (पीओआई) भी कहा जाता है, अंडाशय 40 साल की उम्र तक पहुचते हुए अंडे रिलीज करना माहवारी समाप्त होने के साथ बंद कर देते हैं। इस स्थिति की औसत शुरूआत 27 वर्ष से ही हो जाती है। कई महिलाओं में यह स्थिति जन्म से ही मौजूद होती है। उम्र के साथ पीओएफ का खतरा बढ़ जाता है।

इन्दिरा आई वी एफ दिल्ली के आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ. शुभदीप भट्टाचार्य बताते है ..

पीओआई के कारण

– प्री मैच्योर ओवेरियन फैल्योर की वजह अंडों का नुकसान होना है, जो निम्न स्थितियों का परिणाम हो सकता है।

1-गुणसूत्रों में दोष: टर्नर सिंड्रोम और नाजुक एक्स सिंड्रोम जैसी जेनेटिक स्थिति पीओआई से जुड़ी है। टर्नर सिंड्रोम वाली महिलाओं में, एक सामान्य एक्स गुणसूत्र होता है, लेकिन दूसरा एक्स गुणसूत्र बदल जाता है या गायब होता है। दूसरी तरफ, नाजुक एक्स क्रोमोसोम सिंड्रोम वाली महिलाओं में एक्स गुणसूत्र बहुत कमजोर होते हैं और टूट जाते हैं।

2-विषाक्त पदार्थ: विकिरण और कीमोथेरेपी से गुजरने वाली अधिकांश महिलाएं टॉक्सिन इंड्यूस्ड ओवेरियन फैल्योर से पीड़ित हो सकती हैं, क्योंकि वे कोशिकाओं में आनुवांशिक नुकसान करती है। सिगरेट, दवाएं, कीटनाशकों, वायरस, और रसायन ओवेरियन फैल्योर को बढ़ाते हैं।

3-ऑटोइम्यून बीमारियां: ऑटोइम्यून बीमारियां तब होती हैं जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की मूल कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला शुरू कर देती है। जब ऑटोइम्यून बीमारी अंडाशय को प्रभावित करती है, तो एंटीबॉडी अंडाशय में फॉलिकल को नुकसान पहुंचाती है, जिसमें अंडे होते हैं। हालांकि इसका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह एक वायरस के लिए ट्रिगर माना जाता है।

4-इडियोपैथिक कारण: कभी-कभी पीओआई का कारण अज्ञात है और आगे परीक्षण पर भी इसकी पहचान नहीं की जा सकती है।

इन्दिरा आई वी एफ लखनऊ के आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ. पवन यादव कहते है कि

पीओएफ के लक्षण रजोनिवृत्ति के लक्षणों की तरह हैं और इनमें शामिल हैं:

-अनियमित पीरियड्स

-रात को पसीना आना

-होट फ्लेशेज, शरीर का तापमान बढ़ना

-नींद न आना

-अवसाद, चिड़चिड़ाहट या चिंता

-ध्यान केंद्रित करने में परेशानी

-योनि सूखापन

-कम यौन इच्छा

निदान और टेस्ट

पीओआई का निदान आमतौर पर निम्नलिखित परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है:

-डॉक्टर शारीरिक परीक्षण कर मेडिकल हिस्ट्री जानेगा। डॉक्टर कारणों का पता लगाने के लिए आपके लक्षणों के बारे में पूछताछ करेगा। गर्भावस्था को रुल आउट करने के लिए आपको प्रेग्नेंसी टेस्ट भी कराना होगा।

-रक्त परीक्षण आपके शरीर में हार्मोन के स्तर को निर्धारित करेंगे और फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) का स्तर अंडाशय की जांच करके यह सुनिश्चित करेंगे कि यह ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं।

-प्रजनन हार्मोन एस्ट्रोजन और ल्यूटिनिजिंग हार्मोन (एलएच) के स्तर भी निर्धारित किए जाते हैं।

– ऑटोइम्यून रोगों और आनुवांशिक विकारों की जांच के लिए अतिरिक्त परीक्षण किए जाते हैं।

प्री मैच्योर ओवेरियन फैल्योर की जटिलताएं के बारे में इन्दिरा आई वी एफ नवी मुंबई के आई वी एफ स्पेशलिस्ट डॉ. अमोल नाइक बताते है कि

प्री मैच्योर ओवेरियन फैल्योर कुछ जटिलताओं को जन्म देती है जैसे कि:

1-बांझपन: यदि अंडे पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं तो गर्भवती होने का मौका नहीं रहता है। हालांकि, अगर आपके अंडे पूरी तरह से समाप्त नहीं होते हैं, तो आप अब भी गर्भधारण कर सकते हैं।

2-ओस्टियोपोरोसिस: एस्ट्रोजन हार्मोन हड्डियों की ताकत को बनाए रखने में मदद करता है। एस्ट्रोजन के कम उत्पादन के परिणामस्वरूप कमजोर और भंगुर हड्डियां हो सकती हैं जो टूटने के लिए प्रबल रहती हैं।

3-अवसाद और चिंता: चूंकि महिलाओं को बांझपन और कुछ अन्य जटिलताओं की जोखिम का सामना करना पड़ता है, इसलिए वे अवसाद और चिंता से गुजरती हैं।

4-हृदय रोग: कम उम्र में एस्ट्रोजन की कमी या एस्ट्रोजन की हानि दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकती है।

5-डिमेंशिया: एस्ट्रोजन की कमी कई महिलाओं में डिमेंशिया के जोखिम को भी बढ़ा सकती है।

प्रीमैच्योर ओवेरियन फैल्योर का उपचार

अब जबकि आपके अंडाशय में कार्यक्षमता वापस लाने के लिए कोई इलाज नहीं है, ऐसे में उपचार के कुछ विकल्प हैं जो पीओएफ के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

-शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन जोड़ने के लिए महिलाओं को हार्मोन थेरेपी निर्धारित की जाती है। यह थैरेपी गोलियां, स्प्रे, पैच, जेल या योनि रिंग के माध्यम से दी जा सकती है। हार्मोन थेरेपी आपके शरीर को हार्मोन संतुलन प्रदान कर सकती है और एस्ट्रोजन की कमी के कारण ओस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग, डिमेंशिया आदि परिस्थितियों के जोखिम को कम कर सकती है।

– गर्म फ्लेशेज को रोकने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।

-महिलाएं कृत्रिम गर्भनिरोधक विधियों जैसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन(आईवीएफ) या गर्भधारण करने के लिए डोनर अंडे भी चुन सकती है।

प्रीमैच्योर ओवेरियन फैल्योर को कैसे रोकें?

-यद्यपिप्रीमैच्योर ओवेरियन फैल्योर को रोकने के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है, फिर भी आप स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखकर हृदय रोग, ओस्टियोपोरोसिस आदि जैसी जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकते हैं। एक अच्छा, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। धूम्रपान से बचने और कम वसा वाले आहार खाने से हड्डी के नुकसान को रोक सकते हैं और आपके हृदय का बचाव हो सकता है। आप अच्छी कैल्शियम डाइट लें, यह आपकी हड्डी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

आप पीओएफ होने पर अपनी भावनाओं से कैसे निपट सकते हैं?

-पीओएफ, विशेष रूप से इसके कारण होने वाली नि:संतानता आपको उदास और परेशानी में डाल सकती है। ऐसे में हमेशा अनुशंसा की जाती है कि आप एक फर्टिलिटी एक्स्पीर्ट से परामर्श लें |

पीओआई के कारण अन्य समस्याएं

-पीओआई वाली महिलाओं में अंडाशय शरीर की वर्किंग को बढ़ाने के लिए पर्याप्त एस्ट्रोजन उत्पन्न करने में सक्षम नहीं होते हैं जबकि एस्ट्रोजेन रक्त वाहिकाओं को लचीला रखने और स्ट्रोक, अल्जाइमर और उच्च कोलेस्ट्रॉल को रोकने के लिए आवश्यक है।

पीओएफ में आई वी एफ डोनर एग से कैसे बने माँ ?

इस समस्या में प्राकृतिक रूप से गर्भधारण की संभावनाए नहीं के बराबर होती है | अंडे नहीं बनने पर डोनर एग लेकर आई वी एफ तकनीक से माँ बनना आसान है | आई वी एफ में लैब में डोनर एग को पति के शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है और भ्रूण बनने के के बाद उसे महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है फिर भ्रूण उसी महिला के गर्भ में पलता है और उसका जन्म होता है |


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